Chhattisgarh Naxal Encounter: देश में नक्सलियों का सफाया करने के लिए किए गए गृहमंत्री अमित शाह के वादे का असर दिखने लगा है। नक्सल प्रभावित राज्यों में पिछले कुछ समय में कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं। हालांकि, सबसे बड़ा ऑपरेशन (Naxal Encounter In Chhattisgarh) इन दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पड़ने वाली कार्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यहां जवानों ने 1000 नक्सलियों को घेर लिया है। अभी कर यहां 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है ये ऑपरेशन अगले दो से तीन दिन चल सकता है। यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है।
सुरक्षाबलों ने बीजापुर के सुदूरवर्ती जंगलों में एक बड़ा नक्सल विरोधी अभियान (Naxal Encounter) छेड़ा है। कार्रेगुट्टा की पहाड़ियों में जवानों ने 1000 के करीब नक्सलियों को घेर लिया है। माना जा रहा है ये ऑपरेशन अगले कुछ दिनों तक चल सकता है। यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है।
हिड़मा और देवा की तलाश
खुफिया इनपुट के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया है। इसमें नक्सली कमांडर हिडमा और बटालियन प्रमुख देवा सुरक्षा बलों के निशाने पर हैं। जानकारी मिली है कि ये दोनों इन्हीं पहाड़ियों पर छुपे हुए हैं। यह इलाका माओवादी संगठन की बटालियन नंबर-1 का प्रमुख ठिकाना माना जाता है। पहाड़ और जंगलों से घिरा यह क्षेत्र नक्सलियों के लिए छिपने का सुरक्षित स्थान रहा है।
ये भी पढ़ें: पहले 18 नक्सली ढेर, अब 50 नक्सलियों का सरेंडर: अमित शाह ने यूं ही नहीं किया 2026 तक नक्सलवाद के सफाए का वादा
सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई
अभियान (Naxal Encounter In Karregutta) में डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा कमांडो सहित कई यूनिट शामिल हैं। पहाड़ियों को घेरकर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के सारे भागने के रास्ते बंद कर दिए हैं। अभियान वाली जगह की हेलीकॉप्टर से निगरानी भी की जा रही है
गांव वालों को दी थी चेतावनी
कुछ दिन पहले नक्सलियों ने गांव वालों को पहाड़ियों में न जाने की चेतावनी दी थी। कहा गया था कि यहां बड़ी संख्या में आईईडी बिछाए गए हैं। इससे यह भी साफ हो गया कि माओवादियों को इस ऑपरेशन की भनक पहले से थी और उन्होंने अपने बचाव की पूरी तैयारी की थी।
अमित शाह ने दिया है डेडलाइन
गृह मंत्री अमित शाह ने फरवरी 2025 में ऐलान किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस ऑपरेशन को उसी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। इसी का नतीजा है कि साल 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में करीब 150 नक्सलियों को मुठभेड़ों में मारा गया है। 124 अकेले बस्तर डिवीजन से थे।