महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं सहित मीडिया में जो अखाड़ा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा उसका नाम किन्नर अखाड़ा है। पेशवाई के दौरान किन्नरों के नृत्य से ले कर ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने तक, इस अखाड़े की गूँज देश विदेश में गूँजती रही। महाकुंभ के विभिन्न रूप दिखा रही TFI की टीम भी किन्नर अखाड़े में पहुँचीं तो बाहर महादेव शिव का त्रिपुंड लगा बोर्ड दिखा। अंदर लोगों की काफी भीड़ थी जिसमें श्रद्धालुओं के साथ कई ऐसे लोग भी थे जिनको किन्नरों को संत महंत के रूप में देखने का कौतूहल था।
पूरे देश में हो चुका है विस्तार
दरअसल लगभग 1 दशक से किन्नर समाज मुख्य धारा से कटा रहा। इनका रहन सहन और अन्य क्रिया कलाप लोगों के लिए बड़ी रुचि का विषय रहा है। वर्तमान सरकार ने थर्ड जेंडर कहे जाने वाले इस समुदाय की बेहतरी के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं जिनकी चर्चा हम जल्द ही एक विशेष रिपोर्ट में करेंगे।फिलहाल जब हम किन्नर अखाड़े के अंदर गए तो कई लग्जरी गाड़ियां खड़ी थी। इनमें महामंडलेश्वर व महंत आदि के बोर्ड लगे हुए थे। ये गाड़ियां गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि नंबर प्लेटों की थी जिससे हमें यह एहसास जरूर हो गया कि किन्नर अखाड़े का विस्तार पूरे देश में हो चुका है।
किन्नर अखाड़े में कई महंत व महामंडलेश्वर है जिन्होंने अपने-अपने बैनर व बोर्ड अखाड़े के चारों तरफ ही नहीं बल्कि पूरे मेला क्षेत्र में लगा रखें हैं। बाहर आम लोगों को इन सभी से आशीर्वाद लेते देखा गया लेकिन अंदर इनसे मिलने के लिए पुलिस के साथ निजी सुरक्षा कर्मियों के घेरे को पार करना पड़ता है। आशीर्वाद में किन्नर श्रद्धालुओं को अक्षत देते हैं। कुछ विशिष्ट लोगों को प्रसाद स्वरूप सिक्के भी दिए गए। वैसे भी यह एक आम मान्यता है कि किन्नरों का आशीर्वाद शुभ फल जरूर देता है और उनका शाप कहीं न कहीं गलत असर डालता है ।इसलिए अखाड़े के अंदर सभी श्रद्धालु अनुशासित रूप में नजर आए।
आधी रात में होती है महाआरती
जब हम किन्नर अखाड़े में पहुंचे तो रात लगभग 10 बज चुके थे लेकिन भीड़ ऐसी थी कि दिन के जैसे 12:00 बज रहे हो। हमें बताया गया की आधी रात 12:00 बजे किन्नरों की आरती सबसे ज्यादा देखी जाने वाली धार्मिक क्रिया है। हमने सोचा कि चलो रुक कर इसे देख ही लेते हैं। कुछ ही समय बाद रात 12:00 बजे आखिरकार वह समय आ ही गया जब किन्नर अखाड़े की महा आरती शुरू हुई। पूजा के लिए भभूत लपेटे एक पुजारी सामने आया और तमाम विधि विधान शुरू किया। सभी किन्नर अपने-अपने शिविरों से बाहर निकल आए हो घेरा बनाकर बैठ गए।
जोर-जोर से नगाड़े और डमरू अलग-अलग लोग अपने हाथों में लेकर बजाने लगे। इस माहौल को देखते हुए अखाड़े में मौजूद अन्य सभी लोग चुप रहे और बीच-बीच में हर हर महादेव और जय श्री महाकाल का उद्घोष करते रहे। मां काली की मूर्ति सामने थी जिनको साक्षी मानकर हवन होता रहा और महा आरती लगभग आधे घंटे चली। महाआरती खत्म होने के बाद हम सामने बैठी किन्नर अखाड़े की प्रवक्ता से मिले। उनसे हमारी एक लंबी बातचीत कैमरे पर हुई। इस बातचीत की शुरुआत उन्होंने संपन्न हुई आरती के तौर तरीकों और उससे मिलने वाले पुण्य लाभ के बारे में बात कर की।
कभी किन्नर समुदाय में भी था मुस्लिमों का दबदबा
कुछ ही देर की बातचीत में हमें बताया गया कि 2014 से पहले किन्नर समुदाय में हिंदू किन्नरों का जीना दुश्वार कर दिया जाता था। उन्हें न सिर्फ आर्थिक, सामाजिक, दैहिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता था बल्कि कई बार तो इस्लाम कबूलने पर भी मजबूर कर दिया जाता था। हमें यह भी जानकारी दी गई थी कई ऐसे किन्नर भी इस समय भारत में है जो पहले हिंदू हुआ करते थे लेकिन अब डर और दबाव के चलते मुसलमान बन चुके हैं। हमसे बातचीत कर रही किन्नर अखाड़े की प्रवक्ता ने बड़ी खुशी से बताया कि 2014 के बाद जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से हिंदू किन्नर सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीना शुरु किया है।
आगे की बातचीत में उन्होंने जय श्री राम का उद्घोष किया और नरेंद्र मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ की भी खुलकर तारीफ की। इंटरव्यू में किन्नर अखाड़े की प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र और योगी आदित्यनाथ का पद बढ़ाने की कामना व प्रार्थना की। हिंदू धर्म के लिए इन दोनों को बेहद जरूरी बताते हुए किन्नर संत ने आगे कहा कि साल 2014 के बाद कई ऐसे किन्नरों ने घर वापसी की है जो जबरन मुसलमान बना दिए गए थे। किन्नरों द्वारा हमें सामूहिक तौर पर बताया गया कि उनका अखाड़ा सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए काम करेगा। उन सभी ने एकजुट हो कर सनातन के विरोधियों को चुनौती दी।
इसी अखाड़े में यह भी जानकारी मिली कि आदि काल से किन्नर असम में माँ कामाख्या के दर्शन करने जाया करते थे। हालाँकि मुस्लिम किन्नरों द्वारा उनकी पूजापाठ में आए दिन विघ्न डाला जाता था। महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में मौजूद सभी किन्नरों ने एक स्वर में योगी सरकार द्वारा महाकुंभ में की गई व्यवस्थाओं की तारीफ की। उन्होंने बताया कि पहले के कुंभ में भी कई किन्नर शामिल हो चुके हैं पर व्यवस्थाओं का हमेशा अभाव रहता था। इन सभी ने पुरानी सरकारों पर न सिर्फ हिंदू स्त्री पुरुषों बल्कि हिंदू किन्नरों को भी हाशिये पर छोड़ देने का आरोप लगाया।