TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कैसे बंगाली अस्मिता से कट्टरपंथ की और बढ़ा बांग्लादेश? जानें बांग्लादेश बनने की पूरी कहानी

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
26 March 2025
in इतिहास
कैसे बंगाली अस्मिता से कट्टरपंथ की और बढ़ा बांग्लादेश? जानें बांग्लादेश बनने की पूरी कहानी
Share on FacebookShare on X

बांग्लादेश आज अपना 55वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ तो भारत के साथ पाकिस्तान का भी जन्म हुआ था, इस्लाम को मानना वाला पाकिस्तान देश पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में बंटा हुआ था। बेशक ये दोनों हिस्से इस्लाम को मानते थे लेकिन भाषा और संस्कृति के मामले में एक-दूसरे से बहुत अलग थे। एक ओर पश्चिमी पाकिस्तान में पंजाबी, सिंधी, बलूची, पश्तो और अन्य स्थानीय भाषाओं के बोलने वाले लोग थे तो वहीं पूर्वी पाकिस्तान में बांग्ला भाषा बोली जाती थी। आज़ादी के अगले वर्ष ही बांग्लादेश में भाषा को लेकर विवाद शुरू हो गया था। 1948 में पाकिस्तान में उर्दू को राजकीय भाषा का दर्जा दे दिया गया और यह पूर्वी पाकिस्तान पर भी थोप दी गई जिनकी संस्कृति इससे अलग थी।

पश्चिमी पाकिस्तान के लोग खुद को ‘श्रेष्ठ’ समझते थे और पूर्वी पाकिस्तान की आबादी के साथ असमानता समेत हर तरह के भेदभाव किए जाते थे। पश्चिमी पाकिस्तान के लोग अपनी संस्कृति के वर्चस्व का प्रदर्शन करते और पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की संस्कृति को हिंदू बताकर इसे शुद्ध करने की बातें कही जातीं। पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में धीरे-धीरे इसे लेकर गुस्सा पनपता जा रहा था। पूर्वी पाकिस्तान में तब कोई प्रतिरोध भी होता तो पाकिस्तान की सेना द्वारा उसे आक्रामकता से दबा दिया जाता। ना केवल सांस्कृतिक तौर पर पूर्वी पाकिस्तान को दबाने की कोशिश हो रही थी बल्कि आर्थिक तौर पर भी वहां शोषण किया जा रहा था।

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

और लोड करें

आर्थिक भेदभाव के अलावा पाकिस्तान में तब नौकरियों में जातीय, भाषाई और सांस्कृतिक भेदभाव आम बात थी और बीतते समय के साथ पूर्वी पाकिस्तान में रबींद्रनाथ टैगौर के संगीत और साहित्य पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बीच वहां अवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर रहमान की लोकप्रियता बढ़ रही थी और उन्होंने 1966 में संघीय संसदीय लोकतंत्र के लिए छह सूत्री आंदोलन की घोषणा कर दी। पाकिस्तान की सरकार को उनकी लोकप्रियता रास नहीं आ रही थी और शेख मुजीब पर देशद्रोह के आरोप लगाकर 1967 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

शेख मुजीब और कई अन्य बंगाली सैन्य अधिकारियों पर सरकार पर भारत के एजेंट्स के साथ मिलकर पाकिस्तान को विभाजित करने और इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की योजना में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। दावा किया गया कि यह षड्यंत्र त्रिपुरा के अगरतला में किया गया था और इसे अगरतला षड्यंत्र केस ही नाम दिया गया। मुजीब की गिरफ्तारी के बाद पूर्वी बंगाल में आक्रोश फैल गया और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए। फरवरी 1969 में शेख मुजीब से आरोप हटा दिए गए और उन्हें रिहा कर दिया गया। जब मुजीब कैद से बाहर आए तो वे निर्विवादित रूप से पूर्वी पाकिस्तान के नायक बन चुके थे। 23 फरवरी 1969 को छात्र नेता तुफैल अहमद के नेतृत्व में मुजीबुर रहमान के सम्मान में एक जनसभा आयोजित की गई और इसी सभा में तुफैल ने घोषणा की कि अब से शेख़ मुजीब को ‘बंग-बंधु’ के नाम से पुकारा जाएगा।

1969 में जब शेख मुजीब को कहा गया ‘बंग-बंधु’

पूर्वी पाकिस्तान में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच 1970 में वहां आम चुनावों की घोषणा कर दी गई और इन चुनावों में शेख मुजीब की पार्टी ने पूर्वी पाकिस्तान की 169 सीटों में से 167 सीटें जीतीं और पाकिस्तान की संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। 167 सीटें के सहारे आवामी लीग को पूर्ण बहुमत मिल गया था। उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान में कई समूह अलग बांग्लादेश की वकालत कर रहे थे लेकिन मुजीब ने इसे लेकर कोई एलान नहीं किया था।

1970 के चुनावों में शेख मुजीब

मार्च 1971 में पाकिस्तान की नैशनल असेंबली की बैठक ढाका में होनी थी जिसे राष्ट्रपति याह्या खान ने स्थगित कर दिया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह शुरू हो गए। कई शहरों में खुलेआम विद्रोह हुए तो मुजीब ने 7 मार्च को पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार संघर्ष हमारी मुक्ति के लिए है और इस बार संघर्ष हमारी स्वतंत्रता के लिए है।

7 मार्च 1931 को शेख मुजीब का संबोधन

शेख मुजीब के इस भाषण के बाद पूर्वी पाकिस्तान में 17 दिनों तक असहयोग आंदोलन चलाया गया और इस दौरान अवामी लीग ने कर वसूलना शुरू कर दिया था। 23 मार्च 1971 को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी झंडे फहराए गए। एक और अवामी लीग और पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के बीच
सत्ता का ट्रांसफर करने को लेकर बातचीत चल रही थी तो दूसरी ओर पाकिस्तान ने सैन्य तैयारी शुरू कर दी थी। 25 मार्च आते-आते यह वार्ता टूट गई और याह्या खान ने मार्शल लॉ घोषित कर ढाका छोड़ दिया। आवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया और पाकिस्तानी सेना को मुजीब की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए।

25 मार्च की देर रात और 26 मार्च के शुरुआती घंटों में शेख मुजीब ने एक टेलीग्राम चटगांव भेजा और वहां एम. ए. हन्नान और ईस्ट बंगाल रेजिमेंट के मेजर जियाउर रहमान ने मुजीब के टेलीग्राम मिलने के बाद स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। इस टेलीग्राम में लिखा गया था, “यह मेरा आखिरी संदेश हो सकता है, आज से बांग्लादेश स्वतंत्र है। मैं बांग्लादेश के लोगों से आह्वान करता हूं कि आप जहां भी हों और जो कुछ भी आपके पास है, कब्जे वाली सेना का विरोध आखिरी दम तक करें। आपकी लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए जब तक कि पाकिस्तानी कब्जे वाली सेना का आखिरी सैनिक बांग्लादेश की धरती से बाहर नहीं निकल जाता और अंतिम जीत हासिल नहीं हो जाती।”

शेख मुजीब के टेलीग्राम में लिखा था…

मुजीब को अंतत: गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पश्चिमी पाकिस्तान की जेल में भेज दिया गया। इस बीच पाकिस्तान की सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में आतंक मचाना शुरू कर दिया था। पाकिस्तानी सेना ने कट्टरपंथी संगठनों की मदद से लोगों को निशाना बनाया और बड़ी संख्या में महिलाओं के बलात्कार किए। बांग्लादेश के आधिकारिक पक्ष की मानें तो, पाकिस्तानी सेना ने कथित तौर पर 30 लाख लोगों को मारा था। इस बीच पाकिस्तान की सेना के जुर्म से पीड़ित लोगों ने बड़ी संख्या में भारत में शरण ली। उधर शेख मुजीब जेल में बंद थे और उनका कोर्ट मार्शल किया गया, मुजीब को मौत की सज़ा भी सुनाई गई लेकिन पाकिस्तान का सैन्य शासन उन्हें मार नहीं सका।

इस बीच पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी ने भी गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिए थे, इनमें आम नागरिक, पूर्व सैनिक और छात्र शामिल थे। मुक्ति वाहिनी में लड़ने वाले लोगों को लेकर कहा गया कि इन्हें भारत की सेना ने प्रशिक्षित किया था। पाकिस्तानी की सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचारों की इंतहा कर दी थी। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया और भारत औपचारिक रूप से युद्ध में शामिल हो गया। पाकिस्तान ने ऑपरेशन चंगेज खान के तहत पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर और आगरा समेत कई भारतीय वायु सेना के कई ठिकानों को निशाना बनाया था। यह युद्ध पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर लड़ा जा रहा था। हालांकि, इसमें मुख्य लड़ाई पूर्वी पाकिस्तान में ही थी जहां भारत का लक्ष्य मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर बांग्लादेश को आज़ाद कराना था।

भारतीय सेना ने ‘ब्लिट्जक्रेग’ (तेज़ हमले) की रणनीति अपनाई और 16 दिसंबर तक पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल नियाज़ी ने 93,000 सैनिकों के साथ ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में युद्धविराम के प्रस्ताव आए लेकिन भारत ने इन्हें तब तक खारिज किया जब तक बांग्लादेश की आज़ादी सुनिश्चित नहीं हुई। सात जनवरी 1972 को शेख एक विशेष विमान के जरिए लंदन पहुंचे और वहां दो दिन रहने के बाद शेख ढाका के लिए रवाना हुए। भारत और इंदिरा गांधी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देने के लिए शेख कुछ घंटे के लिए दिल्ली में रुके थे।

आज़ादी के बाद बांग्लादेश को गरीबी, भुखमरी और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा। 1975 में शेख मुजीब की हत्या और सैन्य तख्तापलट ने देश को अस्थिर किया लेकिन समय के साथ यह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में उभर रहा था। हाल ही में शेख हसीना को तख्तापलट के ज़रिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया और मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चल रही है।

कट्टरपंथ की और बढ़ता बांग्लादेश

बांग्लादेश की नींव 1971 में बंगाली राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता के नाम पर रखी गई थी। नवंबर 1972 में लागू हुए बांग्लादेश के मूल संविधान में ‘राष्ट्रवाद, समाजवाद, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता’ जैसे तत्वों को शामिल किया गया था। हालांकि, यह विचार लंबे समय तक टिकता उससे पहले ही 1975 में मुजीब की हत्या और उसके बाद सैन्य तख्तापलट ने इस दिशा को बदल दिया। लंदन टाइम्स ने 16 अगस्त 1975 के संपादकीय में लिखा, ‘अगर शेख मुजीब की इतनी दुखद हत्या हुई होती, तो बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरने की कोई ज़रूरत नहीं थी’।

जनरल जिया-उर-रहमान ने सत्ता संभालकर संविधान से धर्मनिरपेक्षता की भावना को हटाना शुरू कर दिया था। 1980 और 1990 के दशक में जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद ने इस्लामीकरण को और बढ़ावा दिया। इस्लाम को 1988 में राज्य धर्म घोषित किया गया। इस फैसले के बाद जमात-ए-इस्लामी जैसे कई कट्टर धार्मिक संगठनों को मजबूती मिलती गई और ये संगठन अलग-अलग क्षेत्रों में प्रभावी होते गए। सऊदी अरब से वित्तीय सहायता और वहाबी विचारधारा का प्रसार हुआ और इसके चलते मदरसों और धार्मिक संस्थानों को बढ़ावा दिया। इसने ग्रामीण और गरीब आबादी में कट्टरपंथी विचारों को जड़ें जमाने का मौका दिया।

कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव के चलते वहां हिंदुओं समेत अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर खूब हमले हुए और हज़ारों-लाखों लोगों को मारा गया। शेख हसीना की सरकार ने कट्टरपंथ पर रोक लगाने की कोशिश की लेकिन राजनीतिक दबाव में जमात जैसे दलों को प्रतिबंधित करने में असफल रही। सोशल मीडिया और युवाओं में कट्टर विचारों का प्रसार भी बढ़ा। आर्थिक असमानता, भ्रष्टाचार और कमजोर संस्थानों ने असंतोष को बढ़ाया जिसे कट्टरपंथी समूहों ने खूब भुनाया।

स्रोत: पाकिस्तान, बांग्लादेश, शेख मुजीबुर रहमान, शेख हसीना, मोहम्मद युनूस, Pakistan, Bangladesh, Sheikh Mujibur Rahman, Sheikh Hasina, Muhammad Yunus
Tags: BangladeshMuhammad YunusPakistanSheikh HasinaSheikh Mujibur Rahmanपाकिस्तानबांग्लादेशमोहम्मद युनूसशेख मुजीबुर रहमानशेख हसीना
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

न डॉक्टर-न दवाएं…खस्ता हाल हैं पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, साल भर में बढ़ गया ₹30 हजार करोड़ का कर्ज; CAG रिपोर्ट

अगली पोस्ट

‘क्या हम पाकिस्तान में रह रहे हैं?’ मुस्लिम बहुल जिले को 28 डॉक्टर, जहां हिंदू-सिख अधिक वहां सिर्फ 4; AAP विधायक ने खोली भगवंत सरकार की पोल

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited