Who Is Alok Joshi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए घातक आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मूड पर है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन करते हुए पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह बदलाव सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में किया गया। आलोक जोशी के साथ ही 6 अन्य अधिकारियों को बोर्ड में शामिल किया गया है। इसमें दो पूर्व IPS अफसर और एक IFS अफसर शामिल है। वहीं तीनों सेना के एक-एक पूर्व अधिकारी को भी 7 सदस्यीय बोर्ड में स्थान दिया गया है।
बता दें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 2 विदेशी नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी। इसके बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए है। अब CCS की बैठक में हुआ ये बड़ा फैसला सरकार के मजबूत इरादों की ओर इशारा कर रहा है।
विशेषज्ञों को मिली अहम जिम्मेदारी
आलोक जोशी के अलावा बोर्ड में छह अन्य सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें भारत की थल, जल और वायु सेना के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इस बोर्ड पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को विश्लेषण, रणनीतिक सुझाव और नीतिगत विकल्प उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- एयर मार्शल पीएम सिन्हा (पूर्व पश्चिमी वायु कमांडर)
- लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर)
- रियर एडमिरल मोंटी खन्ना (पूर्व नौसेना अधिकारी)
- राजीव रंजन वर्मा (सेवानिवृत्त IPS अधिकारी)
- मनमोहन सिंह (सेवानिवृत्त IPS अधिकारी)
- बी. वेंकटेश वर्मा (सेवानिवृत्त IFS अधिकारी)
कौन हैं आलोक जोशी?
आलोक जोशी (Alok Joshi Career) भारत के प्रमुख खुफिया अधिकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। 1976 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी जोशी ने 2012 से 2014 तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख के रूप में कार्य किया। इसके बाद, 2015 से 2018 तक वे राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के चेयरमैन रहे। उनकी विशेषज्ञता साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी नीतियों और क्षेत्रीय भू-राजनीति में है।
- नेपाल और पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण खुफिया ऑपरेशनों (Alok Joshi Major Operations) का नेतृत्व किया।
- सीमा पार आतंकी गतिविधियों पर निगरानी और साइबर खतरों पर काम किया।
- रणनीतिक दूरदर्शिता ने भारत की सुरक्षा नीतियों को मजबूती दी।
क्या करती है NSAB?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का मुख्य कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को रणनीतिक विश्लेषण और नीतिगत सुझाव देना है। यह बोर्ड सुरक्षा चुनौतियों के समाधान और दीर्घकालिक नीतियों के लिए विकल्प प्रस्तुत करता है। आलोक जोशी जैसे अनुभवी नेतृत्व के साथ, बोर्ड आतंकवाद, सीमा सुरक्षा, और खुफिया तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बोर्ड के नए सदस्यों का सैन्य, पुलिस, और विदेश सेवा का अनुभव सरकार को बेहतर कदम उठाने के लिए मदद करेगा।
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एक्शन मोड में सरकार
पहलगाम हमले के बाद से भारत सरकार हाई अलर्ट पर है। हमला पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द्वारा किया गया था। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं।
- सिंधु जल संधि को निलंबित किया
- अटारी-वाघा चेक पोस्ट को बंद किया
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए
- भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को लौटने का निर्देश दिया
- आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन तेज
पहलगाम हमले के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई। ये हमले के बाद दूसरी बैठक थी। इस बैठक के साथ-साथ राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक भी हुईं। अब आलोक जोशी की नियुक्ति (Alok Joshi NSAB Chairman) भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा रणनीतिक कदम है। जोशी का नेतृत्व बोर्ड को आधुनिक चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा। उनकी उपलब्धियां और अनुभव उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक सशक्त व्यक्तित्व बनाते हैं। यह कदम न केवल आंतरिक सुरक्षा को मजबूती देगा बल्कि भारत की रणनीतिक प्रक्रिया को भी और अधिक धारदार बनाएगा।