जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते हुए अनुच्छेद 370 की वापसी संभव नहीं है। इतना ही नहीं, CM अब्दुल्ला ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत की गुंजाइश से भी इनकार किया है। इसके अलावा केंद्र सरकार से अच्छे संबंध बनाने को लेकर भी बात की है। इससे पहले तक उमर अब्दुल्ला इन मामलों में वर्तमान रुख से इतर बात करते नजर आते थे।
दरअसल, उमर अब्दुल्ला ने BBC को एक इंटरव्यू दिया है। इस बातचीत में उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के रहते जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा यानी अनुच्छेद 370 की बहाली संभव है? इस पर उमर अब्दुल्ला ने सीधे शब्दों में कहा कि नहीं, इसकी कोई संभावना नहीं है।
कश्मीर के मामले में पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा, “पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के मामलों में दखल देना कभी भी बंद नहीं किया। यह सोचना मूर्खता होगी कि जम्मू और कश्मीर में जो कुछ हुआ है वह पूरी तरह से भारत के लोगों द्वारा किया गया है और इसमें बाहर के लोगों को कोई हस्तक्षेप नहीं है। बीते कुछ समय में पाकिस्तान ने जो कुछ भी किया है, भारत में जो हमले हुए हैं, उसके चलते फिलहाल तो पकिस्तान से बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है।”
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि यदि पाकिस्तान भारत से बातचीत चाहता है तो उसे भारत के मुद्दों और शर्तों को स्वीकार करना होगा। इस पर उनकी पार्टी ने भी हमेशा जोर दिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार के साथ संबंधों और मीडिया में BJP के साथ गठबंधन की खबरों पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “यह हमारी सरकार के शुरुआती कुछ महीने हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर और यहां के लोगों के लिए केंद्र सरकार से अच्छे संबंध स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तो फिर हम केंद्र सरकार के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करेंगे।”
दिलचस्प बात यह है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उमर अब्दुल्ला और उनके अब्बा फारूक अब्दुल्ला दोनों ने ही पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की थी। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उमर ने कहा था, “उनकी पार्टी ने हमेशा पाकिस्तान के साथ बातचीत का समर्थन किया है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को सुनिए। उन्होंने कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं। पाकिस्तान पड़ोसी था, है और रहेगा।”
बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला से 370 हटाने का समर्थन न करने की अपील की थी। महबूबा मुफ्ती ने कहा था, “उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा के कामकाज के नियम बनाते समय अनुच्छेद 370 और 35-A को हटाने के केंद्र के फैसले का समर्थन करने से बचना चाहिए। इस तरह का कदम BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35-A को निरस्त करने के लिए उठाए गए अवैध कदमों को वैध बना देगा।”