दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025(Delhi Elections 2025) में अब 15 दिन से भी कम का समय है ऐसे में पार्टियां इस चुनावी मैदान में विजयी बिगुल फूंकने के लिए एक बार फिर दलित वोटों को लुभाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बीजेपी ने इस बार सबसे अधिक 14 सीटों पर दलित उम्मीदवार उतरा है वहीं इस फेहरिस्त में दुसरे नंबर पर आने वाली कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए 13 सीटों पर दलित उम्मीदवार उतरा है। जबकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में मात्र 12 दलित उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
यही नहीं अगर दिल्ली के चुनावी इतिहास पर गौर करें, तो यह साफ होता है कि आरक्षित 12 सीटें ही सत्ता की असली चाबी रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2025 में भी दिल्ली की कुर्सी का फैसला दलित वोटरों के हाथों में होगा?
इतिहास गवाह है
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, और इन सीटों के नतीजे हमेशा दिल्ली की सत्ता का फैसला करते हैं। दिल्ली में दलित समुदाय का वोट बैंक लगभग 17% है, जो कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाता है। इसमें से 38% जाटव समुदाय और 21% वाल्मीकि समुदाय से हैं, जिनका वोट चुनावी परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखता है।
अगर हम दिल्ली के चुनावी इतिहास पर नज़र डालें, तो यह साफ दिखता है कि आरक्षित सीटों पर जिस पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हुआ, वही पार्टी सरकार बनाने में सफल रही है। उदाहरण के तौर पर, 2020 और 2015 में आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन 12 सीटों पर शानदार जीत हासिल की और दिल्ली में सरकार बनाई। 2013 में भी AAP ने 9 आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की और सत्ता में आई। कांग्रेस ने 2008 और 2003 में क्रमशः 9 और 10 आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की और सरकार बनाई। 1998 में कांग्रेस ने सभी 12 आरक्षित सीटों पर विजय प्राप्त की और सत्ता पर काबिज़ हुई। 1993 में भाजपा ने 8 आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की और सरकार बनाई।
विधानसभा | 2013 | 2015 | 2020 |
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बवाना | भाजपा | आप | आप |
सुल्तानपुर माजरा | कांग्रेस | आप | आप |
मंगोलपुरी | आप | आप | आप |
करोल बाग़ | आप | आप | आप |
पटेल नगर | आप | आप | आप |
मादीपुर | आप | आप | आप |
देवली | आप | आप | आप |
बम नगर | आप | आप | आप |
त्रिलोकपुरी | आप | आप | आप |
कोंडली | आप | आप | आप |
सीमापुरी | आप | आप | आप |
गोकलपुर | भाजपा | आप | आप |
इससे यह साफ़ होता है कि दिल्ली की सत्ता की कुंजी इन 12 आरक्षित सीटों में ही है। इसके अलावा, दिल्ली की 18 अन्य सीटों पर दलित मतदाता 25% या उससे अधिक हैं, जिनमें राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद और बिजवासन जैसी सीटें शामिल हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है की इन सीटों पर दलित मतदाताओं का समर्थन तय करेगा कि अगली सरकार(Delhi Elections 2025) कौन बनाएगा।