16 अप्रैल को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने कश्मीर को लेकर जहर उगलते हुए कहा था कि “कश्मीर पाकिस्तान की नस है” और यह भी जोड़ा कि “पाकिस्तान इस मुद्दे को कभी नहीं भूलेगा और हमेशा कश्मीर के लोगों का समर्थन करता रहेगा।” लेकिन मुनीर के इस भड़काऊ बयान के महज कुछ ही दिनों के भीतर, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों का नृशंस नरसंहार कर दिया। इस वीभत्स हमले के बाद भारतीय सेना ने भी पूरी ताकत के साथ मोर्चा संभाल लिया है। सेना एक्शन मोड में आ चुकी है और एक-एक कर आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा रही है।
इसी बीच, कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया के जरिए ऐसी चौंकाने वाली खबरें भी सामने आ रही हैं कि गीदड़ धमकियां देने वाले जनरल असीम मुनीर अब खुद डर के साए में जी रहे हैं। बताया जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के संभावित जवाबी कदमों से बौखलाकर असीम मुनीर ने अपना परिवार पाकिस्तान से बाहर भेज दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं, पाकिस्तान सेना के कई अन्य शीर्ष अधिकारियों के परिवार भी देश छोड़कर जा रहे हैं।
मुनीर ही है मास्टरमाइंड
रिपोर्ट्स में बड़ा दावा किया जा रहा है कि पहलगाम हमले के पीछे असली मास्टरमाइंड खुद पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर हैं। भारतीय डिफेंस एक्सपर्ट्स भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। उनका मानना है कि 1971 में पाकिस्तान के टूटने के बाद पहली बार फिर से देश बिखरने की कगार पर आ खड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में एक छोटा युद्ध पाकिस्तान की कई आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटका सकता है और इसी मकसद से पहलगाम जैसा हमला करवाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि असीम मुनीर ने अपनी कुर्सी बचाने और देश में बनते दबाव से निकलने के लिए इस आतंकी साजिश को अंजाम दिलवाया।
इसी बीच, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें खासतौर पर सीमा पार से हो रहे आतंकवाद पर कड़ी चर्चा हुई। इस बैठक में भी असीम मुनीर के उस भड़काऊ भाषण का जिक्र किया गया, जिसमें उन्होंने हाल ही में कश्मीर को पाकिस्तान की ‘जगुलर वेन’ यानी गले की नस बताया था।