अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने को एक साल पूरा होने जा रहा है, जिसे राम मंदिर ट्रस्ट प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है। इस अवसर पर 11 जनवरी को शहर भर में विशेष आयोजन किए जाएंगे, और हर घर में आरती व पूजा होगी।
इस उत्सव की तैयारियों के बीच एक सुरक्षा-related मामला सामने आया है। मंदिर परिसर में एक व्यक्ति चश्मे में लगे कैमरे से गुपचुप तरीके से फोटो खींचते हुए पकड़ा गया। पुलिसकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई कर उसे हिरासत में लिया, और अब खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश न हो।
चश्मे में कैमरा लगाकर गुप्त रूप से तस्वीरें खींच रहा था संदिग्ध
अयोध्या के राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) के पास है, जिसे यूपी सरकार ने खासतौर पर इसी उद्देश्य के लिए तैयार किया है। इस फोर्स में प्रदेश की पुलिस और पीएसी के अनुभवी जवान शामिल हैं, जिन्हें खास ट्रेनिंग देकर मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया है ताकि परिसर की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
फिर भी, बीते सोमवार को एक ऐसी घटना घटी जिसने सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए। रामलला के दर्शन के लिए आया एक व्यक्ति, जिसने हाई-टेक कैमरे वाला चश्मा पहन रखा था, मंदिर के कई चेकपॉइंट्स पार कर भीतर पहुंच गया। उस दौरान किसी भी सुरक्षा कर्मी को उसकी हरकतों पर शक नहीं हुआ। जब वह मंदिर के भीतर तस्वीरें लेने लगा, तब सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
जांच में खुलासा हुआ कि उसके चश्मे के फ्रेम में दोनों तरफ छोटे-छोटे कैमरे छिपे हुए थे, जिनसे वह बिना किसी की नजर में आए तस्वीरें ले सकता था। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे खुफिया एजेंसियों को सौंप दिया, जो अब उससे पूछताछ कर रही हैं।
रामलला के प्रतिष्ठापित होने की पहली वर्षगांठ
देश और दुनिया ने श्रीराम के भव्य मंदिर में विराजित होने की ऐतिहासिक घटना को देखा है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला को उनके मंदिर में स्थापित करने के लिए भूमि पूजन किया था, और फिर 22 जनवरी 2024 को, 500 वर्षों के बाद, रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान किया गया। हिंदू धर्म में, जहां सभी पर्व और उत्सव पंचांग के हिसाब से मनाए जाते हैं, उसी तरह रामलला की प्रतिष्ठा की सालगिरह को हर साल पौष शुक्ल द्वादशी, यानी कूर्म द्वादशी को मनाने की परंपरा तय की गई है। इसे प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाएगा, और वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी।
अब, 11 जनवरी के इस महत्वपूर्ण दिन को लेकर अयोध्या में जोरदार तैयारियाँ की जा रही हैं। शहर के करीब 10,000 मठ-मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रतिष्ठा द्वादशी का यह उत्सव न केवल राम मंदिर में, बल्कि अयोध्या के हर घर में श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाएगा। यह दिन रामलला के प्रति देशवासियों की गहरी आस्था और भक्ति का प्रतीक बनेगा, और एक नई ऊर्जा का संचार करेगा।