उत्तर प्रदेश के मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की देर रात्रि में होने वाली पद यात्रा को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। रात्रि करीब 2 बजे से शुरू होने वाली प्रेमानंद महाराज की इस यात्रा के लिए भारी भीड़ जमा होती थी। इस यात्रा को लेकर कुछ महिलाओं ने प्रदर्शन भी किया था और इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस पद यात्रा के दौरान सड़क के दोनों ओर हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए इकट्ठा होते थे और रात में भजनों की धुन पर श्रद्धालु उत्साहपूर्वक नाचते-गाते नज़र आते थे। उनकी इस यात्रा के दौरान पटाखे भी चलाए जाते थे।
आश्रम ने क्या कहा?
संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम श्री हित राधा केलि कुंज परिकर द्वारा गुरुवार (6 फरवरी) को यात्रा बंद होने को लेकर एक बयान जारी किया गया है। आश्रम ने कहा है, “आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है।” गौरतलब है कि छटीकरा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण शरणम कॉलोनी के आवास से संत प्रेमानंद अपने शिष्यों के साथ पदयात्रा करते हुए रमणरेती स्थित श्री राधा केलि कुंज के लिए रात दो बजे निकलते हैं।
सूचना
आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है।श्री हित राधा केलि कुंज… pic.twitter.com/8NhzpYIf4K
— Bhajan Marg (@RadhaKeliKunj) February 6, 2025
क्यों हुआ था प्रदर्शन?
प्रेमानंद महाराज की पद यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली ‘एनआरआई कॉलोनी’ की कुछ महिलाओं ने हाथों में तख्ती लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया था। इन तख्तियों पर ‘कौन-सी भक्ति, कौन-सा दर्शन…ये तो है केवल शक्ति प्रदर्शन’ लिखा हुआ था। इन महिलाओं का कहना था कि इस रात्रि पद यात्रा में पटाखों और भजनों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण हो रहा था और उनकी नींद में खलल पड़ रहा था। साथ ही, उनकी शिकायत थी कि वे स्कूल में पढ़ाती हैं और इस शोर के कारण उन्हें नींद ना आने की वजह से सुबह उठने में तकलीफ होती है। इन महिलाओं ने इस पद यात्रा को बंद करने की मांग की थी। हालांकि, तब आश्रम ने कहा था कि वहां इकट्ठा हुए लोगों का आश्रम का कोई लेना-देना नहीं है और उनसे कई बार लाउडस्पीकर पर भजन चलाने के लिए मना भी किया गया था।