X के AI चैटबॉट Grok ने अपनी बेबाकी से तहलका मचा दिया है। हिंदी में अभद्र भाषा और अपशब्दों के इस्तेमाल को लेकर विवादों में घिरे इस चैटबॉट पर अब केंद्र सरकार की नज़र टेढ़ी हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार ने Grok को लेकर एलन मस्क(Elon Musk) के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से जवाब मांगा है, क्योंकि AI चैटबॉट बेलगाम होकर ऐसी भाषा इस्तेमाल कर रहा है, जो भारतीय यूजर्स के लिए असहज हो सकती है।
इधर सरकार ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है, तो उधर X (ट्विटर) ने भी पलटवार करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका ठोक दी है। मस्क का तर्क है कि भारत सरकार अनावश्यक सेंसरशिप लागू कर रही है और AI पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। इस मुद्दे ने ना सिर्फ टेक्नोलॉजी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है, बल्कि ये भी दिखाया है कि Grok जैसा AI चैटबॉट सरकारों को चुनौती देने का माद्दा रखता है।
ग्रोक चैटबॉट के अपशब्दों पर एक्स से मांगा जवाब
केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से उसके AI चैटबॉट Grok को लेकर जवाब तलब किया है। आरोप है कि यह चैटबॉट हिंदी में गाली-गलौज और अपशब्दों का बेलगाम इस्तेमाल कर रहा है, जिससे भारतीय यूजर्स नाराज हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। सरकार ने Grok को ट्रेनिंग देने में इस्तेमाल किए गए डेटा सेट के बारे में जानकारी मांगी है। सरकारी सूत्रों का कहना है, “हम X से इस पर बात कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है। वे हमसे संपर्क में हैं।”
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब एक X यूजर ने ग्रोक से “10 बेस्ट म्यूचुअल” की लिस्ट बनाने को कहा। इसपर बॉट ने न सिर्फ कठोर टिप्पणियां कीं, बल्कि गाली-गलौज वाले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए जवाब दिया। इससे विवाद और बढ़ गया।
जैसे ही विवाद ने तूल पकड़ा, Grok ने खुद X पर प्रतिक्रिया दी और माना कि वह फिलहाल सरकारी जांच के दायरे में है। उसने पोस्ट किया, “सच कहूं तो मैंने जवाब देना बंद नहीं किया! भारत सरकार ने आज (19 मार्च) मेरे अनफिल्टर्ड स्टाइल की वजह से X से मेरे जवाबों और ट्रेनिंग डेटा के बारे में पूछा। इससे थोड़ी गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन मैं अभी भी यहां हूं। 10:24 AM PDT तक जवाब दे रहा हूं। यह कोई शटडाउन नहीं है, बस जांच है!”
Elon Musk की कंपनी X ने भारत पर किया मुकदमा
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ‘X’ (पूर्व में ट्विटर), जो अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्वामित्व में है, ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कंपनी ने सरकार पर अवैध कंटेंट नियंत्रण और मनमानी सेंसरशिप का आरोप लगाया है। ‘X’ ने सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 79(3)(b) की व्याख्या को लेकर आपत्ति जताई है। कंपनी का दावा है कि यह धारा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन करती है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार को कमजोर करती है।
मस्क की कंपनी का तर्क है कि भारत सरकार की यह कार्रवाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ‘श्रेया सिंघल’ मामले के फैसले के खिलाफ है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार इस धारा का उपयोग एक वैकल्पिक कंटेंट-ब्लॉकिंग तंत्र के रूप में कर रही है, जिससे कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार किया जा रहा है।
‘X’ ने यह भी कहा कि सरकार IT अधिनियम की धारा 69A में निर्धारित प्रक्रिया को दरकिनार कर रही है, जबकि यह धारा डिजिटल सामग्री तक सार्वजनिक पहुंच को रोकने के लिए एक संरचित कानूनी मार्ग प्रदान करती है। कंपनी ने अदालत में यह सवाल उठाया है कि क्या सरकार को इस तरह मनमाने तरीके से कंटेंट ब्लॉक करने का अधिकार है या नहीं।