गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की घोषणा की और पाँच नियम बनाए जिनमें सभी को केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण रखना होता था...
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

    Balmukund Balidan Diwas

    बालमुकुंद बलिदान दिवस: चांदनी चौक के बम कांड से लेकर फांसी के फंदे तक; पढ़ें अनसुनी गाथा

    Operation Sindoor Border States

    ऑपरेशन सिंदूर: अलर्ट पर सीमावर्ती राज्य, डॉक्टरों और पुलिस की छुट्टियां रद्द

    Operation Sindoor

    Operation Sindoor: PM मोदी से मिले NSA डोभाल, पार्लियामेंट कैंपस में सर्वदलीय बैठक

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    Apple Iphone 600 टन

    ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए Apple ने भारत से ‘एयरलिफ्ट’ किए 600 टन आईफोन, अमेरिका पहुंचाए 20 हजार करोड़ के 15 लाख मोबाइल

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    india pakistan tension1

    युद्ध के मुहाने पर भारत-पाकिस्तान, 5 बातें जो दे रही हैं जंग के संकेत

    Territorial Army

    टेरिटोरियल आर्मी एक्टिव: पाकिस्तान से तनाव के बीच सेना प्रमुख की शक्तियां में इजाफा, जानें क्या है नियम 33?

    India Pakistan Tension Rajnath Singh Meeting

    सांबा में 7 आतंकी ढेर, CDS और सेना प्रमुखों के साथ राजनाथ सिंह की हाईलेवल मीटिंग

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    JD Vance On India Pakistan tension

    भारत के साथ दुनिया: पाकिस्तान को अमेरिका से झटका, जेडी वेंस ने कहा- हम दखल नहीं देंगे

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    अब्दाली मिसाइल का प्रशिक्षण

    डर से बौखलाया पाकिस्तान: मिसाइल परीक्षण का दावा, एलओसी पर लगातार 9वें दिन गोलीबारी जारी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    जयंती विशेष: सेवा के सूरज थे विष्णु कुमार, काम ऐसा किया जो आज धाम बन गया

    जयंती विशेष: सेवा के सूरज थे विष्णु कुमार, काम ऐसा किया जो आज धाम बन गया

    अब्दुल हमीद कैसर

    जयंती विशेष: अखंड भारत के अप्रतिम राष्ट्रभक्त – अब्दुल हमीद कैसर ‘लखपति’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

    Balmukund Balidan Diwas

    बालमुकुंद बलिदान दिवस: चांदनी चौक के बम कांड से लेकर फांसी के फंदे तक; पढ़ें अनसुनी गाथा

    Operation Sindoor Border States

    ऑपरेशन सिंदूर: अलर्ट पर सीमावर्ती राज्य, डॉक्टरों और पुलिस की छुट्टियां रद्द

    Operation Sindoor

    Operation Sindoor: PM मोदी से मिले NSA डोभाल, पार्लियामेंट कैंपस में सर्वदलीय बैठक

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    Meta Facebook Double Face

    फेसबुक का दोगला चेहरा! फाइनेंशियल फ्रॉड को बढ़ावा, राष्ट्रवादी विचार पर एक्शन; क्या ये जानबूझकर कर रहा है मेटा?

    GST On UPI Transactions

    क्या सच में 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर लगेगा GST? जानें सरकार का स्पष्टीकरण

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    15 दिन में तीसरी बार डाउन हुआ UPI, लोग बोले- ‘फिर कैश की और बढ़ रहे हैं हम’

    Apple Iphone 600 टन

    ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए Apple ने भारत से ‘एयरलिफ्ट’ किए 600 टन आईफोन, अमेरिका पहुंचाए 20 हजार करोड़ के 15 लाख मोबाइल

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    india pakistan tension1

    युद्ध के मुहाने पर भारत-पाकिस्तान, 5 बातें जो दे रही हैं जंग के संकेत

    Territorial Army

    टेरिटोरियल आर्मी एक्टिव: पाकिस्तान से तनाव के बीच सेना प्रमुख की शक्तियां में इजाफा, जानें क्या है नियम 33?

    India Pakistan Tension Rajnath Singh Meeting

    सांबा में 7 आतंकी ढेर, CDS और सेना प्रमुखों के साथ राजनाथ सिंह की हाईलेवल मीटिंग

    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    JD Vance On India Pakistan tension

    भारत के साथ दुनिया: पाकिस्तान को अमेरिका से झटका, जेडी वेंस ने कहा- हम दखल नहीं देंगे

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    भारत ने कई घंटों तक रोकने के बाद चेनाब में छोड़ा पानी, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट जारी

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    उल्टा पड़ा पाकिस्तान का UNSC का दांव: गीदड़भभकी देने पर पड़ी लताड़, परिषद ने कहा- ‘खुद सुलझाओ लड़ाई’

    अब्दाली मिसाइल का प्रशिक्षण

    डर से बौखलाया पाकिस्तान: मिसाइल परीक्षण का दावा, एलओसी पर लगातार 9वें दिन गोलीबारी जारी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    28 अगस्त के भारतीय सैनिकों ने रणनीतिक हाजी पीर दर्रे पर कब्जा कर लिया था (सोर्स: www.adityaaryaarchive.com)

    हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    उरुकागिना सुधार से वैदिक साहित्य तक, प्राचीन सभ्यताओं में छिपी हैं मानवाधिकार की जड़ें

    जयंती विशेष: सेवा के सूरज थे विष्णु कुमार, काम ऐसा किया जो आज धाम बन गया

    जयंती विशेष: सेवा के सूरज थे विष्णु कुमार, काम ऐसा किया जो आज धाम बन गया

    अब्दुल हमीद कैसर

    जयंती विशेष: अखंड भारत के अप्रतिम राष्ट्रभक्त – अब्दुल हमीद कैसर ‘लखपति’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    NC Classic Arshad Nadeem Neeraj Chopra

    नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के अरशद नदीम को NC क्लासिक में खेलने का दिया न्यौता, आलोचना के बाद दी सफाई

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    IPL 2025: पहलगाम आंतकी हमले के बाद MI vs SRH मैच में होंगे ये बदलाव; विराट-पांड्या समेत कई क्रिकेटर्स ने जताया शोक

    Loud Horns Health Minister Nitin Gadkari

    तेज हॉर्न सेहत पर कैसे डालते हैं असर? नितिन गडकरी निकालेंगे समाधान

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्यों सोने के तीर से दुश्मनों का वध करते थे गुरु गोबिंद सिंह, भगवा पगड़ी-ध्वज देकर शुरू किया खालसा पंथ: मुगलों से लड़े 14 युद्ध

गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की घोषणा की और पाँच नियम बनाए जिनमें सभी को केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण रखना होता था

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
6 January 2025
in इतिहास, चर्चित
गुरु गोबिंद सिंह के उद्घोष 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' आज भी सिखों में ऊर्जा और निडरता का संचार करता है

गुरु गोबिंद सिंह के उद्घोष 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' आज भी सिखों में ऊर्जा और निडरता का संचार करता है

Share on FacebookShare on X

सिख धर्म में प्रकाश पर्व का विशेष महत्व है। सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव और खालसा पंथ के संस्थापक एवं सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व 6 जनवरी 2025 को है। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 में हुआ था। हालाँकि, हिंदी मास के अनुसार ही यह पर्व मनाया जाता है।

गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें एवं आखिरी गुरु थे। वे सिर्फ 10 वर्ष की उम्र में गुरु बन गए थे। हालाँकि, पंथ के लिए गुरु चुनने की प्रक्रिया उन्होंने बंद कर दी और गुरु ग्रंथ साहिब को ही सिखों के गुरु के रूप में सुशोभित किया। गुरुग्रंथ साहिब सिख पंथ का सबसे पवित्र पुस्तक है। इसमें गुरु नानक के वचनों के साथ-साथ अन्य धर्मों के महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया गया है। इस आशय से उन्हें बेहद दूरदर्शी एवं समदृष्टि कहा जा सकता है। ‘बिचित्र नाटक’ गुरु गोबिंद सिंह के बारे में जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। इसे उनकी आत्मकथा कहा जाता है। ‘बिचित्र नाटक’ पुस्तक ‘दसम ग्रंथ’ का एक भाग है।

संबंधितपोस्ट

मुहम्मद गौरी के दान किए 2 गांव से शुरू हुआ वक्फ, आज 9 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर कर चुका है कब्जा

स्वतंत्रता के लिए फांसी का फंदा चूमने वाले क्रांतिकारी काशीराम, जिन्हें अपने ही देशवासियों ने ठहराया था डाकू

दारा शिकोह: उपनिषद पढ़ने वाला मुगल जिसका सिर कटवाकर औरंगज़ेब ने पिता शाहजहां को किया था पेश

और लोड करें

गुरु गोबिंद सिंह ना सिर्फ एक आध्यात्मिक नेता थे बल्कि वे रणकुशल सेनापति भी थे। इसके साथ ही वे सरल हृदय कवि, लेखक, परमात्मा के भक्त और न्याय के सबसे बड़े झंडाबरदारों में से एक थे। वे कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने अनेकों ग्रंथों की रचना की। उनके द्वारा रचित ग्रंथों में जाप साहिब, अकाल उस्तति और चंडी दी वार प्रमुख हैं। उनके दरबार में 52 संत कवियों तथा लेखकों की उपस्थिति रहती थी। यही कारण है कि उन्हें ‘संत सिपाही’ भी कहा जाता है। उन्होंने सदा प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया। दूसरे तरफ, वे आतंक को अपने पराक्रम से खत्म करने के लिए भी जाने जाते हैं।

गुरु गोबिंद सिंह सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर और माता गुजरी के इकलौती संतान थे। उनका बचपन का नाम गोविंद राय था। बेहद कम उम्र में गुरुजी को आत्मज्ञान हो गया था। इसके बावजूद उनके गुरु तेगबहादुर ने उनके सैन्य कौशल को निखारने के लिए एक क्षत्रिय बजर सिंह राठौड़ को उनका गुरु बनाया। बजर सिंह राठौड़ ने उन्हें युद्ध कला में पारंगत बनाया। हालाँकि, उनके पिता गुरु तेगबहादुर स्वयं शूरवीर थे। गुरु तेगबहादुर गुरु बने तो उन्होंने क्षत्रियों की ‘शस्त्र पूजा’ और ‘चंडी पूजा’ को अपनाया। इसके साथ ही बलिदान के इस्तेमाल किए जाने वाले केसरिया ध्वज को भी अपने खालसा पंथ में शामिल किया। खुशवंत सिंह अपनी पुस्तक ‘द हिस्ट्री ऑफ़ द सिख्स’ में लिखा है, “उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों की कई कहानियों को अपने शब्दों में लिखा। उनकी पसंदीदा कहानी माता चंडी की थी, जो राक्षसों का विनाश करती थीं।” गुरु गोबिंद सिंह के बारे में यह विख्यात है कि उनके तीरों की नोक सोने की बनी होती थी, ताकि मरने वाले के परिवार का ख़र्च उसको बेचकर चल सके।

गुरु गोबिंद सिंह सिर्फ 9 साल के थे तभी मुस्लिम आक्रांता औरंगज़ेब ने गुरु तेगबहादुर को युद्ध के दौरान पकड़ लिया और उन पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने लगा। हालाँकि, गुरु तेगबहादुर इसके लिए तैयार नहीं हुए। अंत में औरंगज़ेब ने उनका सिर कटवा दिया। गुरु गोबिंद सिंह इन बातों को समझ चुके थे और भविष्य के खुद को अपने आपको तैयार करने लगे। सन 1685 में पड़ोसी सिरमौर राज्य के राजा मेदिनी प्रकाश ने गुरु गोबिंद सिंह को अपने यहाँ आतिथ्य के लिए बुलाया। गुरु गोबिंद सिंह वहाँ तीन साल तक रहे। इसके बाद उन्होंने अपने रहने के लिए यमुना नदी के किनारे एक जगह पंवटा को चुना। यहीं उनके सबसे बड़े बेटे अजीत सिंह का जन्म हुआ।

उन्होंने मुगलों से लड़ने के लिए एक सैन्य पंथ स्थापित करने की सोची। उन्होंने सन 1699 में बैसाखी के मौके पर सभी सिखों को आनंदपुर में जुटने के लिए कहा। ये वहीं आनंदपुर था, जिसे उनके पिता ने बसाया था और औरंगज़ेब द्वारा काटे को उनके पिता के सिर को वहाँ स्थापित किया गया था। बैसाखी के दिन जब सिख आनंदपुर इकट्ठा हुए तो गुरु गोबिंद सिंह ने अपनी म्यान से तलवार निकाली और उसे हवा में लहराकर ऐलान किया कि ऐसे पाँच लोग सामने आएँ, जो धर्म की रक्षा के लिए अपनी बलिदान दे सकते हैं। पतवंत सिंह अपनी किताब ‘द सिख्स’ में लिखते हैं कि गुरु के आदेश पर सबसे पहले लाहौर के दयाराम आगे आए। गुरु जी उनको एक तंबू में ले गए। उनके बाद हस्तिनापुर के धरमदास, फिर द्वारका के मोहकम चंद, फिर जगन्नाथ के हिम्मत और अंत में बीदर के साहिब चंद आगे आए।

गुरु गोबिंद सिंह ने उन्हें केसरिया रंग के कपड़े और पगड़ी दी और उनका नाम ‘पंजप्यारे’ रखा। अलग-अलग हिंदू जातियों के इन लोगों को गुरु ने पीने के लिए जल दिया और फिर उनका उपनाम ‘सिंह’ दिया। इसके साथ ही उन्होंने खालसा पंथ की घोषणा की। खालसा पंथ के लिए पाँच नियम बनाए गए। यानी सभी को केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण रखना होगा। ये सभी ‘क’ से शुरू होते थे। इसलिए इन्हें पंच ककार कहा गया। खालसा पंथ का मुख्य उद्देश्य अन्याय, अत्याचार और अंधकार को समाप्त करना था।

खालसा पंथ और गुरु गोबिंद सिंह सिंह के पराक्रम की जानकारी औरंगज़ेब को हुई तो उनसे गुरुजी को एक पत्र भेजा। इसमें लिखा था, “आपका और मेरा धर्म एक ईश्वर में विश्वास करता है। ऐसे में आपस में गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। अगर आपको कोई शिकायत है तो मेरे पास आइए। मैं आपके साथ एक धार्मिक व्यक्ति की तरह बर्ताव करूँगा। आप मेरी प्रभुसत्ता मान लें, जो अल्लाह ने मुझे दी है। अगर मेरी सत्ता को चुनौती दी मैं खुद हमले का नेतृत्व करूँगा।”

इसके जवाब में गुरु गोबिंद सिंह ने लिखा था, “दुनिया में केवल एक सर्वशक्तिमान ईश्वर है। इसी पर हम दोनों आश्रित हैं, लेकिन आप इसे नहीं मानते। आप उन लोगों के साथ भेदभाव करते हैं, उन्हें नुक़सान पहुँचाने की कोशिश करते हैं, जिनका धर्म आपसे अलग है। ईश्वर ने मुझे न्याय बहाल करने के लिए इस दुनिया में भेजा है। हमारे बीच शांति कैसे हो सकती है जब मेरे और आपके रास्ते अलग हैं?”

इससे गुस्साए औरंगज़ेब ने दिल्ली, लाहौर और सरहिंद के अपने गवर्नरों को गुरु गोबिंद सिंह जी के पीछे लगा दिया। दिसंबर 1704 में सरहिंद के गवर्नर वज़ीर ख़ाँ के नेतृत्व में यह आक्रमण तय किया गया। हमले की सूचना पाकर गुरुजी ने अपनी सारी सेना को जानकारी दी। चूँकि मुगल सैनिक अधिक थे तो उनसे खुले में लड़ने के बजाय गुरु जी ने दूसरी रणनीति अपनाई। उन्होंने सबको किले में ही रहने का हुक्म दिया। मुगलों का मुकाबला करने के लिए अपनी सेना को 6 भागों में विभाजित कर दिया। इनमें से पाँच टुकड़ियों को किले की रक्षा में लगाया गया और छठी टुकड़ी को रिजर्व रखा गया। उन्होंने आनंदगढ़ की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली। फ़तेहगढ़ की रक्षा की ज़िम्मेदारी उदय सिंह को, नालागढ़ की जिम्मेदारी मक्खन सिंह को, केशगढ़ की जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे अजीत सिंह को और लोहागढ़ की जिम्मेदारी अपने उनके छोटे भाई जुझार सिंह को दी।

मुगल सेना ने पाँचों किलों पर हमला कर दिया और पाँचों कमांडरों ने बेहद बहादुरी से उनका मुकाबला किया। इतनी सी सेना ने लड़ाई के पहले दिन 900 मुगलों को मार गिराया। अगले दिन गुरु गोबिंद सिंह ख़ुद शामिल हुए। दूसरे दिन का युद्ध बेहद भयानक रहा। इस युद्ध में हजारों सैनिक मारे गए। अंत में मुगलों ने अपनी रणनीति बदली और लड़ने के बजाय किले की घेराबंदी कर दी। कुछ समय के बाद किले में अनाज खत्म हो गया तो बाहर निकलने का निर्णय लिया गया। अंत में पहाड़ी राजा अजमेर चंद के प्रस्ताव पर गुरु गोबिंद सिंह आनंदपुर जाने के लिए तैयार हो गए। पहले जत्थे में महिलाएँ, बच्चे, गुरु की माँ गुजरी और चार बेटे भी शामिल थे। यह जत्था जब एक छोटी नदी सरसा के किनारे पहुँचा तो मुगल सैनिकों ने उन पर हमला बोल दिया। इस लड़ाई में गुरु गोबिंद सिंह के सबसे सक्षम कमांडर उदय सिंह मारे गए। हालाँकि, उन्होंने तब तक मुग़लों का रास्ता रोक कर रखा जब तक गुरु गोबिंद सिंह वहाँ से सुरक्षित नहीं निकल गए।

इस लड़ाई में गुरु गोबिंद सिंह की माँ और उनके दो छोटे बेटे ज़ोरावर सिंह और फ़तह सिंह बिछड़ गए। इस दौरान गुरु गोबिंद सिंह के अपने सैनिकों की संख्या 500 से घटकर केवल 40 रह गई। गुरुजी अपने बाकी दो बेटों और 40 सैनिकों के साथ चमकौर पहुँचे। हालाँकि, संधि प्रस्तावों के खिलाफ विश्वासघाती मुगल सैनिक गुरुजी के पीछे पड़े रहे। यहाँ चमकौर की प्रसिद्ध लड़ाई हुई, जिसमें उनके दो बड़े बेटे- अजीत सिंह और जुझार से बलिदान हो गए। इसके साथ ही पंजप्यारों में से दो- मोहकम सिंह और हिम्मत सिंह भी वीरगति को प्राप्त हो गए। हालाँकि, गुरु गोबिंद सिंह चमकौर से निकलने में कामयाब रहे। वहाँ से वे जटपुरा गाँव पहुँचे।

इस बीच मुगल सेना की एक टुकड़ी माता गुजरी और उनके पोते यानी गुरु गोबिंद सिंह के दोनों बेटों के खोजबीन में जुटी रही। इसी दौरान गुरु गोबिंद सिंह के यहाँ 20 साल से रसोइया का काम करने वाला पंडित गंगा दत्त उर्फ पंडित गंगू ने माता गुजरी और उनके दोनों पोतों- 8 साल के जोरावर सिंह और 6 साल के फतेह सिंह को अपने घर छिपने का निमंत्रण दिया। माता गुजरी के पास गहने और सोने के सिक्के थे। साथ ही मुगल सैनिकों ने इनके बारे में सूचना देने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की थी। गंगू पंडित का मन लालच से भर आया। वह मोरिण्डा नगर गया और उसने शहर के मुगल कोतवाल बता दिया कि गुरु गोबिंद सिंह की माता और उनके दो बेटे उसके यहाँ छिपे हुए हैं। कोतवाल उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। सुबह सरहिंद के गवर्नर वजीर खाँ ने दोनों साहिबजादों को पेश होने का आदेश दिया। उसने दोनों को इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहा। जब दोनों साहिबजादे नहीं माने तो उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया। वहीं, गुरु गोबिंद सिंह की बुजुर्ग माता गुजरी को सरहिंद के किले के बुर्ज से नीचे फेंक दिया गया। इस तरह गुरु गोबिंद सिंह का पूरा परिवार धर्म के लिए बलिदान हो गया।

जटपुर में ही गुरु गोबिंद सिंह को अपनी माँ और दोनों बेटों के बलिदान होने की सूचना मिली। एक समय ऐसा भी ऐसा जब औरंगज़ेब ने उनके समक्ष समझौते की पेशकश की। इसमें सेनापति राजा जय सिंह की कूटनीति मानी जाती है। आखिर में गुरु गोबिंद सिंह औरंगज़ेब से मिलने के लिए निकले और जैसे ही वे राजपूताना (आज का राजस्थान) पहुँचे, वैसे ही उन्हें औरंगज़ेब की मौत का समाचार मिला।

उधर, औरंगज़ेब की मौत के बाद उसके बेटे मुअज़्ज़म और आजम के बीच उत्तराधिकार को लेकर लड़ाई शुरू हो गई। इस बीच औरंगज़ेब के बेटे मुअज़्ज़म ने अपने भाइयों के ख़िलाफ़ लड़ाई में गुरु गोबिंद सिंह की मदद माँगी। गुरु गोबिंद सिंह ने इस मौके को लपक लिया और कुलदीपक सिंह के नेतृत्व में मुअज़्ज़म के सहयोग के लिए सिख लड़ाकों का एक जत्था भेजा। यह लड़ाई जून 1707 में आगरा के पास जजाऊ में हुई। इसमें आज़म मारा गया। मुअज़्ज़म मुगलों की गद्दी पर बैठा और उसने अपना नाम बदल कर बादशाह बहादुर शाह रख लिया। अब मुगलों की ओर से फिलहाल कोई खतरा नहीं था।

इधर, अपना सब कुछ खोकर गुरु गोबिंद सिंह ने दक्षिण का रुख किया। वे जीवन के अपने अंतिम पड़ाव में गोदावरी नदी के किनारे बसे शहर नांदेड़ में थे। उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को आदेश दिया था कि उनसे मिलने आने वाले किसी भी व्यक्ति को रोका ना जाए। उधर सरहिंद का गर्वनर वजीर खाँ अभी भी गुरु जी के पीछे पड़ा था। उसने अताउल्ला ख़ाँ और जमशेद ख़ाँ को गुरुजी को मारने के लिए भेजा था। 20 सितंबर, 1708 की शाम जब गुरु गोबिंद सिंह प्रार्थना के बाद अपने बिस्तर पर आराम कर रहे थे, उसी समय ये दोनों पठान अंदर तंबू में घुसे और गुरुजी के पेट में छुरा भोंक दिया। हालाँकि, गुरु गोबिंद सिंह ने दोनों को वहीं मार डाला। फिर भी उन्हें गहरा जख्म लगा और आखिरकार इसकी वजह से 6 अक्तूबर 1708 को परलोक सिधार गए।

गुरुजी ने मुगलों तथा उनके सहयोगियों के साथ 14 युद्ध लड़े। उन्होंने कभी अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया और ना ही अपने अनुयायियों को झुकने दिया। उन्होंने सिखों को आत्मसम्मान और निडरता का पाठ पढ़ाया। उनका उद्घोष ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह’ आज भी सिखों में ऊर्जा और निडरता का संचार करता है। उन्होंने धर्म की रक्षा एवं मानवता के लिए उन्होंने अपने पूरे परिवार का बलिदान तक दे दिया। इसके चलते उन्हें ‘सरबंसदानी’ (सर्व वंशदानी) भी कहा जाता है।

स्रोत: गुरु गोबिंद सिंह, सिख धर्म, खालसा पंथ, प्रकाश पर्व, औरंगज़ेब, इतिहास, गुरुग्रंथ साहिब, Guru Gobind Singh, Sikhism, Khalsa Panth, Prakash Parv, Aurangzeb, History, Guru Granth Sahib,
Tags: AurangzebGuru Gobind SinghGuru Granth SahibHistoryKhalsa PanthPrakash ParvSikhismइतिहासऔरंगजेबखालसा पंथगुरु गोबिंद सिंहगुरुग्रंथ साहिबप्रकाश पर्वसिख धर्म
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘न हिंदुत्व ना हिंदुस्तान, ये महायुद्ध…’ महाकुम्भ 2025 को लेकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने फिर दी धमकी , जानें क्या है महाकुम्भ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

अगली पोस्ट

प्रशांत किशोर को मिली बिना शर्त ज़मानत, अब जेल से आएंगे बाहर; पार्टी बोली-अनशन जारी रहेगा

संबंधित पोस्ट

प्रेस ब्रीफिंग से 10 बड़ी बातें
चर्चित

‘मंदिरों को निशाना बना रहा पाक, 300-400 ड्रोन्स के ज़रिए 36 जगहों पर की घुसपैठ’: जानें MEA की प्रेस ब्रीफिंग की 10 बड़ी बातें

9 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम 5:30 बजे लगातार तीसरे दिन प्रेस ब्रीफिंग की। इस अहम ब्रीफिंग में विदेश...

पाकिस्तान ने तुर्किये के Asisguard Songar ड्रोन से भारत पर किया हमला; जानें इस ड्रोन की विशेषताएं
चर्चित

पाकिस्तान ने तुर्किये के Asisguard Songar ड्रोन से भारत पर किया हमला; जानें इस ड्रोन की विशेषताएं

9 May 2025

विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुक्रवार (9 मई) को 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर जानकारी दी गई...

IPL एक हफ्ते के लिए टला
क्रिकेट

भारत-पाक के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच बड़ा फैसला: IPL एक हफ्ते के लिए टला, विदेशी खिलाड़ियों से कहा गया – फ़ौरन लौटें!

9 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात अब खेल जगत को भी प्रभावित करने लगे हैं। इसी कड़ी में BCCI ने IPL को एक हफ्ते के लिए...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited