भारत और चीन के रिश्तों में तल्खी कई वर्षों से चल रही है। पिछले साल रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता हुई थी और इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों पर लंबे समय से पड़ी बर्फ पिघलनी शुरू हुई थी। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन संग बातचीत के दौरान चीन के साथ संबंधों को लेकर चर्चा की थी जिसके बाद अब चीन ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है।
पीएम मोदी ने भारत-चीन दोस्ती पर क्या कहा?
पॉडकास्ट के दौरान फ्रीडमैन ने पीएम मोदी से पूछा था कि वह और जिनपिंग एक-दूसरे को दोस्त मानते हैं तो उस दोस्ती को फिर कैसे मज़बूत किया जा सकता है। इस पर पीएम मोदी ने कहा, “भारत और चीन का संबंध कोई आज का नहीं है, दोनों पुरातन संस्कृति हैं और आज के समय में भी अपनी उनकी भूमिका है। अगर पुराने रिकॉर्ड देखेंगे, सदियों तक चीन और भारत एक दूसरे से सीखते रहे हैं और दोनों मिलकर दुनिया की भलाई के लिए कोई न कोई योगदान देते रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “मैं मानता हूं कि इतने सशक्त संबंध रहे और पहले की सदियों में कोई हमारे बीच में संघर्ष का इतिहास नहीं मिलता है। बुद्ध का प्रभाव किसी ज़माने में तो चीन में काफी था और यहीं से ही वो विचार गया था। भविष्य में भी इन संबंधों को ऐसे ही मज़बूत रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि दो पड़ोसी देशों में कुछ ना कुछ तो होता ही है।
पीएम ने कहा, “यदा-कदा असहमति भी बहुत स्वाभाविक है, वो तो एक परिवार में भी होता है। लेकिन हमारी कोशिश है कि हमारे जो मतभेद हैं, ये विवाद में न बदलें। एक स्थिर, सहयोगात्मक संबंध दोनों ही देशों के हित में है। हमारा सीमा विवाद चलता रहता है। 2020 में सीमा पर जो घटनाएं घटीं, उसके कारण हमारे बीच स्थितियां काफी दूरी की बन गईं लेकिन अभी राष्ट्रपति शी के साथ मेरा मिलना हुआ है। सीमा पर जो चीजें थी, उसमें नॉर्मल स्थिति आ चुकी है।”
पीएम मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट को लेकर कहा, “अब धीरे-धीरे वो विश्वास और वह उत्साह और उमंग और ऊर्जा वापस आ जाए, उसको थोड़ा एक समय लगेगा क्योंकि बीच में 5 वर्ष का अंतराल गया है।” उन्होंने कहा, “हमारा साथ होना न सिर्फ़ लाभदायक है बल्कि वैश्विक स्थितरता और समृद्धि के लिए भी ज़रूरी है और जब 21वीं सदी एशिया की सदी है, तो हम तो चाहेंगे कि भारत-चीन के बीच में स्पर्धा सब स्वाभाविक है, स्पर्धा कोई गलत चीज़ नहीं है लेकिन संघर्ष नहीं होना चाहिए।”
पीएम मोदी के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने भी प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान की सराहना की है और चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी पीएम मोदी की तारीफ की है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हाल की सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना करते हैं। पिछले अक्टूबर में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कजान में सफलतापूर्वक मुलाकात की और चीन-भारत संबंधों को सुधारने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।”
निंग ने कहा, “दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को ईमानदारी से लागू किया है, सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है और कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।” उन्होंने कहा, “दोनों देशों को एक-दूसरे को समझना चाहिए, समर्थन करना चाहिए। यह दोनों देशों के 2.8 बिलियन से अधिक लोगों के मौलिक हितों के अनुरूप है, क्षेत्रीय देशों की साझा अपेक्षाओं के अनुरूप है, वैश्विक दक्षिण के उत्कृष्ट विकास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति के अनुरूप है और विश्व शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए अनुकूल है।”
इस दौरान निंग ने माना है कि चीन दोनों देशों के नेताओं की साझा सहमति को पूरी तरह से लागू करने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है। वहीं, ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की तारीफ की है। अखबार में लिखा गया है कि पीएम मोदी की टिप्पणी दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार के नज़रिए को रेखांकित करती है।