संसद के दोनों सदनों से पास होने एवं राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक अब क़ानून की शक्ल ले चुका है और सरकार के द्वारा गजट नोटिफिकेशन के ज़रिए इसे तत्काल प्रभाव से पूरे देश में लागू भी कर दिया गया है। जैसा कि उम्मीद थी विपक्ष इस क़ानून को लेकर भाजपा के ख़िलाफ़ देशव्यापी माहौल बनाने के प्रयास में जुट गया है, ताकि CAA-NRC की तरह वक्फ संशोधन कानून (उम्मीद) के जरिए मुस्लिम वोटों को गोलबंद किया जा सके। मुस्लिमों हितों के स्वघोषित ठेकेदार असदुद्दीन ओवैसी, जमीयत उलेमा ए हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी संस्थाएं भी इस क़ानून के ख़िलाफ़ देश के आम मुस्लिमों को उकसा रही हैं कि वो सड़कों पर उतरें और सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करें।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तो बकायदा इस क़ानून को अपने प्रदेश में लागू करने से इनकार कर चुकी हैं, हालांकि संवैधानिक रूप से संभव नहीं है, फिर भी उनके इस बयान के मायने साफ़ हैं- ‘ख़ुद को मुस्लिमों के साथ खड़े दिखाना, ताकि मुस्लिम वोट बैंक पर कोई प्रभाव न पड़े’। इसके लिए क़ानून के असंवैधानिक होने, मुस्लिम विरोधी होने, उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने जैसे कई दावे पेश किए जा रहे हैं।
विपक्ष के नैरेटिव के जवाब में बीजेपी का अभियान
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने भी विपक्ष के इस एजेंडे का जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है। वक्फ के मुद्दे पर भी विपक्ष संविधान और आरक्षण जैसी चाल न चल सके, इसके लिए बीजेपी ने जमीनी स्तर पर विपक्ष के प्रोपेगेंडा को काउंटर करने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी आलाकमान की तरफ़ से इसे लेकर एक विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किया गया है। प्रदेश स्तर से लेकर मंडल स्तर तक के लिए जारी किए गए इस दिशा निर्देश में विस्तार से बताया गया है कि कैसे प्रदेश के बुद्धिजीवियों, सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर्स और धार्मिक गुरुओं के ज़रिए इस क़ानून के सकारात्मक पहलुओं से लोगों को अवगत कराया जाए और बताया जाए कि अपने नाम (उम्मीद) के ही अनुरूप ये क़ानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन में लाभदायक होगा और इसका सीधा फायदा हाशिए पर पड़े मुस्लिम समाज विशेषकर पसमांदा वर्ग को होगा।
अल्पसंख्यक समुदाय का भरोसा जीतने के लिए 3 स्तर की रणनीति
क़ानून के सही पक्ष को सामने लाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ़ से तीन स्तर पर रणनीति तैयार की गई है। इसके अंतर्गत 20 अप्रैल से लेकर 5 मई तक व्यापक स्तर पर वक्फ सुधार जनजागरण अभियान का आयोजन होगा। 15 दिन तक चलने वाले इस जनजागरण अभियान में भी तीन स्तर की रणनीति तैयार की गई है-
प्रादेशिक स्तर – इसके लिए प्रदेश स्तर पर, विशेषकर प्रदेश की राजधानियों में बड़े स्तर पर टाउन हॉल, सेमिनार और गोष्ठियां आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन टाउन हॉल में मुस्लिम समाज के प्रभावशाली लोगों, दूसरे समाज के धार्मिक नेताओं, डॉक्टर्स, कलाकार, वकील, शिक्षाविद, मीडिया और सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर्स को आमंत्रित करने एवं उम्मीद विधेयक के प्रावधानों और इसके फायदों के बारे में चर्चा कराई जाएगी, ताकि क़ानून के सही पक्ष के बारे में लोग समझ सकें। इसी तरह ईसाई समाज के सदस्यों के साथ भी ईसाई सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाना है, ताकि उनमें भरोसा पैदा किया जा सके। राजधानी स्तर पर प्रभावशाली महिला नेताओं के साथ महिला टाउन हॉल के आयोजन के भी निर्देश दिये गए है।
जिला स्तर – वहीं जिला स्तर पर भी मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली व्यक्तियों को शामिल करते हुए नागरिक संवाद के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रेस वार्ताओं के ज़रिए भी इस क़ानून के सकारात्मक पक्ष को जनता के सामने रखने एवं विपक्षी प्रोपेगेंडा को ध्वस्त करने को कहा गया है। इसी तरह जिला स्तर पर युवा मोर्चा को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वो प्रत्येक विधानसभा में विशेषकर मुस्लिम युवा सदस्यों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन करेंगे और उन्हें प्रोत्साहित करेंगे कि वो अन्य लोगों को भी क़ानून के सही पक्ष के बारे में लोगों को जागरुक करें।
मंडल स्तर – बीजेपी ने इस कानून के खिलाफ बनाए जा रहे नैरेटिव को ध्वस्त करने के लिए इस कानून के सकारात्मक पहलुओं को मंडल स्तर पर घर-घर जाकर पहुंचाने की रणनीति बनाई है। इसके साथ ही, हर मंडल में महिलाओं के साथ संवाद किया जाएगा और मुस्लिम महिलाओं से संपर्क कर उन्हें वक्फ कानून की बारीकियां समझाने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटल अभियान से वक्फ पर जनजागरण
साथ ही ‘उम्मीद’ यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट क़ानून के सकारात्मक पहुलओं को जन-जन के सामने लाने के लिए व्यापक स्तर पर डिजिटल अभियान चलाने की रणनीति भी तैयार की गई है। इसके अतिरिक्त पार्टी के प्रत्येक सांसद और विधायक को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम एक संवाद सभा का आयोजन ज़रूर करें। तीन स्तर ये पूरा अभियान पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. राधा मोहनदास अग्रवाल की अध्यक्षता में चलाया जाएगा, जबकि राष्ट्रीय मंत्री अनिल एंटनी, डॉ. अरविंद मेनन और अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दकी इसका समन्वय देखेंगे ताकि वक्फ पर विपक्ष के प्रोपेगेंडा की धार समय रहते कुंद की जा सके।