TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अकबर ने कैद किया, जहांगीर ने काट कर लगवा दी आग: कहानी प्रयागराज के अमर वृक्ष अक्षयवट की, जो राख से भी पनप आया

Akash Sharma Nayan द्वारा Akash Sharma Nayan
11 February 2025
in इतिहास, चर्चित, संस्कृति
अक्षय वट प्रयागराज महाकुंभ

प्रयागराज में स्थित अक्षय वट वृक्ष

Share on FacebookShare on X

प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस पुण्य भूमि पर यूं तो अनेकानेक तीर्थ स्थल हैं। लेकिन यहां एक ऐसा वृक्ष है जो पौराणिक काल से ही प्रयाग में मौजूद है। संगम तट पर यमुना नदी के किनारे एक ऐतिहासिक किला है, इस किले के भीतर ही यह वृक्ष है, जिसका नाम है अक्षय वट। वास्तव में इस अक्षय वट का लिखित इतिहास ही 400 साल से अधिक पुराना है। लेकिन ऐसी मान्यता है कि यह वृक्ष अविनाशी अर्थात कभी न नष्ट होने वाला है और इसे यह आशीर्वाद मां सीता से मिला था।

अक्षयवट संस्कृत के शब्दों अक्षय अर्थात अविनाशी या कभी नष्ट न होने वाला और वट अर्थात बरगद से मिलकर बना है। पुराण कहते हैं कि यह वृक्ष इस दुनिया की शुरुआत के साथ ही उत्पन्न हुआ था और चारों युगों की समाप्ति के बाद होने वाले कई महाप्रलय का भी साक्षी है। पद्मपुराण में वर्णित प्रयाग माहात्म्य शताध्यायी में इस बात का वर्णन है कि पाताल लोक के नाग और नागिन शेषनाग के साथ भगवान हरि और हर अर्थात भगवान विष्णु और भगवान शिव शंकर दोनों का एक साथ दर्शन प्राप्त करने के लिए इसी स्थान पर आए और यहीं उनके सचिव बनकर रहने लगे।

संबंधितपोस्ट

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

रामपुर में लव जिहाद का बड़ा खुलासा: हिंदू बनकर महिलाओं का शोषण करने वाला चांद गुड्डू गिरफ्तार,दो साथी अहमद-फरमान फरार

पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

और लोड करें

इसके चलते ही यहां मौजूद पाताल पूरी मंदिर को ‘असिमाधव’ मंदिर भी कहा जाता है। इसके अलावा पद्म पुराण में यह भी कहा गया है कि महाप्रलय के समय जब उथल-पुथल के बाद पूरी दुनिया जलमग्न हो जाती है और जीवन का कोई नाम-निशान नहीं बचता तब भी एक वट वृक्ष बच जाता है, जो जीवन को फिर से शुरू करने में मदद करता है।

वाल्मीकि रामायण में भी है वर्णन:

अक्षयवट का उल्लेख महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण में भी मिलता है। भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता वनवास के दौरान प्रयागराज पहुंचे थे। इस दौरान भारद्वाज मुनि ने भगवान राम से कहा था यमुना नदी के तट पर उन्हें बहुत बड़ा वट वृक्ष मिलेगा। उसके पत्ते हरे रंग के हैं। वह चारों ओर से दूसरे वृक्षों से घिरा हुआ है। उसका नाम श्यामवट है। वृक्ष छाया में बहुत से सिद्ध पुरुष निवास करते हैं।

अक्षयवट से जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ के निधन के बाद भगवान श्रीराम पिंडदान करने हेतु कुछ सामग्री लेने वन में गए हुए थे। इस दौरान राजा दशरथ अक्षयवट पर प्रकट हुए और सीता माता से भोजन मांगा। इस पर माता सीता ने अक्षय वट के नीचे की रेत का पिंड बनाकर राजा दशरथ को अर्पित कर दिया था।

इसके बाद जब प्रभु श्रीराम आए और पिंडदान करने लगे तब माता सीता ने दशरथ के वट वृक्ष में प्रकट होने और फिर पिंडदान करने की सारी घटना सुना दी। इस पर प्रभु श्रीराम ने यह बात वट वृक्ष से पूछी तो उसने भी अपनी पत्तों की सरसराहट के जरिए राजा दशरथ के पिंडदान वाली बात बता दी। इस पर माता सीता ने वट वृक्ष को अक्षय रहने अर्थात कभी नष्ट न होने का वरदान दे दिया। इसके बाद से यह वृक्ष अक्षयवट कहा जाने लगा। ऐसा माना जाता है कि संगम में स्नान कर अक्षयवट के दर्शन करने से वंशवृद्धि और मानसिक व शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

कई बार हुई नष्ट करने की कोशिश

इस्लामी आक्रांताओं से लेकर अंग्रेजों तक ने कई बार इस अक्षयवट को नष्ट करने की कोशिश की। लेकिन जो वृक्ष महाप्रलय में नष्ट नहीं हुआ, वह आक्रांताओं के तुच्छ प्रयास से कैसे नष्ट हो जाता। इतिहासकार बताते हैं कि साल 1575 में इस्लामी आक्रांता अकबर प्रयाग पहुंचा तो उसे संगम तट बहुत ही अच्छा लगा। ऐसे में उसने यहां रहने का फैसला कर लिया। इसके बाद बाद किला बनाया तो प्राचीन पातालपुरी मंदिर और इस वृक्ष को किले की सीमा के अंदर कर लिया। इस दौरान उसने वृक्ष को काफी हद तक नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की थी। हालांकि अक्षय वृक्ष को इससे किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा।

अकबर के शासन के बाद इस किले पर जहांगीर का कब्जा था। उसने भी इस वृक्ष को काटने की कोशिश की। हालांकि जब पेड़ पूरी तरह से नहीं कट पाया तो फिर इसमें आग लगाकर जलाने की कोशिश की। हकीम शम्स उल्ला कादरी ने अपनी किताब ‘तारीख-ए-हिंद’ में लिखा है कि जहांगीर ने अक्षयवट को कटवा दिया था। इसके बाद उसने उस जगह को लोहे की मोटी चादर से ढंकवा दिया था, ताकि वृक्ष बाहर नहीं आ सके। लेकिन फिर भी अक्षय वट की कोंपलें फिर से निकल आई थीं। इसके बाद उसने जड़ों पर गर्म तवा रखवाकर उसमें आग लगवा दी थी। इसके बाद ऐसा समझा गया था कि अब वृक्ष पूरी तरह से नष्ट हो चुका है, क्योंकि वहां सिर्फ राख ही राख बची हुई थी। लेकिन इसके बाद भी अक्षय वट की कोंपलें एक बार फिर पनप गई थीं। इसके बाद जहांगीर ने अक्षय वट और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को ही बंद करा दिया था।

अलबरूनी ने भी किया जिक्र:

फारसी का जानकार अलबरूनी 1017 ईस्वी में भारत आया था। अपनी भारत यात्रा को लेकर अलबरूनी ने जो दस्तावेज तैयार किए थे, उन्हें किताब के रूप में ‘तारीख-अल-हिंद’ कहा जाता है। इस किताब में अलबरूनी ने लिखा है कि संगम के पास एक बड़ा वृक्ष है, जिसकी लंबी-लंबी शाखाएं हैं। यह एक वट वृक्ष है, जिसे अक्षयवट कहा जाता है। इस वृक्ष पर चढ़कर लोग गंगा में कूदते हैं और आत्महत्या कर लेते हैं। इसके दोनों तरफ मानव कंकाल और हड्डियों के अवशेष हैं। कई लोग तो खुद को गंगा में डुबोने के लिए एक व्यक्ति भी साथ लेकर जाते हैं. वो व्यक्ति तब तक उन्हें गंगा में डुबोए रखता है जब तक प्राण न निकल जाए।

2019 में आम जनता के लिए खुला मंदिर और अक्षयवट वृक्ष:

जहांगीर के बाद औरंगजेब ने भी पातालपुरी मंदिर और अक्षयवट को जनता के लिए बंद कर दिया था। इसके बाद अंग्रेजों ने भी यही परंपरा जारी रखी। आजाद भारत में पातालपुरी मंदिर और अक्षयवट दोनों ही लंबे समय तक भारतीय सेना के अधीन रहे। हालांकि साल 2018 में तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रयाग दौरे के दौरान इस मंदिर का निरीक्षण किया था। इसके बाद मंदिर का पुनरुद्धार तेजी से हुआ। पीने के पानी से लेकर परिक्रमा मार्ग व अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के बाद 10 जनवरी 2019 को अक्षयवट जनता के लिए खोल दिया गया था। इसके बाद से यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

Tags: MahakumbhMahakumbh 2025PrayagrajUttar Pradeshउत्तर प्रदेशप्रयागराजमहाकुंभमहाकुंभ 2025
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बांग्लादेशी बीवी से मिला धोखा तो घुसपैठियों से ले रहा बदला, 4000+ को करवा चुका गिरफ्तार: कहानी मुंबई पुलिस के ‘सबसे बड़े’ मुखबिर की

अगली पोस्ट

‘कुछ लोगों ने पंजाब को ATM समझ लिया है’: दिल्ली के बाद ‘मिशन पंजाब’ पर स्वाति मालीवाल, अब भगवंत मान का नंबर!

संबंधित पोस्ट

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा
इतिहास

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

15 September 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई मोर्चे हैं—कुछ किताबों के पहले पन्नों पर दर्ज हैं, तो कुछ हाशिये पर दबे रह गए। 1947 में...

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम
अमेरिकाज़

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

15 September 2025

जब भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद भूमध्यसागर की लहरों पर उतरा, तो यह सिर्फ एक साधारण तैनाती नहीं थी। यह उस भारत की पहचान...

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान
क्राइम

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

15 September 2025

मुजफ्फरपुर, उत्तर बिहार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापार, शिक्षा और राजनीति का यह गढ़ लंबे समय से अपराधियों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited