राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जल्द ही 100 वर्ष का होने जा रहा है, इस वर्ष विजयादशमी को संघ की शताब्दी पूरी हो जाएगी। 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना की थी और तब से विजयादशमी को ही संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता रहा है। इस महत्वपूर्ण वर्ष में संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए आगामी 21, 22 एवं 23 मार्च को संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है। इस बैठक का आयोजन बेंगलुरु के चन्नेनहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में किया जाएगा। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की कार्य पद्धति में निर्णय करने वाली सर्वोच्च इकाई है और इसकी बैठक का आयोजन हर वर्ष किया जाता है।
क्या होगा RSS की बैठक का एजेंडा?
इस बैठक में RSS और अन्य संगठनों का पिछले वर्ष (2024-25) का कार्यवृत्त दिया जाएगा और उस पर समीक्षात्मक चर्चा भी की जाएगी। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया, “2025 में विजयादशमी से 2026 विजयादशमी तक संघ शताब्दी वर्ष माना जाएगा और इस बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्य विस्तार की समीक्षा के साथ-साथ आगामी शताब्दी वर्ष के विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजन तथा अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस बैठक में राष्ट्रीय विषयों पर दो प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।”
सुनील आंबेकर ने बताया कि इस बैठक में RSS की शाखाओं के माध्यम से किए जा रहे सामाजिक परिवर्तन के कार्यों खासतौर पर संघ द्वारा तय किए गए पंच परिवर्तन के प्रयासों को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जाएगी। साथ ही, हिंदुत्व जागरण, देश की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण और आवश्यक कार्यों की रूपरेखा भी बैठक के मुख्य विषयों में शामिल होगी। इस बैठक में आगामी वर्षों में होने वाले विधानसभा चुनाव और बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर भी चर्चा संभव है।
बैठक में कौन-कौन होगा शामिल?
इस बैठक में सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, 6 सह सरकार्यवाह समेत संघ के अखिल भारतीय स्तर के अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि, प्रांत व क्षेत्र स्तर के 1,480 कार्यकर्ता अपेक्षित हैं। संघ ने संगठन के लिहाज से देश को 11 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिनमें कुल 45 प्रांत हैं। इसके अलावा संघ के विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्र सेविका समिति जैसे 32 सहयोगी संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामंत्री एवं संगठन मंत्री भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे।