उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के नरौली कस्बे में कट्टरपंथी मानसिकता की एक बेहद चिंताजनक कोशिश सामने आई है। दुकानों की दीवारों पर ‘फ्री गाज़ा, फ्री फिलिस्तीन’ जैसे नारे लिखे पोस्टर चिपकाए गए जिनमें इजरायली उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई थी । इन पोस्टरों में कुछ वैश्विक ब्रांड्स की तस्वीरें भी थीं, जिन्हें खरीदने से मना करते हुए मुस्लिम समुदाय को ‘मजहब के नाम पर’ भड़काने वाला संदेश देने की कोशिश हुई।
इस घटना पर जानकारी देते हुए बनियाथर थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने रविवार, 20 अप्रैल 2025 को पीटीआई को बताया कि पुलिस ने इस मामले में तफ्तीश के बाद सात लोगों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में मोहम्मद शादाब, मोहम्मद रिहान, गुलफाम, मोहम्मद सलीम, समीर, याकूब और सलमान के नाम शामिल हैं। इन सभी पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करने और धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर भड़काने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विवादित पोस्टर
संभल के नरौली कस्बे में लगाए गए इन भड़काऊ पोस्टरों में मुसलमानों से साफ तौर पर इजरायली उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की गई है। पोस्टरों में न सिर्फ इन सामानों को न खरीदने, बल्कि न बेचने की भी अपील की गई है। यही नहीं, इन पोस्टरों में इजरायली वस्तुओं की तुलना सुअर के मांस और शराब जैसे हराम चीजों से करते हुए कहा गया है कि, “जैसे सूअर का गोश्त और शराब आपके लिए हराम हैं, वैसे ही इजरायली सामान भी हराम हैं।”

बजरंग दल ने जताई गहरी आपत्ति
इस पूरे मामले पर बजरंग दल की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। संगठन के संयोजक नितिन शर्मा ने साफ शब्दों में कहा कि जिन पोस्टरों की बात हो रही है, उनमें मुसलमानों से अपील की गई है कि वे केवल अपने धर्म के लोगों द्वारा चलाई जा रही दुकानों से ही सामान खरीदें। उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक और समाज को तोड़ने वाला प्रयास बताया।
नितिन शर्मा ने कहा, “यह सिर्फ पोस्टर नहीं हैं, बल्कि एक बेहद खतरनाक सोच का प्रचार है, जो धीरे-धीरे ज़िले में पैर पसार रही है। यह ठीक वैसी ही मानसिकता है जैसी हम पश्चिम बंगाल में देख चुके हैं, जहाँ हिन्दू समाज के खिलाफ एक सुनियोजित माहौल बनाया गया।” उन्होंने प्रशासन को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन सड़कों पर उतरकर मोर्चा संभालने को मजबूर होंगे।