उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हिन्दुओं के एक धार्मिक आयोजन के दौरान पत्थरबाजी हुई है। पत्थरबाजी का आरोप मुस्लिम समुदाय के लोगों पर लगा है जिसमें कुछ नाबालिग बताए जा रहे हैं। पत्थर फेंकने वालों को एक स्थानीय मदरसे में पनाह दी गई। स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने जुबैर आलम को मुख्य आरोपित करार दिया है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है। घटना रविवार (2 मार्च 2025) की है।
यह घटना नैनीताल जिले के थानाक्षेत्र कालाढूंगी की है। यहाँ सोमवार को मयंक गुप्ता ने पुलिस में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि रविवार को उनके घर पर श्याम बाबा कीर्तन का आयोजन किया गया था। रात में लगभग 9 :30 पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने नाबालिग बच्चों के माध्यम से कीर्तन के पंडाल पर पत्थर फिंकवाए। इस हरकत का कीर्तन में मौजूद लोगों ने विरोध किया और पत्थरबाज नाबालिगों को डाँट कर भगा दिया।
कुछ देर बाद कीर्तन वाले स्थान पर जुबैर आलम नाम का व्यक्ति आया। उसने लोगों को भरोसा दिया कि अब जागरण में व्यवधान नहीं डाला जाएगा। उसकी बातों पर यकीन कर के लोगों ने फिर से कीर्तन शुरू करवा दिया। रात लगभग 10 बजे एक बार फिर से पंडाल पर पत्थर फेंके जाने लगे। आरोप है कि दोबारा पत्थरबाजी करने वाले नाबालिग वही थे जिन्होंने पहली बार पथराव किया था।
स्थानीय लोगों का दावा है कि जुबैर आलम ने पत्थरबाजों को एक मदरसे में छिपा दिया था। जब इसकी शिकायत जुबैर से की गई तो वो गलती मानने के बजाय हिन्दुओं से झगड़ना शुरू कर दिया। उसने धमकी भरे अंदाज में कहा, “जिसे जो करना है कर ले।” मयंक के अनुसार पथराव की वजह से पंडाल से मौजूद महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग डर गए थे। जैसे-तैसे लोगों को समझाबुझा कर शाँत किया गया।
पीड़ित का दावा है कि उनके पास पत्थरबाजी के वीडियो मौजूद हैं। मयंक को डर है कि दोबारा भी उनके धार्मिक कार्यक्रमों में ऐसी बाधा डाली जा सकती है। अपनी शिकायत के अंत में मयंक ने पुलिस से उम्मीद जताई कि आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है। विश्व हिन्दू परिषद ने भी एक ज्ञापन के जरीए पुलिस से कठोर कार्रवाई की माँग उठाई है। TFI के पास ज्ञापन व शिकायत कॉपी मौजूद है।