प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (29 अप्रैल) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ मुलाकात की है। प्रधानमंत्री के आवास पर हुई दोनों की यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। इस बैठक के दौरान संघ प्रमुख ने पीएम मोदी को पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर पूरा समर्थन देने की बात कही है। संघ प्रमुख के साथ बैठक से पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) अनिल चौहान के साथ भी एक हाई लेवल बैठक की थी जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने इस बैठक में सेना को पाकिस्तान के खिलाफ खुली कार्रवाई की छूट दे दी है।
पाकिस्तान के खिलाफ सरकार के साथ RSS
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुए हालातों पर गंभीरता से चर्चा की गई है। संघ प्रमुख ने इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा की है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के दौरान संघ प्रमुख ने पीएम मोदी को भरोसा दिया है कि इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ा है और पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी सैन्य, राजनयिक या आर्थिक कदम में संघ का पूर्ण समर्थन रहेगा। सूत्रों की मानें तो इस लंबी बैठक में पहलगाम के अलावा देश के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा की गई है जिनमें बीजेपी के संगठन चुनाव, खासतौर पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा भी शामिल हैं। यह बैठक न केवल सुरक्षा और रणनीतिक स्तर पर बल्कि बीजेपी के राजनीतिक नेतृत्व के भविष्य को लेकर भी बेहद अहम मानी जा रही है।
ताकत का प्रदर्शन करना ही चाहिए: भागवत
इससे पहले संघ प्रमुख ने एक कार्यक्रम के दौरान पहलगाम हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। मोहन भागवत ने 24 अप्रैल को मुंबई में आयोजित पंडित दीनानाथ मंगेशकर की 83वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि अभी जो लड़ाई चल रही है तो किसी पंथ या संप्रदाय की लड़ाई नहीं है, यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। मोहन भागवत ने कहा, “दुश्मनी और दुश्मनी हमारी फितरत नहीं है लेकिन नुकसान सहना भी हमारी फितरत नहीं है। अगर ताकत है तो उसका प्रदर्शन करना चाहिए, ऐसे समय में ताकत दिखानी चाहिए क्योंकि इससे दुनिया को संदेश जाता है कि ताकत का सामना करने वाला मजबूत है।” भागवत ने आगे कहा कि हमें भारत को मजबूत बनाना होगा और हमारी अष्टभुजा शक्ति से असुरों का नाश होना चाहिए।