संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन गुरुवार (13 फरवरी) को राज्यसभा में वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश कर दी गई। बीजेपी की सांसद मेधा कुलकर्णी ने यह रिपोर्ट पेश की जिसके बाद राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है। विपक्ष का आरोप है कि इस रिपोर्ट से असहमति वाले हिस्सों को डिलीट कर दिया गया है। हालांकि, सरकार ने विपक्ष के इन दावों को खारिज कर दिया है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ इस रिपोर्ट के विरोध में वेल में आए विपक्षी सांसदों पर नाराज़ हो गए। धनखड़ ने कहा, “आप यहां बहुत समय से हैं। मुझे गंभीर कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें, परिणाम गंभीर होंगे।” वहीं, जेपीसी की रिपोर्ट पर चर्चा के बीच विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया है।
विपक्ष का हंगामा, खरगे बोले- रिपोर्ट फर्जी
कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस रिपोर्ट को फर्जी और असंवैधानिक बताया है। खरगे ने कहा, “जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों की असहमति वाले नोट दिए थे। उन नोटों को हटाना और हमारे विचारों को दबाना ठीक नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है।असहमति रिपोर्ट को हटाकर पेश की गई किसी भी रिपोर्ट की मैं निंदा करता हूं।” उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड पर हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं तो उसे दोबारा पेश किया जाना चाहिए।”
राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने भी इस रिपोर्ट का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर विपक्ष ने भी अपनी राय रखी थी और इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, “आज वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं। कल गुरुद्वारे की करेंगे, फिर मंदिर की करेंगे।”
सरकार ने क्या कहा?
वहीं, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के रिपोर्ट के हिस्सों को डिलीट करने के दावों को गलत बताया है। रिजिजू ने कहा, “जब रिपोर्ट टेबल होने पर कुछ सदस्यों ने कहा कि इसमें कुछ हिस्सा हटाया गया। तो मैं बाहर गया और जेपीसी के चेयरमैन से बात की है।” उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कंफर्म किया है और नियमों के मुताबिक ही जेपीसी की रिपोर्ट को बिना कुछ काट-छांट के टेबल किया गया।”
बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने विपक्ष के रवैये को लेकर तीखा प्रहार किया है। नड्डा ने कहा कि विपक्ष का मकसद चर्चा करना नहीं था और वे केवल अपना पक्ष रखना चाहते थे। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट से कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है जबकि जेपीसी अध्यक्ष को डिलीट करने का अधिकार है।” नड्डा ने कहा, “कुछ लोग देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं और कुछ लोग देश के खिलाफ लड़ रहे हैं। कुछ लोग देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं, कांग्रेस और कुछ पार्टियां उनका समर्थन कर रही हैं।”
जेपीसी अध्यक्ष ने क्या बताया?
बीजेपी सांसद और वक्फ बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि छह महीनों में पूरे देश का दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि हमने 14 खंडों में 25 संशोधनों को अपनाया है। पाल ने कहा, “हमारे कुछ सदस्य कह रहे हैं कि हमारी असहमति है, हमारी बातें नहीं सुनी गईं लेकिन उनकी बातें हम छह महीने तक लगातार सुनते रहे। उनके द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर हमने वोटिंग की, जो संसद की प्रक्रिया है।” बकौल पाल, पहले यह रिपोर्ट पहले सर्दियों में देनी थी लेकिन तब तक उन्होंने दक्षिण के राज्यों का दौरा किया था और इसके बाद स्पीकर ने इसके लिए समय बढ़ा दिया था।