जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कड़ा रुख अपनाया हुआ है। LoC पर तनाव बना हुआ है और लगातार युद्ध की आशंका जताई जा रही है और भारत में लगातार बैठकों को दौर जारी है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई है जिसमें पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल मौजूद रहे हैं। यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली है। पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले राजनाथ सिंह तीनों सेनाओं के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और के साथ बैठक कर चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को पहलगाम हमले और तीनों सेनाओं की तैयारी को लेकर अपडेट दिया है।
पीएम मोदी और राजनाथ सिंह की बैठक के अलावा रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति की भी आज दोपहर 3 बजे बैठक होने की संभावना है। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस हमले में आतंकियों ने कम-से-कम 26 लोगों की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी थी। इस बैठक की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन TRF ने ली थी लेकिन बाद में वह इससे मुकर गया। वहीं, एबीपी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस पूरी आतंकी साजिश के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है, जिसे आतंकी संगठन के सरगना हाफिज सईद का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है।
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई जारी
पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है और पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम में दिया है। भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को और सीमित कर दिया है और पाकिस्तानियों को वीज़ा देने पर भी पाबंदी लगा दी है। पाकिस्तान में इस हमले के बाद खौफ का माहौल है और कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी सेना के लोगों ने इस्तीफा दे दिया है।