Congress Removed Alok Sharma: कांग्रेस ने अहमदाबाद अधिवेशन में संगठन में बदलाव के संकेत दिए थे। अब कुछ नेताओं पर एक्शन लिया है। पार्टी ने पंजाब प्रभारी महासचिव (Punjab secretary) आलोक शर्मा (Alok Sharma) और ओबीसी सेल के राष्ट्रीय प्रभारी कैप्टन अजय यादव को उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया है। दोनों नेताओं को हटाने के आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किए हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में साफ किया है कि शर्मा को केवल सचिव पद से हटाया गया है। वह अब भी एआईसीसी के मीडिया पैनलिस्ट बने रहेंगे। हालांकि, माना जा रहा है कुछ दिनों पहले टीवी एंकर से हुए तीखी बहस (dispute with TV anchor) के कारण आलोक शर्मा पर एक्शन लिया गया है। अब दोनों नेताओं की सोशल मीडिया पर नाराजगी दिखी है।
टीवी एंकर से कर ली थी बहस
कुछ दिनों पहले कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने हरियाणा सरकार पर ईद की छुट्टी का वैकल्पिक अवकाश बनाने पर आपत्ति जताई थी। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने विधानसभा में भी बहस की थी। वहीं कुछ दिनों पहले वक्फ बिल पर एक आजतक की टीवी डिबेट में उन्होंने एंकर अंजनाओम कश्यप से बहस कर ली थी। इसके बाद एंकर ने भी इन्हें जनकर झाड़ दिया था। अंजना बोलीं सिर्फ सोशल मीडिया पर तालियां बटोरने के लिए बार-बार मीडिया पर सवाल खड़े किए जाते हैं। ये चाहते हैं हम इनकी तारीफ करें। ये चाहते हैं इनसे कोई सवाल भी न किया जाए। माना जा रहा है इस बहस के बाद ही आलोक शर्मा पार्टी की नजर में आ गए थे।
सोशल मीडिया में दिखा दर्द
आलोक शर्मा और अजय यादव दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया में अपना दर्द बयां किया है। आलोक शर्मा ने लिखा ‘दूसरों के रास्ते रोशन करने को जलते रहे, और अपने हिस्से में बस अंधेरा आता रहा!’ वहीं अजय यादव ने X पर लिखा ‘मैं सोनिया गांधी, अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे तीन वर्षों तक यह जिम्मेदारी दी। मैंने पूरी ईमानदारी से कार्य किया। मैं डॉ अनिल जयहिंद को शुभकामनाएं देता हूं कि वे पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के लिए मजबूती से आवाज उठाएंगे।’
अजय यादव ने पद से हटाए जाने के बाद अपनी नाराजगी जताई। वहीं आलोक शर्मा ने अपना दर्द बयां किया। बताया जा रहा है कि अजय यादव पार्टी नेतृत्व से पहले ही नाराज चल रहे थे। लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम से टिकट न मिलने और हरियाणा विधानसभा चुनाव में किनारे किए जाने के कारण उन्होंने राहुल गांधी से नाराजगी जताई थी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
बदलाव के पीछे क्या है वजह?
कांग्रेस के इस कदम को हाल ही में हुए गुजरात अधिवेशन के बाद संगठन को पुनर्गठित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा हरियाणा में विधानसभा चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन और आंतरिक असंतोष को भी इसकी वजह माना जा रहा है। कांग्रेस हाईकमान फिलहाल 2024 के चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रदेशों में जिम्मेदारियों जिम्मेदारियों को दोबारा से बांट रहे हैं। हालांकि, सवाल ये उठता है कि कांग्रेस आलोक शर्मा के एक साल भी क्यों नहीं झेल पाई।
क्यों नहीं झेल पाई कांग्रेस
कांग्रेस ने अगस्त 2024 में आलोक शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विभिन्न राज्यों में सचिव और संयुक्त सचिव को नियुक्त किया था। कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा को पंजाब का सचिव नियुक्त किया गया था। उनके साथ ही मनोज त्यागी को संयुक्त सचिव बनाया गया था। माना जा रहा है टीवी में विवाद में आने के बाद कांग्रेस ने खाना पूर्ति के लिए आलोक शर्मा पर एक्शन लिया है।
टीवी एंकर से बहस के बाद कांग्रेस ने तत्काल कार्रवाई का दावा किया, लेकिन कई आलोचकों ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक मैनेजमेंट बताया है। पार्टी के करीबी जानकारों का कहना है कि आलोक शर्मा पार्टी के पुराने और भरोसेमंद सदस्य हैं और उन्हें पूरी तरह से नहीं हटाया गया। लोगों का कहना है कि यह फैसला आलोचना से बचने और पार्टी की छवि को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है। शर्मा जैसे वफादार को पार्टी पूरी तरह से छोड़ने नहीं दे सकती। हालांकि, दोनों नेताओं ने जिस तरह से सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया दी है। इससे एक बात साफ है कि कांग्रेस के भीतर लोगों में भी काफी नाराजगी है।