नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बुधवार (19 फरवरी) को अपना कार्यभार संभाल लिया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की बैठक में बीते सोमवार को मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने का फैसला किया गया था। वहीं, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। यह फैसला CEC की नियुक्ति वाले नए नियम के तहत लिया गया है और इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को अब 19 मार्च तक के लिए टाल दिया है। इस नए नियम के तहत CEC का नाम प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त एक केंद्रीय मंत्री की तीन सदस्यीय समिति तय करती है।
यह नियम सुप्रीम कोर्ट ने उस नियम के बाद बनाया गया था जिसमें पहले CEC का नाम प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की समिति तय करती थी। नए नियमों में सरकारी दखल को ज्यादा बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। विपक्ष का दावा है कि सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों से चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया पर सरकार का प्रभुत्व ज्यादा होता है जिससे उसकी स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है। CEC के पद पर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति को लेकर भी कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। कांग्रेस ने सोमवार को हुई समिति की बैठक को किए जाने तक का विरोध किया था।
बैठक छोड़कर निकले राहुल गांधी
फिलहाल, इस पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्ष हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके सदस्य हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवासीय कार्यालय पर जो इस समिति की बैठक हुई उसमें भी ये तीनों लोग ही मौजूद थे। ‘द हिंदू’ ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री के आवासीय कार्यालय में हो रही इस समिति को बैठक को बीच में ही छोड़कर निकल गए थे। राहुल गांधी ने बैठक से निकलने से पहले लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, CEC के नामों पर हुई चर्चा के दौरान राहुल गांधी वहां मौजूद नहीं थे। हालांकि, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि गोपनीय बैठक में क्या हुआ है इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं, हमें गोपनीयता का आदर करना चाहिए।
कांग्रेस ने जताया नियुक्ति का विरोध
कांग्रेस के विरोध के इतर केंद्र ने बैठक के दिन ही देर रात को CEC की नियुक्ति से जुड़ी गजट अधिसूचना जारी कर दी थी। इसका भी कांग्रेस ने विरोध किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने CEC की नियुक्ति को लेकर कहा कि सरकार ने जल्दबाज़ी में आधी रात को नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “जल्दबाज़ी में पैनल की बैठक कर नियुक्ति की घोषणा करना बताता है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर सरकार गतिरोध पैदा करना चाहती है। इस निर्णय को तब तक टाला जाना चाहिए था जब तक कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुरूप इस मुद्दे पर निर्णय नहीं ले लेता।”
कौन हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक प्रशासनिक सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय में भी काम किया है और अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी थे। जब 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, तब उन्होंने इसकी रणनीति और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी ज्ञानेश का अहम योगदान रहा है। 15 मार्च 2024 को उन्होंने चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला और उत्तराखंड कैडर के सुखबीर संधू के साथ चयन पैनल द्वारा नियुक्त किए गए दो चुनाव आयुक्तों में से एक थे।