अंकारा, 29 मार्च। तुर्किए में इस्तांबुल के मेयर एकराम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं और न ही पुलिस का दमन रुक रहा है। आज भी पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और उन पर बल प्रयोग की भी खबरें सामने आईं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को बड़े पैमाने पर शारीरिक दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा।
दरअसल कुछ दिन पहले इस्तांबुल के मेयर एकराम इमामोग्लू को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। इमामोग्लू तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ही नहीं राष्ट्रपति चुनाव के संभावित दावेदार भी हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर देशव्यापी प्रदर्शन भी हुए। पहले तो इमामोग्लू के समर्थक ही इस गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर थे, लेकिन जल्दी ही आम लोग भी एर्दोगान विरोधी इन प्रदर्शनों में शामिल होने लगे थे।
प्रदर्शनों को कुचलने के लिए एर्दोगान उसी राह पर हैं, जिसे तानाशाहों की पसंदीदा शैली माना जाता है- यानी पुलिस और ताक़त का इस्तेमाल। इसीलिए सिर्फ प्रदर्शनकारी और आम जनता ही नहीं, बड़ी संख्या में पत्रकारों को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, तुर्किए सुरक्षा बलों ने अब तक 1800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें इन प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकार भी शामिल हैं। वहीं, कैदियों का पक्ष रखने वाले वकीलों ने भी जेलों में उनके साथ हो रहे कथित भयानक दुर्व्यवहार का खुलासा किया है।
इसी सिलसिले में इस्तांबुल के साराचाने में हिरासत में ली गई एक युवती की कहानी भी सामने आई है। एक आधिकारिक बयान में युवती ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद एक पुरुष अधिकारी ने उसके बाल खींचे, उसे जमीन पर घसीटा और उसका यौन शोषण किया। उस युवती ने बताया कि इन सबसे वो इतना डर गई थी कि उसने कपड़ों में ही पेशाब कर दिया था।
रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) ने भी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस की ज्यादती के आरोपों की पुष्टि की है। पार्टी के एक सांसद तानरिकुलु ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया कि “मेरे पास पुलिस का बयान और पूछताछ का रिकॉर्ड है। एक युवा छात्रा ने स्पष्ट रूप से बताया कि कैसे उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और न्यायपालिका चुप रही।”
वहीं, अटॉर्नी हलील एनेस कावाक ने भी तुर्किए की पुलिस की क्रूरता के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। टर्किश अखबार सोज़्कू से बात करते हुए कावाक ने कहा, “सरचैन में हिरासत में लिए गए कोई भी युवक ऐसा नहीं जिसके शरीर पर हिंसा के निशाना न हो। कई लोगों को घसीटा गया। उन पर लातों और मुक्कों से हमला किया गया। इनमें कई पीड़ित तो विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा भी नहीं थे – वे न तो भाग रहे थे और न ही विरोध कर रहे थे। ज़ाहिर है कि ये मनमाने ढंग से किए गए हमले थे।”
कावाक ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों को बेहद तंग जगहों पर रखा गया था, जहां लोगों को इतनी बुरी तरह ठूंसा गया था कि ठीक से साँस लेने तक की भी जगह नहीं थी। उन्होंने कहा कि मिर्च स्प्रे का शिकार कुछ लोगों को ज़मीन से सात तल अंदर मौजूद बेसमेंट पर रखा गया, जहां न तो जगह थी और न ही हवा। तुर्किए की स्थानीय मीडिया के अनुसार, महिला बंदियों पर यौन और शारीरिक हिंसा की निंदा करते हुए पीपुल्स इक्वालिटी एंड डेमोक्रेसी पार्टी (डीईएम पार्टी) की महिला सभा ने इसे ‘राज्य की पुरुष-प्रधान, लैंगिकवादी और सत्तावादी नीतियों का प्रतीक’ बताया है।
हालांकि इस बीच, मेयर इमामोग्लू की वकील मेहमत को जूडिशल कस्टडी में रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शनों के बीच उन्हे भी बीते गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया था।