TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक कैबिनेट ने नई बहुमंजिला इमारतों पर अग्निशमन उपकर लगाने को मंजूरी दी

    कर्नाटक के अग्नि उपकर पर तीखी प्रतिक्रिया: नागरिकों ने बहुमंजिला इमारतों पर 1% शुल्क लगाने पर सवाल उठाए

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    कर्नाटक कैबिनेट ने नई बहुमंजिला इमारतों पर अग्निशमन उपकर लगाने को मंजूरी दी

    कर्नाटक के अग्नि उपकर पर तीखी प्रतिक्रिया: नागरिकों ने बहुमंजिला इमारतों पर 1% शुल्क लगाने पर सवाल उठाए

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    4,078 दिन का सफर: नरेंद्र मोदी ने रचा इतिहास, इंदिरा गांधी को पछाड़ा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

न CM थे न PM, फिर भी मोदी ने ऐसे बदल दी थी भूकंप पीड़ित भुज की तस्वीर: कहानी तब की, जब मौत की चादर ओढ़ सो गया था कच्छ

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
26 January 2025
in इतिहास
नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, भुज भूकंप में गुजरात की पुनर्निर्माण यात्रा

नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, भुज भूकंप में गुजरात की पुनर्निर्माण यात्रा(Image Source: Etv Bharat)

Share on FacebookShare on X

आज से 24 साल पहले साल 2001 में पूरा देश 51वें गणतंत्र दिवस की खुशियों से सराबोर था, लेकिन एक त्रासदी ने पूरे देश को गमगीन कर दिया। इस त्रासदी में लगभग 20 हजार लोगों की मौत हो गई। हजारों लोग घायल हुए और लाखों लोग बेघर गए। हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। इसका सीधा असर रोजगार और कारोबार पर भी पड़ा। यह त्रासदी थी गुजरात के भुज में आए भूकंप की। हालाँकि, उस समय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और गुजरात को फिर से अपने पैरों पर और मजबूती के साथ खड़ा किया।

भुज को 4000 करोड़ का तोहफा

साल 2001 में गणतंत्र दिवस की सुबह थी। स्कूलों-कॉलेजों से लेकर पूरे राज्य में ध्वजारोहण हो रहा था। लोग गणतंत्र दिवस की खुशियों में डूबे हुए थे। जैसे ही सुबह का 8:46 बजा भुज और उसके आसपास के क्षेत्रों में 7.7 की तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया और देखते ही देखते सब कुछ तबाह हो गया। गुजरात के 21 जिले इससे हिल गए थे। कच्छ और भुज में 20,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस घर तो ऐसे थे कि पूरा-का-पूरा परिवार ही मौत की मुँह में समा गया। ऐसी लाशों से भुज पटा पड़ा था, जिन्हें पहचानना भी मुश्किल था। ऐसे में दूसरे लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।

संबंधितपोस्ट

बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

वीज़ा-मुक्त समझौते पर पाकिस्तान-बांग्लादेश की सहमति; भारत सतर्क

गुजरात ATS ने अलकायदा से जुड़े चार संदिग्धों को किया गिरफ्तार, देश विरोधी गतिविधियों के मिले थे ये संकेत

और लोड करें
भुज भूकंप
भुज भूकंप (Image Source: Indian Express)

इस प्राकृतिक आपदा में 1.5 लाख से अधिक लोग घायल हो गए थे। भुज भूकंप के केंद्र से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूर था। भुज में 40 प्रतिशत घर, आठ स्कूल, दो अस्पताल और चार किलोमीटर की सड़कें पूरी तरह तबाह हो गई थीं। 2 मिनट के भूकंप के कारण 4 लाख मकानों के नींव बर्बाद हो गए और छह लाख से अधिक लोगों को सड़कों पर आना पड़ा। इस आपदा में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था। भूकंप के झटके 700 किलोमीटर दूर तक महसूस किए गए। इसका असर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर भी पड़ा।

साल 2022 में संसद के सत्र को संबोधित करने के दौरान भुज की घटना को याद करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि जब वे भुज और कच्छ के दौरे पर गए तो हर तरफ मलबा ही मलबा था। उन्होंने कहा था, “ऐसा लग रहा था, जैसे कच्छ मौत की चादर ओढ़कर सो गया हो।”

इस विनाशकारी भूकंप के बाद पूरा देश गुजरात की मदद के लिए आगे आया था। विदेशों से भी आर्थिक सहायता मिली। लोग घायलों की मदद के लिए जी-जान से जुट गए। बड़ी संख्या में वॉलिंटियर लोगों की मदद के लिए गुजरात पहुँचे थे। सेना और केंद्रीय बल के जवान दिन-रात करके मलबों को हटाकर लोगों को निकाला और घायलों को अस्पताल पहुँचाया। जिनकी मौत हो गई थी उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। बेसहारा हो गए बच्चों एवं वृद्ध लोगों के खाने-पीने और रहने का इंतजाम किया गया। बेघर हुए लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराया गाय। उस समय के सामने बहुत बड़ी चुनौती मुँह बाए खड़ी हो गई थी। उनके सामने पीड़ितों की मदद, उनका पुनर्वास और भुज एवं कच्छ के पुनर्निर्माण की चुनौती आ गई थी।

इंडिया टुडे के उस समय के रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भूकंप आया तो गुजरात के 25 जिला के कलेक्टरों में से किसी का भी सैटेलाइट फोन काम नहीं कर रहा था। उनमें से किसी से आपातकालीन संपर्क नहीं हो पा रहा था। इससे ठीक एक महीने पहले यानी दिसंबर 2000 में गुजरात के तत्कालीन प्रमुख सचिव (राजस्व) सीके कोशी ने कलेक्टरों को पत्र जारी करके कहा था, “अलमारी से सैटेलाइट फोन बाहर निकालकर धूल झाड़िए। देखिए कि वे काम कर रहे हैं या नहीं और रिपोर्ट दीजिए।” इस आदेश के बावजूद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया था। कहा जाता है कि भूकंप के 17 घंटे बाद गुजरात सरकार को पता चला कि कच्छ जिला शवों से पट चुका है।

जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय नरेंद्र मोदी दिल्ली में थे। तब वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे। गणतंत्र दिवस के परेड के दौरान भूकंप की तबाही की सूचना मिली। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में वाजपेयी ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कच्छ जाने के लिए कहा। इसके बाद नरेंद्र मोदी अगले अहमदाबाद की फ्लाइट पकड़कर भुज जाने के लिए निकल पड़े।

गुजरात में तब भाजपा सरकार में केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री थे। राज्य सरकार अपने स्तर पर सारा काम देख रही थी। वहीं, नरेंद्र मोदी ने पार्टी संगठन के लोगों के जरिए मदद की एक और लाइन तैयार की। वे सरकार का सहयोग करने लगे। वे वहाँ की स्थिति पर बारीकी से नज़र रखने लगे। भूकंप के कारण बर्बाद हुए इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के दौरान वे तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के साथ गए। उस समय केंद्र और राज्य, दोनों जगह भाजपा की सरकार थी। चूँकि, नरेंद्र मोदी पार्टी का राष्ट्रीय दायित्व सँभाल रहे थे, इसलिए वे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच कई चीजों का समन्वय भी कर रहे थे। इसलिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों वे भली-भाँति परिचित थे।

हालाँकि, भूकंप के कारण भुज पूरी तरह बर्बाद हो चुका था। वहीं, कॉन्ग्रेस जैसे विपक्षी दल भाजपा सरकार पर लोगों का पुर्नवास नहीं करने के आरोप लगाए। इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच राज्य में सितंबर 2001 में साबरकांठा लोकसभा और साबरमती विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। भाजपा ये दोनों सीटें हार गई। यह भाजपा सरकार के बहुत बड़ा झटका था। इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने भुज प्रकरण और राज्य में बगावत के बाद उपजे हालात को देखते हुए नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय लिया, क्योंकि अगले साल यानी 2002 में राज्य में विधानसभा के चुनाव भी होने थे। इसके लिए जरूरी था कि भुज और कच्छ को फिर से खड़ा किया जाए।

भुज भूकंप में गुजरात की पुनर्निर्माण यात्रा

भुज भूकंप से निपटने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने नरेंद्र मोदी को 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी। जिस समय नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उस समय राज्य में भूकंप प्रभावित लोगों के बचाव और राहत का काम पूरा हो चुका था। हालाँकि, पुनर्वास का काम अधूरा था। इसको लेकर भाजपा की सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर थी। अब राज्य की कमान नरेंद्र मोदी के हाथ में थी तो उन्होंने सारा फोकस लोगों के पुनर्वास पर किया। वे गुजरात के रहने वाले थे और संगठन में काम करने के दौरान वहाँ के हालात से भली-भाँति परिचित थे। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने भूकंप प्रभावित भुज और कच्छ को फिर से खड़ा करने के लिए एक रोडमैप बनाया।

मुख्यमंत्री के तौर नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक नियामक ढाँचा स्थापित किया। इसका नाम गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रखा गया। इसमें भूकंप, चक्रवात, सुनामी जैसी प्राकृतिक एवं कृत्रिम आपदाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ तैयार की गईं। गुजरात देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम लाने वाला पहला राज्य बना था। इस अधिनियम ने राष्ट्रीय अधिनियम के निर्माण का मार्गदर्शन किया। इसके अलावा, सीएम के रूप में नरेंद्र मोदी ने कई पहल की। उन्होंने राज्य के लगभग सभी विभाग प्रमुखों और सचिवों को हर सप्ताह कच्छ का दौरा करने और सोमवार एवं मंगलवार को जारी कार्यों पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। सीएम मोदी ने जनभागीदारी के तहत काम करना शुरू किया। जिन लोगों के मकान तबाह हुए थे, उन्हें सरकार ने एक निश्चित मदद दी और बाकी रुपया खुद लगाने को कहा।

