इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई है। रिजवी ने 2021 में हिंदू धर्म अपनाया था और उन्होंने अपना नाम पहले जितेंद्र नारायण त्यागी रखा था और बाद में बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर कर लिया था। संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने मुस्लिमों से घर वापसी की अपील करते हुए एक बड़ी घोषणा की है। जितेंद्र नारायण ने कहा कि इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने वालों का स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे एक संगठन बना रहे हैं जिसके जरिए सनातन धर्म स्वीकार करने वालों को हर महीने आर्थिक मदद की जाएगी और ऐसे लोगों को कोई छोटा कारोबार शुरू करने में भी मदद की जाएगी।
जितेंद्र नारायण ने क्या कहा?
महाकुंभ में शामिल होने के बाद वसीम रिजवी से हिंदू बने जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने कहा कि महाकुंभ में स्नान करके उन्हें बहुत खुशी महसूस हुई है। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं इस पवित्र भूमि से पूरे देश के मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वो हिंदू धर्म में घर वापसी पर विचार करें।” सेंगर ने बताया कि वे अपने दोस्तों के सहयोग से एक संगठन बना रहे हैं और यह संगठन सनातन धर्म में वापसी करने वाले मुसलमान परिवारों को हर महीने 3,000 रुपए की मदद देगा। सेंगर के मुताबिक, इन परिवारों को यह मदद तब तक मिलती रहेगी जब तक कि वे सनातन धर्म में रच-बस नहीं जाते हैं।
‘जिहादी मानसिकता से बाहर निकलें’
जितेंद्र नारायण ने इस दौरान समुदाय विशेष के लोगों से जिहादी मानसिकता से बाहर निकलने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को कट्टरपंथी और जेहादी मानसिकता से बाहर निकलना पड़ेगा और उन्हें खुशी से सनातन धर्म में घर वापसी करनी चाहिए। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने रिजवी की सनातन धर्म में वापसी कराई थी और उन्हें नया नाम दिया था। सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने गाजियाबाद के करीब स्थित डासना मंदिर में कहा था, “मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और सनातन धर्म में जितनी अच्छाइयां हैं, उतनी दुनिया के किसी भी धर्म में नहीं हैं।”