भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में यह पहली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक ऐतिहासिक बन गई है। करीब पांच साल बाद रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती(RBI Repo Rate Cut) का साहसिक कदम उठाया गया है। दो साल तक रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के बाद, इसे घटाकर 6.25 प्रतिशत करना न केवल जनता को बड़ी राहत देने वाला कदम है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए एक मजबूत संकेत भी है। इस फैसले के बाद होम लोन(Home Loan), कार लोन(Car Loan) और पर्सनल लोन(Personal Loan) जैसे तमाम कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जिससे आम लोगों की ईएमआई का बोझ हल्का होगा। वहीं, इस नीति से बाजारों में कर्ज की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो निवेश और विकास दर को नई ऊर्जा दे सकती है।
जानिए लोन पर कितने बचेंगे?
शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा कदम उठाते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया। अब यह दर 6.50% से घटकर 6.25% हो गई है। पांच साल बाद इस तरह की कटौती ने आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग के लिए राहत की लहर ला दी है। इससे न केवल आपकी ईएमआई कम होगी, बल्कि घर खरीदने, गाड़ी लेने या अन्य बड़े खर्चों की योजना बनाना थोड़ा आसान हो जाएगा। आइए, सरल भाषा में समझते हैं कि इस फैसले का आपके लोन पर क्या असर पड़ेगा और आप हर महीने कितनी बचत कर सकते हैं।
पर्सनल लोन पर बचत का गणित
अगर आपने 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन(Personal Loan) 12% सालाना ब्याज दर पर लिया है, जिसकी अवधि 5 साल है, तो रेपो रेट में हुई इस कटौती से आपकी ब्याज दर घटकर 11.75% हो जाएगी। इसका असर आपकी मासिक किस्तों पर इस तरह होगा:
पहले की ईएमआई (12% ब्याज दर पर): ₹11,122
नई ईएमआई (11.75% ब्याज दर पर): ₹11,059
सालाना बचत: ₹756
कार लोन पर कितनी राहत मिलेगी?
मान लें आपने 10 लाख रुपये का कार लोन(Car Loan) 9% ब्याज दर पर लिया है, जिसकी अवधि 7 साल है। रेपो रेट में बदलाव के बाद ब्याज दर घटकर 8.75% हो जाएगी। अब आपकी ईएमआई में कुछ इस तरह से कमी आएगी:
पहले की ईएमआई (9% ब्याज दर पर): ₹16,089
नई ईएमआई (8.75% ब्याज दर पर): ₹15,962
सालाना बचत: ₹1,524
होम लोन पर बचत का उदाहरण
अगर आप 20 लाख रुपये का होम लोन(Home Loan) 8.5% ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए ले रहे हैं, तो वर्तमान में आपकी ईएमआई ₹17,356 होगी। लेकिन रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दर घटकर 8.25% हो जाएगी, जिससे आपकी मासिक किस्त कम होकर ₹17,041 रह जाएगी।
मासिक बचत: ₹315
सालाना बचत: ₹3,780
मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत
इस फैसले से साफ है कि अब होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को अपनी ईएमआई में सीधी राहत मिलेगी। खासतौर पर मध्यम वर्ग, जो अपनी मासिक बचत का बड़ा हिस्सा लोन की किस्तों में चुकाता है, उसे इससे राहत की सांस मिलेगी।
अर्थव्यवस्था पर क्या होगा इसका असर
रेपो रेट में 0.25% की कटौती के साथ सभी एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स (EBLR), जो रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क पर आधारित होती हैं, कम हो जाएंगी। इससे उधारकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनकी मासिक किस्तें (EMIs) कम हो जाएंगी। साथ ही, जो लोन मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) से जुड़े हुए हैं, उनके ब्याज दरों में भी कमी देखने को मिलेगी। मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि का असर पूरी तरह से ट्रांसमिट नहीं हो पाया था, लेकिन अब इस कटौती के बाद होम लोन और वाहन लोन की किस्तें घटेंगी। इससे लोगों के लिए कर्ज चुकाना आसान हो जाएगा।
रेपो रेट में इस कटौती का मतलब है कि उधारी सस्ती होगी। इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यवसायों के लिए भी लोन लेना किफायती हो जाएगा। ज्यादा खर्च और निवेश से आर्थिक विकास को गति मिल सकती है। बैंक अब अधिक क्रेडिट देने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे बाजार में पैसे की आपूर्ति बढ़ेगी। लेकिन इसका एक पहलू यह भी है कि ब्याज दरों में गिरावट से बचत पर मिलने वाला ब्याज घटेगा, जिससे लोगों के लिए बचत करना कम आकर्षक हो सकता है। इसके अलावा, बढ़ी हुई पैसे की आपूर्ति और सस्ते कर्ज से महंगाई का खतरा भी बढ़ सकता है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय पूरी तरह से आर्थिक संतुलन और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करते हुए फ्लेक्सिबल इन्फ्लेशन टार्गेटिंग के तहत यह कदम उठाया गया है। दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में आरबीआई ने FY2025 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया था, लेकिन 2025-26 के लिए यह अनुमान 6.7% कर दिया गया है।
रेपो रेट में यह कटौती मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए राहत लेकर आई है। अब यह देखना होगा कि इसका असर आने वाले महीनों में आर्थिक विकास, महंगाई और बाजार की स्थिरता पर कैसा पड़ता है।