लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने एक बातचीत के दौरान एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी है जिसके बाद भारत में वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। सुब्रह्मण्यन इस दौरान अपनी कंपनी के लोगों से बातचीत कर रहे थे और उन्होंने रविवार को भी काम कराने की सलाह दी है। इस सलाह के बाद सुब्रह्मण्यन चर्चा का केंद्र बन गए हैं कुछ लोग मेंटल हेल्थ जैसी चीज़ों को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं जबकि कुछ लोगों ने उनकी बयान से सहमति भी जताई है। भारत में वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर बहस 2023 से ही नए सिरे से जारी है जब से इन्फोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने हर हफ्ते लोगों के 70 घंटे काम करने की वकालत की थी। तब से ही लोग गाहे-बगाहे इसे लेकर चर्चा कर रहे थे और अब फिर से इस पर नई बहस चल पड़ी है।
क्या बोले एसएन सुब्रह्मण्यन?
64 वर्षीय सुब्रह्मण्यन ने अपने कर्मियों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि अगर संभव हुआ तो कंपनी रविवार को भी लोगों से काम करवाएगी। दरअसल, सुब्रह्मण्यन से सवाल किया गया था कि बिलियन डॉलर वाली कंपनी कर्मचारियों से शनिवार को भी क्यों काम कराती है। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वह अगर रविवार को भी काम करवा पाएं तो उन्होंने खुशी होगी क्योंकि वह खुद भी रविवार को काम करते हैं।
इस दौरान सुब्रह्मण्यन ने कर्मियों से घर पर समय बिताने के सवाल पर कहा कि लोग घर पर बैठकर क्या करते हैं। उन्होंने कहा, “आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं या आपकी पत्नी आपको कितनी देर तक देख सकती हैं? बेहतर है कि आप ऑफिस जाओ और काम करो।” उन्होंने बताया कि चीन अमेरिका से इसलिए भी आगे निकल सकता है क्योंकि चीन के लोग हफ्ते में 90 घंटे काम करते हैं जबकि अमेरिका में लोग 50 घंटे ही काम कर रहे हैं।
कितना है सुब्रह्मण्यन का वेतन?
सुब्रह्मण्यन के बयान के बाद उनके वेतन को लेकर ही लोग बात कर रहे हैं और सामान्य कर्मियों के वेतन से उनकी तुलना की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुब्रह्मण्यन को वित्त वर्ष 2023-24 में 51 करोड़ रुपए का वेतन मिला था जो L&T के कर्मचारियों के औसत वेतन से 534.57 गुना अधिक था। L&T के कर्मचारियों को इस दौरान 9.55 लाख रुपए का वेतन मिला था। सुब्रह्मण्यन को मिले कुल वेतन में 3.6 करोड़ रुपए का मूल वेतन, 1.67 करोड़ रुपए पूर्व शर्त और 35.28 करोड़ रुपए का कमीशन शामिल था। उन्हें 10.5 करोड़ रुपए का सेवानिवृत्ति लाभ भी मिला था।
पिछले 10 साल में सुब्रह्मण्यन का वेतन हर साल 14.43% (CAGR) बढ़ी है। 2014 में उनका कुल वेतन 13.26 करोड़ रुपए था जो 2024 में बढ़कर 51.05 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं, पिछले 10 वर्षों में कर्मचारियों के औसत वेतन में 6.93% की CAGR वृद्धि हुई है। 2014 से 2024 के बीच कर्मचारियों की सैलरी 5 लाख रुपए से बढ़कर 9.77 लाख रुपए हो गई है।
सुब्रह्मण्यन की हुई तीखी आलोचना
सुब्रह्मण्यन के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना हो रही है। फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और उद्योगपति हर्ष गोयनका समेत कई लोगों ने उनकी आलोचना की है। दीपिका पादुकोण ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर करके लिखा है कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के ऐसे बयान चौंकाने वाले हैं। इस स्टोरी में दीपिका ने #mentalhealthmatters भी लिखा है।
वहीं, हर्ष गोयनका ने कहा कि क्यों ना संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ कर दिया जाए और ‘दिन की छुट्टी’ को एक पौराणिक अवधारणा बना दिया जाए। उन्होंने कहा, “मैं मेहनत और होशियारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को लगातार ऑफिस शिफ्ट में बदल देना? यह थकावट का नुस्खा है, सफलता का नहीं।” इनके अलावा भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपना मत रखा है जिसमें वर्क लाइफ बैलेंस को बनाए रखने की बात कही गई है।
सेहत पर 90 घंटे काम का क्या असर?
भारत में बड़ी संख्या में युवा प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हैं और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर हफ्ते में 90 घंटे तक काम किया जाए तो इससे लोगों के शरीर में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। काम के दबाव से ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। काम के अधिक घंटों के चलते होने वाले दबाव से लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2000 से 2016 के बीच लंबे समय तक काम करने की वजह से दिल की बीमारियों से मौतों के आंकड़ों में 42% और स्ट्रोक से मौतों में 19% तक का इजाफा हुआ है।
इसके अलावा लंबे समय तक काम करने की चिंताओं में डायबिटीज का बढ़ता खतरा, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस जैसी बीमारियां और कम शारीरिक मेहनत के चलते ब्लड फ्लो कम होने की आशंका है। साथ ही, देर तक काम करने से आंखों की रोशनी पर असर पड़ने और बर्न आउट होने का खतरा भी बढ़ सकता है।