रमजान का महीना, जिसे इस्लाम में सबसे पाक माना जाता है, दरअसल, आत्मसंयम, इबादत और खुदा की राह पर चलने का संदेश देता है। कहा जाता है कि इसी महीने की 23वीं रात, शब-ए-क़द्र के दौरान कुरान नाज़िल हुआ था, और इसी कारण इसे पढ़ना और तरावीह की नमाज़ अदा करना सवाब का काम माना जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जिस महीने को आत्मशुद्धि और बुराइयों से दूर रहने का समय बताया जाता है, उसी दौरान वहशियत और मजहबी कट्टरता अपने चरम पर क्यों पहुंच जाती है?
चूरू से लेकर हाथरस तक, हाल के दिनों में सामने आई घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रमजान, जो खुद को बुराइयों से दूर रखने की सीख देता है, उसी दौरान कुछ उन्मादी अपनी दरिंदगी और हवस का नंगा नाच दिखा रहे हैं। हर बार की तरह, इन घटनाओं पर एक खास तबका चुप्पी साधे बैठा है, तो वहीं सेकुलरिज्म की दुहाई देने वाले इन वहशियों के बचाव में दलीलें खोज रहे हैं। सवाल यह है कि कब तक धार्मिक आस्था की आड़ में ऐसे जघन्य अपराधों पर पर्दा डाला जाएगा?
7 साल की मासूम हिन्दू बच्ची के बेहोश होने तक उसके साथ करता रहा दरिंदगी
रमजान, जिसे इस्लाम में सबसे पवित्र महीना माना जाता है, उसी दौरान उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। आरोप है कि अमन खान ने सात साल की मासूम हिन्दू बच्ची के साथ बलात्कार किया है। यह मामला कोतवाली सादाबाद क्षेत्र के बिसावर कस्बे का है। शनिवार की रात बच्ची अपने दोस्तों के साथ बाजार गई थी, तभी अमन खान उसे बहला-फुसलाकर सुनसान इलाके में ले गया। वहां उसने बच्ची के बेहोश होने तक उसके साथ हैवानियत को अंजाम दिया और उसे बेसुध हालत में छोड़कर भाग गया।
जब बच्ची के साथ गए अन्य बच्चों ने घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। परिजन और पड़ोसी तुरंत बच्ची की तलाश में जुट गए और काफी मशक्कत के बाद उसे एक पोखर की बाउंड्री के पास बेहोशी की हालत में पाया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पहले उसे सादाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे हाथरस जिला अस्पताल और फिर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है और उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया और रविवार सुबह आरोपी अमन खान को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस पूछताछ कर रही है। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि आखिर ऐसे हैवानों पर कैसे लगाम लगाई जाए। प्रशासन से उम्मीद है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
चूरू में ब्लैकमेलिंग, रेप, आत्महत्या और धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला
राजस्थान में हिन्दू बेटियों के खिलाफ हो रहे अपराधों का एक और भयावह मामला सामने आया है। चूरू जिले में सुदाम खान ने 25 वर्षीय हिन्दू युवती को पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण किया और जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। मानसिक और शारीरिक यातनाओं से टूट चुकी युवती ने आखिरकार जहर खाकर अपनी जान दे दी।
यह दर्दनाक घटना सिद्धमुख थाना क्षेत्र की है, जहां पीड़िता के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, सुदाम खान लंबे समय से युवती के संपर्क में था और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर कर रहा था। वह लगातार जातिसूचक गालियां देकर उसे अपमानित करता था और शादी करने का दबाव बना रहा था।
3 मार्च को आरोपी ने युवती को जबरन 85,000 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवाने पर मजबूर किया। इसके बाद 12 मार्च को बहला-फुसलाकर उसे अपने घर ले गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया और बेरहमी से मारपीट की। आरोपी ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा।
लगातार प्रताड़ना और धमकियों से टूट चुकी पीड़िता ने आत्महत्या का कदम उठा लिया। शनिवार को जब यह मामला सामने आया, तो परिजनों और ग्रामीणों ने जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, न्याय की मांग उठाई और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुदाम खान और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।