TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

नया वक्फ कानून अस्तित्व में विरोधियों के पास कोई तथ्य नहीं जिससे यह गलत साबित हो

इस्लाम में दीन की सेवा के लिए अपनी संपत्तियों को वक्फ करने की अनुमति है, इसे छीना नहीं जा सकता है

Awadhesh Kumar द्वारा Awadhesh Kumar
16 April 2025
in मत, राजनीति
नया वक्फ कानून अस्तित्व में विरोधियों के पास कोई तथ्य नहीं जिससे यह गलत साबित हो
Share on FacebookShare on X

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के के हस्ताक्षर के बाद वक्फ कानून अस्तित्व में आ गया है तथा सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस तरह अब देश में पुराना वक्फ कानून समाप्त एवं नया कानून लागू हो चुका है। लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों के संपूर्ण बहस को देखें तो विरोध करने वालों ने तथ्यों के आधार पर ऐसे तर्क नहीं दिए जिनसे वाकई साबित हो सके कि वक्फ कानून में बदलाव का यह कदम संविधान विरोधी, इस्लाम विरोधी एवं मुस्लिम विरोधी है तथा इसका उद्देश्य सरकार द्वारा मुसलमानों की जमीनों पर कब्जा करना है। सरकार के सांसदों द्वारा दिए गए अन्य नेताओं के भाषणों को छोड़ दीजिए तो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू द्वारा विधेयक प्रस्तुत करते समय तथा गृह मंत्री अमित शाह के ही वक्तव्य में एक-एक तथ्य संसद की रिकॉर्ड पर रखे गए।

संसद में गलत तथ्य रखने के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव आ सकता है। साफ है कि दोनों नेताओं ने जो कहा वह सच था। विपक्ष के पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए तथ्य थे ही नहीं। विपक्ष के ज्यादातर भाषण राजनीतिक आरोपों के अलावा कुछ नहीं थे। कुछ तो तथ्यों से परे थे। उदाहरण के लिए यह कहना कि वक्फ न्यायाधिकरण के विरुद्ध न्यायालय जाया जा सकता है। कांग्रेस तथा यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए कानून में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को अंतिम माना गया और सिविल न्यायालय में इसके विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती। उच्च न्यायालय में मामला रिट के माध्यम से ले जाया गया। हम जानते हैं कि रिट कितना कठिन होता है। जिस संस्था की संपत्तियों को लेकर 40 हजार से ज्यादा विवाद हों और उनमें लगभग 10 हजार मुसलमानों द्वारा लाए गए हों उसके वर्तमान ढांचे को बनाए रखना किसी लोकतांत्रिक, संवैधानिक और प्रगतिशील व्यवस्था का पर्याय नहीं हो सकता।

संबंधितपोस्ट

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

हम इतने बेशर्म नहीं हो सकते, जानें क्यों अमित शाह ने लोकसभा में कही यह बात

और लोड करें

इसमें सुधार की मांग मुसलमानों की ओर से भी की जा रही थी। इस्लाम में दीन की सेवा के लिए अपनी संपत्तियों को वक्फ करने की अनुमति है। इसे छीना नहीं जा सकता। हालांकि वक्फ नाम इस्लामी नहीं यह अरबी शब्द है। आप किसी तरीके से संपत्ति इस्लाम के तहत दान कर सकते हैं। वक्फ में सरकार ने स्पष्ट किया कि गैर मुसलमानों का हस्तक्षेप नहीं होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ में मुतवल्ली और वाकिफ दोनों मुस्लिम समुदाय के होंगे। तो समस्या कहां है? वक्फ बोर्ड की भूमिका इन संपत्तियों के उनके उद्देश्यों के अनुरूप उचित प्रबंधन ,प्रशासन और नियंत्रण तक सीमित है। जो वक्फ बोर्ड संविधान के तहत बना और संसद ने पारित किया वह इस्लाम मजहब का विषय नहीं हो सकता। संसद में पारित सभी कानून उच्चतम न्यायालय के पुनरीक्षण की परिधि में आते हैं। तो इसकी संवैधानिकता का निर्णय उच्चतम न्यायालय में हो जाएगा। संविधान का सामान्य जानकार भी बता सकता है कि इसमें किसी धारा का उल्लंघन नहीं है।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों के साथ अपने पंथ या मजहब का प्रचार करने, उसके लिए संस्थाएं बनाने आदि के मौलिक अधिकारों की हमारे देश में खासकर मुसलमानों के संदर्भ में दुर्भाग्य से गलत अवधारणा बनी और यही मानसिकता मजबूत हो गई है। इसी कारण ऐसे सारे वैधानिक कदमों को सीधे इस्लाम विरोधी या मुसलमानों के मजहबी मामलों में हस्तक्षेप बता कर दुष्प्रचार किया जाता है और इसका आम मुसलमानों पर असर भी दिखाई देता है। हालांकि धीरे-धीरे इस सोच में भी बदलाव आ रहा है। वक्फ विधेयक पर संसद में बहस के दो दिनों तक हमने देखा कि देश भर में इसके समर्थन में भी प्रदर्शन हुए और अनेक प्रतिष्ठित मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं तथा जमातों के प्रमुखों ने पक्ष में वक्तव्य दिया। उदाहरण के लिए अजमेर शरीफ के प्रमुख हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड में सुधार किया जाए जिससे मुस्लिम समुदाय को कौशल, शिक्षा और रोजगार के लाभ मिल सके तो यह बहुत जरूरी बदलाव होगा। इस तरह के अनेक बयान हैं जिनसे विरोधी मुस्लिम नेताओं और राजनीतिक दलों के आरोपों का खंडन हो जाता है।

जो सच है ही नहीं उसे प्रचारित करके देश में वोट बैंक की लंबी राजनीति हुई, इसके कारण मुस्लिम समुदाय के अंदर उदारवादी व्यापक सोच वाले हाशिए में गए तथा कट्टरपंथी शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली व्यक्तित्व हावी होते गए। उच्चतम न्यायालय ने 1985 में शाहबानो जैसी एक तलाकशुदा वृद्ध महिला के लिए 138 रुपए मासिक भत्ते की मान्यता दी और ऐसे मुसलमानों द्वारा भ्रम पैदा करने के कारण समुदाय विरोध में उतर गया। वोट बैंक की राजनीति के तहत राजीव गांधी सरकार ने संसद से उसे पलट दिया। उसके बाद से मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दे, भले उनके नाम पर कानून विरोधी कार्य यहां तक कि भ्रष्टाचार और अपराध भी हो रहे हो उनमें सरकारें दखलअंदाजी बचती ही नहीं रही बल्कि इस व्यवस्था को और सशक्त करने के कानून और ढांचे खड़े कर दिए। एक साथ तीन तलाक की इस्लाम में मान्यता नहीं है। बावजूद मजहबी मामला के नाम पर जारी रहा और सरकारों को पता था, फिर भी महिलाओं के साथ अन्याय तथा पुरुषों द्वारा महिलाओं के शोषण की इस इस्लाम विरोधी व्यवस्था को समाप्त नहीं किया गया। नरेंद्र मोदी सरकार ने ही इसे किया।

वक्फ की मजहबी अवधारणा को स्पष्ट करते हुए 1995 में जब कानून में बदलाव हो रहा था तो राज्यसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता सिकंदर वख्त ने कहा था कि वक्फ संपत्तियां गरीब मुसलमानों की सेवाओं ,तलाकशुदा महिलाओं और यतीम बच्चों की अमानत है जिसमें खयानत हो रही है। बावजूद विधेयक पारित हुआ और कानून बना। अब मुस्लिम नेता ही प्रश्न उठा रहे हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड के रहनुमा संपत्तियों का अंकेक्षण क्यों नहीं कराते? इससे पता चलेगा कि वक्फ संपत्तियां कहां-कहां और कितनी मात्रा में खर्च हो रही है। कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को वक्फ में रजिस्ट्री कर सकता है किंतु सरकारी संपत्ति कैसे वक्फ हो सकती है यह समझ से परे है। सरकार की भूमिका अपने स्तर से गरीबों के कल्याण के लिए काम करना है। दूसरी ओर वक्फ के नाम पर सरकारी, व्यक्तिगत और आदिवासियों की अनुसूचित जमीनों, ऐतिहासिक – पुरातात्विक स्थलों तक पर वक्फ का कब्जा हुआ।

सच्चर समिति ने कहा कि इसका प्रबंधन सही तरीके से हो तो 12 हजार करोड़ की सालाना आय हो सकती है जबकि आए केवल 200 करोड रुपए हो रहे हैं। सच्चर आयोग का मूल्यांकन 2005 का था। 2013 के बाद अगर 21 लाख एकड़ जमीन बढ़े हैं तो कल्पना करिए कि 12 हजार करोड़ की संभावित आय का आंकड़ा कितना बढ़ जाएगा। इस समय आय केवल 169 करोड़ है। चूंकि इस्लाम में जकात और वक्फ को मान्यता है इस कारण वक्फ जैसे केंद्रीय कानून की आवश्यकता है। हालांकि भूमि , धर्मस्थल जिनमें मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, श्मशान घाट , कब्रिस्तान आदि मुद्दे राज्य सरकार के विषय हैं। 1

954 में केंद्रीय स्तर पर वक्फ कानून संसद में बना और 1995 तथा 2013 में बदलाव हुए। राज्यों की भूमिका इसमें समाप्त नहीं हुई है। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल में हिंदू धर्मार्थ कानून है। ये मठों , मंदिरों के प्रशासन संपत्ति और प्रबंधन को नियंत्रित करते हैं। 1955 – 56 में हिंदू कोड बिल के अनुसार मुसलमान के लिए शादी, तलाक और उत्तराधिकार का कोई कानून नहीं बना। यह प्रगतिशील और न्यायसंगत समाज व्यवस्था के रास्ते की ये बाधायें अब खत्म हो रहीं हैं और धीरे-धीरे मुस्लिम समुदाय के वंचित और हाशिए में पड़े समूह, महिलाओं तथा विवेकशील वर्ग इनका समर्थन कर रहा है।

स्रोत: वक्फ संशोधन कानून, वक्फ एक्ट, लोकसभा, राज्यसभा, संसद, Waqf Amendment Act, Waqf Act, Lok Sabha, Rajya Sabha, Parliament,
Tags: Lok SabhaparliamentRajya SabhaWaqf ActWaqf Amendment Actराज्यसभालोकसभावक़्फ़ एक्टवक्फ संशोधन कानूनसंसद
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

वक्फ कानून के बाद अब UCC की बारी? PM Modi ने हरियाणा में दिए संकेत

अगली पोस्ट

पाकिस्तान को भारत ने जमकर लगाई लताड़, वक्फ कानून पर ज्ञान देने पर मिला ये जवाब

संबंधित पोस्ट

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा
राजनीति

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

27 November 2025

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में दिन-रात मेहनत कर विजय सुनिश्चित करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधों पर अब बंगाल फतह की सबसे...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited