जम्मू कश्मीर के पहलगाम में इस्लामी आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछ-पूछ कर गोलियां मारी। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हमले के सामने आए फोटो-वीडियो हृदय विदारक हैं। हमले में बचे हुए लोगों ने जो बातें बताईं वह गुस्से से भर देने वाली हैं। लोगों का कहना है कि जब आतंकी गोलियां चला रहे थे, तो स्थानीय लोग मदद करने की बजाय कुरान की आयतें पढ़ रहे थे और ‘बिस्मिल्लाह-बिस्मिल्लाह’ कह रहे थे। मारने से पहले इस्लामी आतंकियों ने लोगों को कलमा पढ़ने के लिए भी कहा था।
इस आतंकी हमले का पुणे का जगदाले परिवार भी शिकार हुआ। इस परिवार की 26 वर्षीय बेटी आसावारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है, “हम पाँच लोग एक साथ थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। हम पहलगाम में मिनी स्विट्ज़रलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी में थे, तभी हमला शुरू हो गया।”
आसावारी ने आगे कहा, “बचने के लिए हम लोग तुरंत ही भागकर एक टेंट में छिप गए। छह-सात अन्य पर्यटक भी वहां आ गए। हम सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए, शुरुआत में हमें तब लगा कि आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हो रही है।”
उन्होंने कहा, “फिर वे हमारे तंबू में आए और मेरे पिता से बाहर आने को कहा… उन्होंने कहा कि चौधरी बाहर आजा।” आसावारी ने यह भी कहा कि आतंकियों ने इसके बाद उनके पिता को प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए गालियां दीं। इसके बाद आतंकियों ने उनके पिता से कुरान की आयतें पढ़ने को कहा।
आसावारी ने आगे कहा, “फिर उन्होंने मेरे पिता से इस्लामी आयत (शायद कलमा) सुनाने को कहा। जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्होंने उन पर गोलियां चला दी। उन्होंने एक गोली सिर पर, एक कान के पीछे और एक पीठ में मारी। इसके बाद उन्होंने मेरे अंकल को 4-5 गोलियां मारीं।” उन्होंने बताया कि इस दौरान स्थानीय लोग कुरान की आयतें पढ़ रहे थे।
उन्होंने ने यह भी कहा, “आतंकवादियों ने केवल आदमियों पर हमला किया। यह 26/11 के मुंबई हमले जैसा था। उन्होंने पुलिस जैसी वर्दी पहन रखी थी और उनके हावभाव सेना के जवानों जैसे ही थे।”
कर्नाटक की रहने वाली महिला पल्लवी के पति मंजूनाथ की आतंकियों ने हत्या कर दी है। पल्लवी ने कहा है कि आतंकियों ने उनके पति को उनके सामने ही गोली मार दी। सब कुछ उनके सामने ही हुआ, वह कुछ समझ नहीं पाईं। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें वापस लाया जा रहा था तो स्थानीय लोग बिस्मिल्लाह-बिस्मिल्लाह कर रहे थे।