TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    झारखंड में बीजेपी की राज्यव्यापी पदयात्रा: घुसपैठ और आदिवासी आबादी में गिरावट के खिलाफ आंदोलन

    बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी आबादी की समस्याओं को लेकर झारखंड में BJP का बड़ा आंदोलन

    लालू यादव और तेजस्वी यादव का AI वीडियो

    लालू द्वारा किए ‘अपमान’ का दाग धोने के लिए तेजस्वी लाए आंबेडकर का AI वीडियो; जवाबदेही से बचा पाएगी डिजिटल आस्था?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    झारखंड में बीजेपी की राज्यव्यापी पदयात्रा: घुसपैठ और आदिवासी आबादी में गिरावट के खिलाफ आंदोलन

    बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी आबादी की समस्याओं को लेकर झारखंड में BJP का बड़ा आंदोलन

    लालू यादव और तेजस्वी यादव का AI वीडियो

    लालू द्वारा किए ‘अपमान’ का दाग धोने के लिए तेजस्वी लाए आंबेडकर का AI वीडियो; जवाबदेही से बचा पाएगी डिजिटल आस्था?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

RSS और डॉ. आंबेडकर: अलग रास्ते लेकिन मंज़िल एक, कैसे रहे हैं दोनों के संबंध?

कई दलित चिंतक इस बात पर ज़ोर देते हैं कि संघ की विचारधारा आंबेडकर की विचार के खिलाफ रही है, लेकिन वास्तविकता यह नहीं है?

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
14 April 2025
in समीक्षा
RSS और डॉ. आंबेडकर: अलग रास्ते लेकिन मंज़िल एक, कैसे रहे हैं दोनों के संबंध?
Share on FacebookShare on X

संबंधितपोस्ट

लालू द्वारा किए ‘अपमान’ का दाग धोने के लिए तेजस्वी लाए आंबेडकर का AI वीडियो; जवाबदेही से बचा पाएगी डिजिटल आस्था?

प्रियांक खरगे के संघ को बैन करने के बयान पर RSS ने दी प्रतिक्रिया

देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

और लोड करें

संविधान के शिल्पकार डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर की 134वीं जयंती पर सोमवार (14 अप्रैल) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में संघ कार्यालय केशव भवन और भीमराव आंबेडकर सभागार का उद्घाटन किया है। इस दौरान भागवत ने आंबेडकर को याद किया है और उनके महाराष्ट्र में कराड़ की शाखा में शामिल होने की घटना का ज़िक्र भी किया है। भागवत ने कहा कि आंबेडकर और संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार दोनों ने हिंदू समाज के लिए काम किया है। संघ और आंबेडकर के संबंधों को लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है। कई दलित चिंतक इस बात पर ज़ोर देते हैं कि संघ की विचारधारा आंबेडकर की विचार के खिलाफ रही है लेकिन क्या असलियत यही है?

बाबासाहब आंबेडकर ने अपने जीवनकाल में वर्ण व्यवस्था और जातिगत भेदभाव की कड़ी आलोचना की थी और उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाकर सामाजिक समानता का एक नया मार्ग चुना था। संघ की शुरुआत होते समय डॉक्टर हेडगेवार के मन में भी यही विचार था कि किस तरह हिंदू समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को खत्म कर समाज को एकजुट किया जा सके। जल्द ही संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। संघ ने इस अवधि में जिस काम पर सबसे ज़्यादा ज़ोर दिया वो कमज़ोर तबके के लोगों को मुख्यधारा में लाना और वर्ण-जाति व्यवस्था जैसी चीज़ों को समाप्त कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना रहा है। कई लोगों द्वारा फूट डालने की कोशिश के बाद भी संघ के लिए आंबेडकर एक आदर्श हैं।

जब संघ के वर्गों में पहुंचे आंबेडकर

1925 में संघ की स्थापना हुई और नित्य शाखाएं भी शुरू की गईं। समाज में उन दिनों अस्पृश्यता और छूआछूत दिखाई पड़ती थी लेकिन संघ की शाखाओं में सब मिल जुलकर रहें, ऐसी व्यवस्था बनाई गई थी। हर जाति, वर्ग के लोग शाखा में आते और अलग-अलग तरह के क्रियाकलाप व चर्चा होती थी। मोहनलाल जोड़ ने अपनी किताब ‘डॉ. आंबेडकर, डॉ. हेडगेवार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ में लिखा है, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में डॉ. आंबेडकर के मन में बहुत जिज्ञासा थी। वे संघ शिविर में गए और अस्पृश्यता का कोई नामो-निशान न देख कर प्रसन्न हुए थे। वे महाराष्ट्र में कराड़ की भवानी शाखा और दापोली की शाखा में गए थे।”

संघ के प्रचारक रहे और भारत मज़दूर संघ व भारतीय किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की पुस्तक ‘डॉ. आंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा’ में लिखा है, “बाबासाहब को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में पूरी जानकारी थी। सन 1935 में पुणे में लगे महाराष्ट्र के पहले संघ शिक्षा वर्ग को देखने वे गये थे। उस समय उनकी भेंट पूजनीय डा. हेडगेवार से भी हुई थी। वे अपने व्यवसाय के निमित्त दापोली गये थे, तब वहां की संघ शाखा पर गए और खुलेमन से स्वयंसेवकों से चर्चा की थी।”

इस पुस्तक में 1939 में पुणे में संघ के शिक्षा वर्ग में डॉक्टर आंबेडकर के दौरा का भी ज़िक्र किया गया है और इस दौरान डॉ. हेडगेवार भी वहीं मौजूद थे। इस वर्ग में करीब 500 पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवक मौजूद थे। ठेंगड़ी लिखते हैं, “बाबासाहब ने डा. हेडगेवार से पूछा- ‘इनमें अस्पृश्य कितने हैं?‘ डा. हेडगेवार ने कहा- चलो, घूम कर देखते हैं।‘ बाबासाहब बोले- ‘इनमें अस्पृश्य तो कोई दिख नहीं रहा।‘ डा. हेडगेवार ने कहा-‘आप पूछ लें।‘ बाबासाहब ने पूछा- ‘आप में से जो अस्पृश्य हों, वे एक कदम आगे आ जाएं।‘ उस पंक्ति में से एक भी स्वयंसेवक आगे नहीं आया। बाबासाहब ने कहा- ‘ये देखिए।‘ इस पर डा. हेडगेवार ने कहा-‘हमारे यहां यह बताया ही नहीं जाता की आप अस्पृश्य हैं। आप अपनी अभिप्रेत जाति का नाम लेकर उनसे पूछें।‘ तब बाबासाहब ने स्वयंसेवकों से प्रश्न किया- ‘इस वर्ग में कोई हरिजन, मांग, चमार हो, तो एक कदम आगे आए।‘ ऐसा कहने पर कई स्वयंसेवकों ने कदम आगे बढ़ाया। उनकी संख्या 100 से अधिक थी।”

विश्व संवाद केंद्र के अनुसार, 2 जनवरी 1940 को डॉ. आंबेडकर ने महाराष्ट्र के कराड में आरएसएस की एक शाखा का दौरा किया। इस दौरान संघ का नाम अपनी अनुशासित कार्यशैली के लिए पहचाने जाने लगा था। शाखा के इस दौरे पर डॉ. आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “हालांकि हमारे विचार कुछ मुद्दों पर अलग हो सकते हैं, लेकिन संघ को मैं अपनेपन की भावना से देखता हूं।”

 

जब RSS के स्वयंसेवकों ने मांगे आंबेडकर के लिए वोट

1951-52 में डॉक्टर आंबेडकर बॉम्बे नॉर्थ सेंट्रल से चुनाव लड़े और कांग्रेस के नारायण सदोबा काजरोलकर से 15,000 वोटों से हार गए। आंबेडकर, शेड्युल्ड कास्ट्स फेडरेशन से चुनाव लड़ रहे थे और उनकी पार्टी ने समाजवादी दल से गठबंधन किया था और अशोक मेहता समाजवादी दल से उम्मीदवार थे। चुनाव में मतदाता को प्राथमिकता के आधार पर दो मत देने का अधिकार था। इसके बाद 1954 में उन्होंने महाराष्ट्र के भंडारा से उप-चुनाव लड़ा था।

ठेंगडी लिखते हैं, “अशोक मेहता व बाबासाहब फिर मैदान में थे। भण्डारा निर्वाचन-क्षेत्र में अस्पृश्य मतदाताओं की संख्या भरपूर थी फिर भी यह स्पष्ट था कि केवल अस्पृश्यों के मतों के आधार पर बाबासाहब का चुना जाना असम्भव है। लोगों ने सुझाव दिया कि कोई अन्य सवर्ण उम्मीदवार खड़ा किया जाये और दूसरा मत उसे दिया जाये। उस बैठक में मैं भी उपस्थित था, इसलिए स्वाभाविक रूप से मेरे नाम पर चर्चा हुई। बाबासाहब ने कहा- ‘तुम चुनाव लड़ो।’ संघ का प्रचारक होने के कारण चुनाव में खड़े होने का प्रश्न ही नहीं था। मैंने कहा-‘मेरे पास पैसा व अन्य साधन नहीं हैं।’ बाबासाहब बोले- ‘वह सब हम देख लेंगे।’ अन्त में मैंने कहा-‘मुझे अपने अधिकारियों से पूछना होगा’।”

इसकी चर्चा जब ठेंगडी ने संघ के तत्कालीन सरसंघचालक गुरुजी से की तो उन्होंने कह दिया कि ‘यह अवसर अच्छा है, पर तुम चुनाव में खड़े हुए तो इस अवसर का लाभ नहीं मिलेगा’। गुरुजी को तात्कालिक लाभ के बजाय हिंदू एकजुट हों इसकी चिंता ज्यादा थी और उन्होंने कहा कि अगर ठेंगडी चुनाव लड़ने लगे तो ‘सारे कार्यकर्ता जी-जान से बाबासाहब के लिये काम करेंगे फिर भी लोग यही कहेंगे कि तुम खड़े हो इस कारण संघ के लोग बाबासाहब के लिए काम कर रहे हैं।’ इसके बाद गुरुजी ने ठेंगडी या संघ के किसी अन्य व्यक्ति को चुनाव में खड़े करने से इनकार कर दिया और उन्हें भण्डारा निर्वाचन क्षेत्र के सारे कार्यकर्ताओं को लेकर जी-जान से बाबासाहब के लिए काम करने का निर्देश दिया। साथ ही, यह भी कहा कि डॉक्टर आंबेडकर को भी यह पता लगना चाहिए कि संघ के लोग बाबासाहब के लिए काम कर रहे हैं।

ठेंगडी ने लिखा है, “इसके बाद भण्डारा जिले के सारे स्वयंसेवक डॉ. आंबेडकर के प्रचार के लिए जी-जान से जुट गए। यद्यपि इस चुनाव में बाबासाहब पराजित हो गये, पर जब उन्होंने मतदान के आकड़ों का विश्लेषण किया और कहाँ कितने मत मिले’ की पड़ताल की; तब उनके ध्यान में आया कि भण्डारा निर्वाचन- क्षेत्र में अस्पृश्यों के जितने मत थे, उससे बहुत अधिक मत उन्हें मिले थे। कितने ही सवर्णों ने उनके पक्ष में मतदान किया है। उससे उन्हें बहुत संतोष हुआ।”

नागपुर और RSS-आंबेडकर को लेकर जब फैलाई गई अफवाह

RSS और आंबेडकर को लेकर कुछ लोग गलफहमी फैलाने की कोशिश करते नज़र आते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, दशकों से ऐसा चलता आ रहा है। खुद को प्रगतिशील कहने वाले कई लोग लंबे समय से डॉ. आंबेडकर और RSS के बीच दरार दिखाने की कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने दोनों को लेकर कई तरह की गलतफहमियां फैलाईं। ऐसा ही एक उदाहरण है बाबासाहब के धर्मांतरण कार्यक्रम का स्थल- नागपुर।

बाबासाहब ने नागपुर का चुनाव पूरी तरह धार्मिक और ऐतिहासिक कारणों से किया था लेकिन इन लोगों ने यह प्रचारित किया कि उन्होंने यह जगह इसलिए चुनी क्योंकि यहीं संघ का मुख्यालय है और वो संघ को एक प्रकार से जवाब देना चाहते थे। इस तरह के झूठे प्रचार ने न सिर्फ कई दलित भाइयों-बहनों को भ्रमित किया बल्कि सवर्ण समाज में भी इसको लेकर संशय फैलाया गया था। बाबासाहब को जब यह बात पता चली तो उन्होंने खुद धर्मांतरण के समय अपने पहले ही भाषण में इस विषय पर साफ-साफ बात रखी। उन्होंने बताया कि नागपुर का चुनाव उन्होंने क्यों किया क्योंकि यह जगह बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रसार से जुड़ी रही है, खासकर नाग जाति के योगदान के कारण। उन्होंने यहां तक कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि हमने जानबूझकर संघ के गढ़ नागपुर में यह सभा की, लेकिन यह सच नहीं है।”

एक था हेडगेवार और आंबेडकर का मिशन!

आज बेशक आंबेडकर और RSS को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की जाती रही हो लेकिन असल में दोनों का मिशन हिंदू धर्म के लिए एक ही था। दोनों का ही मानना था कि अगर देश में समानता स्थापित करनी है तो उसके लिए लोगों के बीच समरसता लानी ही होगी। ठेंगडी ने लिखा है, “डॉ. अम्बेडकर व डॉ हेडगेवार की पद्धति अलग-अलग दिखती है पर दोनों की दिशा एक ही है। दोनों ही समता व समरसता के समर्थक हैं। खालिस समता की भाषा बोलनेवालों के अन्तर्मन में वे स्वयं भले ही यह न जानते हो पर सामाजिक समरसता का विचार रहता है। वैसे ही सामाजिक समरसता का पूर्ण आग्रह रखनेवालों के मन में सामाजिक समता अध्याहृत होती है।”

गुरुजी गोलवलकर और डॉ. आंबेडकर

RSS के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य गुरुजी के डॉक्टर आंबेडकर से संबंधों को लेकर भी चर्चा होती है। जब देश आज़ाद हुआ तो गुरुजी ही संघ के सरसंघचालक थे। मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के बाद 1948 में संघ पर जब प्रतिबंध लगाया गया तो डॉक्टर आंबेडकर देश के कानून मंत्री थे। गुरुजी गोलवलकर डॉ. आंबेडकर का बहुत सम्मान करते थे। आंबेडकर ने गुरुजी को आश्वासन दिया था कि यदि मंत्रिमंडल में RSS पर प्रतिबंध का मुद्दा उठा तो वे उनका समर्थन करेंगे। हालांकि, संघ पर प्रतिबंध लग गया लेकिन इसे हटाने के लिए सरदार पटेल व श्यामाप्रसाद मुखर्जी  के साथ-साथ आंबेडकर ने भी बहुत कोशिश की थी। जुलाई 1949 में संघ पर लगा प्रतिबंध हटने के बाद आंबेडकर का धन्यवाद करने के लिए सितम्बर 1949 में गुरुजी आंबेडकर से दिल्ली में मिले थे।

1963 में डॉक्टर आंबेडकर की 73वीं जयंती के मौके पर एक विशेषांक निकाला गया था और इसके लिए गुरुजी ने भी अपना संदेश भेजा था। गुरुजी ने कहा था, “डॉ. आंबेडकर की पवित्र स्मृति को अभिवादन करना मेरा स्वाभाविक कर्तव्य है। आंबेडकर ने अज्ञान, दुःख से पीड़ित व अवमानित अपने समाज के एक बड़े व महत्त्वपूर्ण भाग को आत्मसम्मानपूर्वक खड़ा किया। उनका यह कार्य असामान्य है। अपने राष्ट्र पर उन्होंने बड़ा उपकार किया है। यह उपकार इतना श्रेष्ठ है कि उससे उऋण होना कठिन है…आज भी बाबासाहब आंबेडकर ने समाज के भले के लिए, धर्म के हित के लिए, अपना चिरञ्जीव समाज निर्दोष व शुद्ध बने, इस दृष्टि से कार्य किया, न कि समाज से विलग होने के लिए। इसलिए इस युग के भगवान बुद्ध के उत्तराधिकारी के नाते उनकी पवित्र स्मृति को अन्तःकरणपूर्वक अभिवादन कर रहा हूं।”

RSS के लिए प्रात: स्मरणीय हैं आंबेडकर

संघ को बेशक आंबेडकर का विरोधी ठहराए जाने की कोशिशें की जाती रही हों लेकिन RSS के लिए आंबेडकर प्रात: स्मरणीय हैं। यानी संघ के स्वयंसेवक हर रोज़ आंबेडकर को उनके योगदान के लिए याद करते हैं। दरअसल, संघ के स्वयंसेवक हर सुबह एकात्मता स्तोत्र का पाठ करते हैं। इसमें आदिकाल से लेकर मौजूदा समय तक के भारत के इतिहास, संस्कृति को याद किया जाता है। इस स्तोत्र के पाठ में कई महापुरुषों और वीरांगनाओं को भी याद किया जाता है जिन्होंने भारत के निर्माण में अपना योगदान दिया है। इस स्तोत्र के एक श्लोक में डॉक्टर आंबेडकर का भी ज़िक्र है:-

सुभाषः प्रणवानन्दः क्रान्तिवीरो विनायकः
ठक्करो भीमरावश्च फुले नारायणो गुरुः ॥३०॥

नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी प्रणवानंद, विनायक दामोदर सावरकर, ठक्कर बप्पा, महात्मा ज्योति राव फुले, नारायण गुरु जैसे क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों के साथ डॉक्टर आंबेडकर को याद किया जाना बताता है कि संघ के नज़रिए से उनका महत्व कितना है। बिल्कुल संभव है कि कई विषयों पर आंबेडकर और संघ के बीच परस्पर सामंजस्य नहीं मिलेगा और दोनों के बीच मतभेद होंगे लेकिन आंबेडकर को देखने का संघ का नज़रिया एक समाज सुधारक को देखने वाला है जिसने समाज में समता लाने की लगातार कोशिशें की थीं। 1936 में ही डॉक्टर आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़ने की बात कर दी थी। लेकिन वे करीब 2 दशकों तक समाज में समता के लिए लड़ते रहे और अन्य धर्मों का अध्ययन करने के बाद उन्होंने अपने निधन से कुछ वक्त पहले भारतीय संस्कृति से ही निकले बौद्ध धर्म को अपनाया था।

स्रोत: आरएसएस, भीमराव आंबेडकर, दत्तोपंत ठेंगडी, केशव बलिराम हेडगेवार, RSS, Bhimrao Ambedkar, Dattopant Thengadi, Keshav Baliram Hedgewar,
Tags: Bhimrao AmbedkarDattopant ThengadiKeshav Baliram Hedgewarrssआरएसएसकेशव बलिराम हेडगेवारदत्तोपंत ठेंगडीभीमराव आंबेडकर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बंगाल में दंगों पर काबू पाने के लिए लगेगा AFSPA!, अमित शाह को BJP सांसद ने लिखी चिट्ठी, जानें क्यों है यह ज़रूरी?

अगली पोस्ट

राज्यपाल रवि के ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर हंगामा, क्या संविधान को भी नहीं मानते ‘रामद्रोही’?

संबंधित पोस्ट

ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)
चर्चित

ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

27 June 2025

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के प्राइमरी चुनाव में ज़ोहरान ममदानी ने एंड्रयू कुओमो को हरा दिया है, यानि अब वे...

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?
राजनीति

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

23 June 2025

25 जून 1975 को देश में कांग्रेस की सरकार थी और दिल्ली के उन इलाकों में बिजली काट दी गई थी, जहां बड़े मीडिया हाउस...

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि रघुवंशी
समीक्षा

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि के इंस्टाग्राम रील्स: न्याय की लड़ाई या फॉलोअर्स का खेल?

13 June 2025

इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी द्वारा हत्या किए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस हत्याकांड में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Rage on stage: why a police officer resigned quit after CM's outburst

Rage on stage: why a police officer resigned quit after CM's outburst

00:03:40

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

00:04:34

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited