Violence in West Bengal: वक्फ कानून बनने के बाद पश्चिम बंगाल में लगातार इसका विरोध हो रहा है। मुर्शिदाबाद, जंगीपुर में प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम हो गई हैं। प्रदर्शन के कारण कई ट्रेन कैंसल कर दी गई हैं। बाजार में पथराव के बाद आगजनी की गई। इसके वीडियो सामने आए हैं। हालांकि, मामला बिगड़ते देख BSF ने कमान संभाली है। इसके बाद हालात कुछ हद तक सामान्य हो गए हैं। हालांकि, इलाके में पुलिस और सेना में मुस्तैदी बढ़ा दी है। इस पूरे प्रदर्शन में 3 लोगों के मौत और 10 पुलिस वालों के घायल होने की खबरें हैं। हालांकि, अभी तक इसका आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून के विरोध (Violence against Waqf Act) में ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत की है। उन्होंने 11 अप्रैल से अगले 87 दिनों तक ये अभियान चलाने के बात कही थी। इसमें कहा गया था कि प्रदर्शन शांतिपूर्वक होगा। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। पहले ही रोज यानी शुक्रवार को मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा में हालात बिगड़ गए। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर (Violence in Murshidabad) और सुती इलाकों बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी कर दी। पुलिस पर क्रूड बम फेंके गए। आमतला क्षेत्र में पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया। प्रदर्शन के कारण हाईवे, रेल ट्रैफिक रोका गया और इंटरनेट सेवा बंद (internet shut down) कर दी गई।
रेलवे संपत्तियों पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने निमटीटा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ कर दी। उन्होंने ट्रेनों पर पथराव किया। इससे न्यू फरक्का-अजीमगंज रेलखंड पर आवागमन प्रभावित हुआ। अजीमगंज-भागलपुर और कटवा-अजीमगंज पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। वहीं कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को दूसरे रूटों पर डायवर्ट कर दिया गया।
होटलों और ट्रैफिक बूथ बने निशाना
जंगीपुर के सेंसरगंज इलाके में एक होटल ‘श्रीहरि लॉज’ को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं कुछ ट्रैफिक बूथों पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। पूरे इलाके में आतंक और दहशत का माहौल बन गया। शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शन ने अचानक उग्र रूप ले लिया और हिंसा फैलती चली गई।
राज्यपाल की चेतावनी
पूरे मामले पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने और अपना मत जाहिर तकरे का अधिकार है। इसका मतलब ये नहीं है कि हिंसा और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग किया जाएगा। हम ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। राज्यपाल ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं और उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं बीजेपी ने हिंसा को लेकर ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
BSF की तैनाती और हाई अलर्ट
हिंसा के बाद जंगीपुर, शमशेरगंज और सुती जैसे संवेदनशील इलाकों में बीएसएफ के करीब 300 जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवियों ने बम जैसे पदार्थ फेंके, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इलाके में धारा 144 लागू है और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
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विरोध के पीछे कौन?
पुलिस सूत्रों का कहना है कि हिंसा में स्थानीय कट्टरपंथी समूहों की भूमिका है। इसकी जांच की जा रही है। मंगलवार को उमरपुर और शुक्रवार को सुती एवं शमशेरगंज में जिस तरह से सुनियोजित ढंग से हिंसा हुई, उससे संदेह गहराता जा रहा है कि वक्फ कानून को लेकर लोगों को भड़काया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
वक्फ संशोधन कानून पर ममता सरकार की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि उनके इस रवैये के कारण BSF की जरूरत पड़ रही है। इन सब घटनाओं ने बंगाल की सुरक्षा व्यवस्था (Violence in West Bengal) पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल में बार-बार विरोध प्रदर्शन हिंसक हो रहे हैं। यह केवल कानून का विरोध नहीं है। बल्कि ये दिखाता है कि कानून व्यवस्था की साख राख हो गई है।