इस योजना को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला। लोगों ने अपने पुनर्वास के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया और नरेंद्र मोदी ने सरकारी मिशनरी का पूरा फोकस इसे पूरा कराने में लगा दिया। जमीन को उपलब्ध कराकर नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस काम को एक साल में पूरा करा दिया। शहरों और कस्बों की प्लानिंग में थोड़ा वक्त लगा। मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी खुद इसकी निगरानी कर रहे थे। वे लगातार भुज की यात्रा पर रहते। वे तेजी से फैसले लेते गए। इस तरह नरेंद्र मोदी ने भुज को दोबारा खड़ा करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी।

भुज वासियों के साथ मनाई पहली दिवाली

भुज भूकंप के बाद लोगों के पुनर्वास का काम पूरा होते ही नरेंद्र मोदी वहाँ पर इंडस्ट्री लेकर आए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला और अपना जीवन बेहतर बनाने में वे कामयाब रहे। ये सब कुछ उनकी दीर्घकालिक पहल के कारण हुआ। उन्होंने रोजगार पैदा करने के आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर फोकस किया। कच्छ में उद्योग लाने के साथ-साथ उन्होंने पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया। कच्छ की संस्कृति और हस्तकला को बढ़ावा दिया और समुद्री तटों को सुंदर बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया। इससे जुड़ी बुनियादी ढाँचे का भी समानांतर विकास किया जाता रहा। इससे भुज के लोगों की किस्मत चमक उठी और भुज का भाग्य भी बदल गया।

उन्होंने 2001 में सीएम के रूप में अपनी पहली दिवाली भी भुज के लोगों के साथ ही मनाई। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनकी समस्याएँ और उनके सुझाव लिए। इस प्रयास ने उन्हें लोगों के साथ सीधे तौर पर जोड़ा और लोगों को लगा कि कोई है जो उनका फिक्र करता है। इसके बाद अगले साल 2002 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने गुजरात विधानसभा का चुनाव प्रचंड बहुमत से जीता और एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी और वे मुख्यमंत्री बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गुजरात को देश में विकास के एक मॉडल के रूप में विकसित किया, जिसे आज दुनिया गुजरात मॉडल के नाम से जानती है।

आज कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े सीमेंट संयंत्र हैं। वेल्डेड पाइप उत्पादन में कच्छ विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा संयंत्र कच्छ में है। इसके अलावा, एशिया का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) भी कच्छ में ही स्थापित किया गया था। वहाँ स्थित कांडला और मुंद्रा बंदरगाह मिलकर देश के 30 प्रतिशत शिपिंग कार्गो को सँभालते हैं। भारत का 30 प्रतिशत से अधिक नमक कच्छ में उत्पादित होता है। हरे खजूर, केसर आम, अनार, कमलम (ड्रैगन फ्रूट) आदि फलों के उत्पादन में कच्छ गुजरात में सबसे आगे है। पशुपालन के क्षेत्र में भी कच्छ ने बड़ी सफलता हासिल की है। वहाँ सरहद डेयरी का दूध संग्रह तीन गुना बढ़कर लगभग 5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। इसको देखते हुए वहाँ डेयरी के नए स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग प्लांट स्थापित किया गया। इसके अलावा कच्छ में 35 से अधिक कॉलेज, एक विश्वविद्यालय, 1,000 से अधिक नए स्कूल, एक नया भूकंपरोधी जिला अस्पताल बनवाया गया।

साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने भुज को नहीं भुलाया। उन्होंने साल 2022 में 4400 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का भुज में शिलान्यास किया। इसके साथ ही 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में वहाँ 470 एकड़ में ‘स्मृति वन’ नाम का एक स्मारक बनवाया। इस स्मारक पर भूकंप में जान गँवाने वाले लोगों के नाम लिखे हुए हैं। इसमें एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है, जिसमें भूकंप के दर्दनाक दृश्यों को दिखाया गया है।

 

स्रोत: गणतंत्र, गणतंत्र दिवस, भुज, भुज भूकंप, पीएम मोदी, प्रधानमंत्री मोदी, गुजरात, कच्छ, भूकंप, भारत, Republic, Republic Day, Bhuj, Bhuj Earthquake, PM Modi, Prime Minister Modi, Gujarat, Kutch, Earthquake, India
Tags: BhujBhuj EarthquakeEarthquakeGujaratIndiaKutchPM ModiPrime Minister ModiRepublicRepublic Dayकच्छगणतंत्रगणतंत्र दिवसगुजरातपीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदीभारतभुजभुज भूकंपभूकंप
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति’: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू – जाग गई है भारत की सोई आत्मा

अगली पोस्ट

‘अमृत काल में अमृत कलश’: देश भर में दिखी गणतंत्र दिवस की धूम, पहली बार निकली तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी

संबंधित पोस्ट

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)
इतिहास

इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

18 July 2025

इज़रायल ने हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए और इनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय व राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32

Lashkar-e-Taiba on the Run from Muridke: Is Bahawalpur Becoming Pakistan’s New Terror Capital?

00:07:26

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

00:04:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited