2013 के कुंभ मेले में 59% निर्माण कार्य व 19% आपूर्ति अधूरी रह गई थी और कुल स्वीकृत 111 निर्माण कार्यों में से 81 तकनीकी जाँच के बिना ही किए गए थे
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कुंभ की जिम्मेदारी आज़म खान को, लेकिन वक्फ बोर्ड में नहीं चाहिए हिंदू: सपा के राज में 42 मौतों को बताया गया था ‘छोटी बात’

2013 के कुंभ मेले में 59% निर्माण कार्य व 19% आपूर्ति अधूरी रह गई थी और कुल स्वीकृत 111 निर्माण कार्यों में से 81 तकनीकी जाँच के बिना ही किए गए थे

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
3 January 2025
in राजनीति
कुंभ की जिम्मेदारी आज़म खान को, लेकिन वक्फ बोर्ड में नहीं चाहिए हिंदू: सपा के राज में 42 मौतों को बताया गया था ‘छोटी बात’
Share on FacebookShare on X

कहते हैं कि किसी राज्य की व्यवस्था वहाँ के शासक पर निर्भर करती है। अगर शासक दृढ़, दूरदर्शी और प्रजावत्सल हो तो आम लोगों को किसी तरह का भय नहीं रहता। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में ऐसा ही विश्वास और श्रद्धा दिख रही है। कुंभ मेले में आतंकियों द्वारा बम धमाके की धमकी देने के बावजूद लोगों में किसी तरह का डर नहीं है। यह सरकार के इकबाल का ही कमाल है। सरकार के इकबाल एवं लोगों के विश्वास को समझने के लिए उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियों में दिख रहा है। इस बार का महाकुंभ ना सिर्फ अपने आप में भव्य एवं दिव्य दिख रहा है, बल्कि प्रबंधन के स्तर पर भी शानदार है।

हालाँकि, विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इसमें खामियाँ निकालने के लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे तार्किक खामी निकालने में अभी तक नाकाम रहे हैं। कुंभ में भाग लेने वाले साधु-संत भी एक महंत एवं संत मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयास एवं व्यवस्था से गदगद हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रयागराज गए थे। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहाँ गए और व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की थी। हालाँकि, अखिलेश यादव को राजनीति के लिए कोई ना कोई कमी निकालनी ही हैं, ताकि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में साल 2013 के कुंभ में हुई भगदड़ एवं 42 लोगों की मौत पर से लोगों का ध्यान हट जाए।

संबंधितपोस्ट

भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?

BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

और लोड करें

यह बात सन 2013 की है। उस दौरान प्रयागराज (तब इलाहाबाद नाम था) में कुंभ का आयोजन होने वाला था। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। उनकी ही सरकार में एक ‘कद्दावर’ मंत्री आज़म खान भी थे। राज्य के तत्कालीन शहरी विकास मंत्री आज़म खान मुस्लिम पक्ष के साथ अपने झुकाव को समय-समय पर दिखाते रहते थे। उस समय मुस्लिम तुष्टिकरण में आकंठ डूबी समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव की सरकार ने कुंभ मेले के आयोजन का सारा प्रबंध आज़म खान को दे दिया। आज़म खान को हिंदू धार्मिक आयोजनों के प्रबंधन का अनुभव तो दूर, इसके बारे में उनकी जानकारी भी शून्य थी। इसके बावजूद उन्हें कुंभ आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इसका परिणाम ये हुआ कि आज़म खान ने कुंभ क्षेत्र में कोई व्यवस्था नहीं की और यह कुप्रबंधन एक त्रासदी में बदल गई।

साल 2013 के प्रयागराज पूर्ण कुंभ मेले में 10 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद थी। 10 फरवरी दिन रविवार को मौनी अमावस्या थी। कुंभ में उसे सबसे शुभ दिन माना जाता है। उस दिन प्रयागराज स्टेशन पर करीब 20 लाख से ज्यादा लोग आ गए, जबकि प्रयागराज जंक्शन पर 24 घंटों में सिर्फ 250 ट्रेनें ही मौजूद थीं। इसको देखते हुए अखिलेश यादव की सरकार ने कोई विशेष प्रबंध नहीं किया था। इतनी भीड़ के आने से पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई। आने-जाने को लेकर आज़म खान ने कोई खास प्रबंधन नहीं किया। स्टेशन पर अचानक भगदड़ मच गई। आखिरकार 26 महिलाओं और एक बच्चा तथा 9 पुरुष सहित 42 लोगों ने अपनी जान गँवा दी। इतना ही नहीं, शाही स्नान के दौरान भी मेले में अफरा-तफरी मच गई और आखिरकार कुव्यवस्था के कारण पुलिस ने श्रद्धालुओं पर लाठी चार्ज कर दिया।

ये वही अखिलेश यादव हैं, जो पीएम मोदी की सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान किया है। इस प्रावधान पर अखिलेश यादव को आपत्ति है और उनका कहना है कि एक मुस्लिम संस्था के बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की क्या आवश्यकता है। अखिलेश यादव का यह विचार कुंभ मेले में के दौरान नहीं जागा था, जब एक कट्टर मुस्लिम को हिंदुओं के सबसे बड़े आयोजन का प्रभारी बनाया था।

कुंभ में जब श्रद्धालुओं की जान गई तो मीडिया ने आज़म खान से कई सवाल किए, लेकिन उन्होंने इसका कोई तार्किक जवाब नहीं दिया था। उस समय संघ से संबंधित पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ ने भी आज़म खान पर सवाल उठाया था। उस समय ‘ऑर्गनाइजर’ ने अपने संपादकीय में लिखा था, “उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपए का राजस्व कमाने वाले कुंभ का प्रभारी ऐसे व्यक्ति को बनाया गया, जो मुस्लिम है। ऐसा नहीं है कि अगर हिंदू मंत्री प्रभारी होता तो वह त्रासदी नहीं होती, लेकिन सरकार इतना तो कर सकती थी कि किसी बेहतर प्रतिनिधि को यह जिम्मेदारी सौंपती। कुंभ का प्रभारी ऐसा व्यक्ति होना चाहिए था, जो हिंदू तीर्थयात्रा को लेकर पूरी तरह समर्पित होता।”

जब हर तरफ से आलोचना हुई तो दिखावा करने के लिए आज़म खान ने कुंभ मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष से जरूर इस्तीफा दे दिया, लेकिन उस इस्तीफे को भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नामंजूर कर दिया था। अखिलेश यादव ने तब कहा था कि आज़म खान ने कुंभ मेले की व्यवस्था के अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी, मेहनत और लगन से निर्वहन किया था। तब मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने कहा था कि आज़म खान के प्रयासों के चलते कुंभ मेला सुव्यवस्थित और सुचारू रुप से चल रहा है। इसलिए आयोजन समिति के अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता। बाद में तो आज़म खान ने उस त्रासदी से अपना पल्ला ही झाड़ लिया और इसके लिए मीडिया को दोषी ठहरा दिया था। उनकी नजर में 42 लोगों की मौत छोटी घटना था। एक कार्यक्रम में 13 फरवरी 2013 को आज़म खान ने कहा था कि चैनल वाले छोटी सी बात का बतंगड़ बना देते है।

साल 2014 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार परीक्षक (CAG) ने साल 2013 के इलाहाबाद कुंभ मेले के कुप्रबंधन को उजागर किया था। CAG ने अपनी रिपोर्ट में आज़म खान और उनके द्वारा चुने गए नौकरशाहों एवं प्रशासकों की टीम की भारी विसंगतियों, कुप्रबंधन और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के लिए तीखी आलोचना की थी। कुंभ के दौरान संगम पर उमड़ने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाएँ भी मुहैया कराने में सरकार विफल रही थी। CAG की ही रिपोर्ट बताती है कि यहाँ इन 12 करोड़ श्रद्धालुओं को संभालने के लिए मात्र 5 गोताखोर की नियुक्ति हुई थी। इतना ही नहीं, CAG ने इसमें वित्तीय अनियमितताओं का मामला भी उठाया था।

कुंभ मेले में 59 प्रतिशत निर्माण कार्य और 19 प्रतिशत आपूर्ति अधूरी रह गई थी। कुल स्वीकृत 111 निर्माण कार्यों में से 81 तकनीकी जाँच के बिना ही किए गए थे। मेले में वित्तीय अनियमितता के तहत गैर-जरूरी उपकरणों की खरीद भी की गई। उदाहरण के लिए कुंभ के लिए खरीदे गए लोहे के ठेले मार्च 2013 के आखिर तक बिना इस्तेमाल के ही खुले में पड़े रहे। इसके अलावा टेंडर, तकनीकी बोलियाँ, काम की मंजूरी, इस्तेमाल की गई सामग्री, कोट की गईं दरें और भुगतान में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ पाई गईं। कुंभ के लिए योजना बनाने और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने में कोई वैज्ञानिक मापदंड नहीं अपनाया गया था। इससे भी बड़ी बात ये थी कि कुंभ मेले के आयोजन के लिए कोई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तक तैयार नहीं की गई थी।

खराब मानव शक्ति प्रबंधन के कारण कुंभ क्षेत्र में तैनात यातायात पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और नदी गश्ती पुलिस में 10 से 100 प्रतिशत की कमी थी। अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता सिर्फ 23 प्रतिशत थी। एम्बुलेंस में 60 प्रतिशत और कुंभ के दौरान आवश्यक आपातकालीन रोशनी में 100 प्रतिशत की कमी थी। इसका नतीजा यह हुआ कि यूपी सरकार ने महाकुंभ के पूरे खर्च का सिर्फ एक फीसदी ही खर्च किया था, जबकि केंद्र सरकार का हिस्सा 99 फीसदी तक इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य ने पहले से चल रहे कामों के लिए अतिरिक्त केंद्रीय कोष से 800 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि इस कुंभ के लिए कुल 1152 करोड़ रुपए का बजट बना था, जिसमें केंद्र सरकार ने 1141 करोड़ रुपए दिए थे। यानी अखिलेश सरकार ने अपनी तरफ से कोई खास इंतजाम नहीं किया था। केंद्र सरकार के पैसे ही कुंभ के लिए आधी-अधूरी तैयारी की थी।

अब अखिलेश यादव सरकार अपनी सीएम योगी की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि कुंभ की व्यवस्थित तैयारी नहीं की गई है। हालाँकि, इस बार का महाकुंभ तो अभी शुरू होने वाला ही है, लेकिन भाजपा सरकार की हिंदू त्योहारियों की तैयारियों की बानगी साल 2019 और साल 2022 के अर्ध कुंभ मेले में ही मिल गई थी। साल 2019 का मेला साल 2013 के पूर्ण कुंभ मेले से वृहद एवं भव्य था। इसके बाद साल 2022 के कुंभ मेला पिछले मेले से भव्य एवं व्यवस्थित था। इस मेले में 24 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया। उनके पर्याप्त और उचित प्रबंध किए थे। इसकी चर्चा दुनिया भर में हुई और योगी आदित्यनाथ की वाह-वाही भी खूब हुई थी। इस बार की महाकुंभ की तैयारियाँ भी कुछ ऐसी ही हैं। योगी सरकार ने महाकुंभ को भव्य और यादगार बनाने के लिए हर छोटी-से-छोटी चीज पर ध्यान दिया है। इस कुंभ की तैयारी उन्होंने साल 2022 में शुरू कर दी थी। तब से वे लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हर तैयारी समय से पूर्ण एवं भव्य है।

स्रोत: उत्तर प्रदेश, प्रयागराज, कुंभ, महाकुंभ, नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, आज़म खान, समाजवादी पार्टी, बीजेपी, 2013 कुंभ, Uttar Pradesh, Prayagraj, Kumbh, Maha Kumbh, Narendra Modi, Yogi Adityanath, Akhilesh Yadav, Azam Khan, Samajwadi Party, BJP, 2013 Kumbh
Tags: 2013 Kumbh2013 कुंभAkhilesh Yadavazam khanBJPKumbhMaha KumbhNarendra ModiPrayagrajSamajwadi PartyUttar PradeshYogi Adityanathअखिलेश यादवआजम खानउत्तर प्रदेशकुंभनरेंद्र मोदीप्रयागराजबीजेपीमहाकुंभयोगी आदित्यनाथसमाजवादी पार्टी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 को उम्रकैद, सजा के ऐलान के बाद मां ने फहराया तिरंगा: मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मारी गई थी गोली

अगली पोस्ट

घर में खिड़की रखने की भी इजाजत नहीं, रुकी पढ़ाई, गई नौकरी: 2024 में शरिया ने महिलाओं को ऐसे सताया, भारत में चाहिए बुर्का-हिजाब

संबंधित पोस्ट

संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति
भारत

संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

17 December 2025

दक्षिण एशिया के अस्थिर राजनीतिक रंगमंच में संकट के क्षण शायद ही कभी अपने आप में टिके रहने दिए जाते हैं। वे जल्दी ही व्यापक...

जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद
भारत

जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

17 December 2025

पीेएम मोदी (pm modi)  इन दिनों चार दिवसीय यात्रा पर हैं, 16 दिसंबर 2025 को पीेएम मोदी इथियोपिया (Ethiopia)  पहुंचे, जहां उनका स्वागत करने खुद...

बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण
इतिहास

बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

17 December 2025

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड का विशेष महत्व है। यह पहला अवसर था जब क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजी सरकार के खजाने को लूटकर यह स्पष्ट...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited