साइबेरिया में हुई थी घटना
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना कथित तौर पर शीत युद्ध (कोल्ड वॉर) के दौर में हुई थी लेकिन जानकारी सोवियत संघ के विघटन के बाद ही सामने आई। कहा जा रहा है कि घटना 1989 या 1990 में साइबेरिया में कहीं सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान हुई थी। घटना के बाद बचे हुए सोवियत संघ के दो सैनिकों ने बताया था कि उन्होंने एक तश्तरी के आकार का कम ऊंचाई वाला अंतरिक्ष यान यानी UFO आसमान में उड़ते हुए देखा।
इसके बाद एक सैनिक ने उस पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी, जिससे UFO नीचे गिर गया। जब UFO जमीन पर गिरा तो उससे छोटे कद और बड़े सिर वाले 5 लोग जमीन पर रेंगते हुए निकले और फिर एक चमकीले गोले में बदले और वह बढ़ने के बाद फूट गया। इससे वहां मौजूद 23 सैनिक पत्थर में बदल गए। लेकिन दो सैनिक छिप गए थे। इससे वे इस हमले में बच गए।
रिपोर्ट के मुताबिक यूएफओ के अवशेष और पत्थर में बदल चुके सैनिकों को मॉस्को के पास स्थित एक ‘गुप्त’ वैज्ञानिक रिसर्च सेंटर में पहुंचा दिया गया था। जहां जांच के बाद सोवियत वैज्ञानिकों ने पाया कि एक अज्ञात प्रकाश स्रोत ने सैनिकों की जीवित कोशिकाओं को चूना पत्थर जैसे पदार्थ में बदल दिया था।