TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    कथित तौर पर यह झड़प 22 जुलाई को राजधानी स्थित कर्नाटक भवन के प्रशासनिक कार्यालय में हुई थी।

    दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो चढ़ावा पिघलाया

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो से चढ़ावे का सोना पिघलाया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    कथित तौर पर यह झड़प 22 जुलाई को राजधानी स्थित कर्नाटक भवन के प्रशासनिक कार्यालय में हुई थी।

    दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो चढ़ावा पिघलाया

    आस्था की लूट? तमिलनाडु सरकार ने 1,000 किलो से चढ़ावे का सोना पिघलाया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी, सेना को रहना चाहिए 24×7 सतर्क: जनरल अनिल चौहान

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न के बीच चिन्मय कृष्ण दास को फिर नहीं मिली जमानत

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को क्यों लगेगा बड़ा डेंट, मैक्रों की मजबूरी जानें

    फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस: जंग के बीच इजरायल को बड़ा झटका, जानें क्या है मैक्रों की मजबूरी

    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्या गुजरात अधिवेशन से कन्फ्यूज़्ड कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा?

जाति से लेकर धर्म तक और आबंडेकर से लेकर पिछड़ों तक कांग्रेस के सामने कई दुविधाएं हैं

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
8 April 2025
in राजनीति
अहमदाबाद में कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक

अहमदाबाद में कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक

Share on FacebookShare on X

गुजरात में दो दिन (8 और 9 अप्रैल) तक चलने वाला कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से अहमदाबाद में शुरू हो गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता इस अधिवेशन में हिस्सा ले रहे हैं और यहां पार्टी के भविष्य को लेकर मंथन किया जाएगा। गुजरात में 64 साल बाद पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है इससे पहले 1961 में भावनगर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था। ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ थीम वाले इस अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी अपनी रणनीति को लेकर आत्मचिंतन ज़रूर करेगी। दरअसल बीते कुछ वर्षों से कांग्रेस एक खास तरह के कन्फ्यूज़न का शिकार है, वो ये कि पार्टी असल में किस रास्ते पर आगे बढ़े? सोमवार को राहुल गांधी बिहार पहुंचे थे और वहां उनके बयानों में स्पष्ट नज़र आया कि कांग्रेस किस कदर असमंजस

जाति की बात लेकिन स्पष्ट नहीं रुख

बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “देश में अगर आप दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग, EBC और महिला हैं तो आप सेकेंड क्लास सिटीजन हैं।” लोगों को कोई असमंजस ना हो इसलिए राहुल ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, “अगर आप अपर कास्ट के नहीं हो तो आप सेकेंड क्लास सिटीज़न हो और यह मैं सोच समझकर बोल रहा हूं।” इस बयान के सीधे-सीधे मायने निकाले जाएं तो भी स्पष्ट हो जाता है कि राहुल गांधी, इस देश की ‘अगड़ी जातियों’ के विरोध में एक बड़े वर्ग को खड़ा करना चाहते हैं।

संबंधितपोस्ट

दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

बिहार के गया में होमगार्ड भर्ती के दौरान महिला बेहोश, चलती एम्बुलेंस में सामूहिक दुष्कर्म

1999 से ऑपरेशन सिंदूर तक: कारगिल विजय दिवस भारत की शौर्यगाथा का प्रतीक

और लोड करें

जिन जातियों के विरोध में लोगों को राहुल गांधी खड़ा करना चाहते हैं वे जातियां देश की आज़ादी के बाद, बल्कि उसके भी पहले से लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहीं। राम मंदिर आंदोलन के बाद मुख्य तौर पर ये जातियां कांग्रेस से छिटक गईं और बीजेपी के साथ आ गईं। हालांकि, अब भी इन जातियों में एक वर्ग कांग्रेस का समर्थन करता है। बिहार में कांग्रेस लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन में है, RJD के साथ बिहार का बड़ा OBC वोट बैंक है, मुस्लिम भी मोटे तौर पर इसी गठबंधन के साथ है और कांग्रेस को बिहार में चुनावी हवा का रुख अपने पक्ष में करने के लिए अब इसी ‘अपर कास्ट’ की ज़रूरत है। लेकिन राहुल गांधी इन जातियों को साधने के बजाय एक बड़े वर्ग को इनके विरोध में खड़ा कर इनसे ‘राजनीतिक दुश्मनी’ ही मोल  ले रहे हैं।

एक दिलचस्प बात यह भी है कि बिहार में राहुल गांधी के दौरे की एक बड़ी वजह कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की पद यात्रा भी थी। राहुल गांधी इस पद यात्रा में शामिल हुए और कन्हैया कुमार के साथ चले। जिस कन्हैया कुमार के साथ राहुल गांधी पद यात्रा में चल रहे थे वो खुद ‘अपर कास्ट’ से आते हैं। यानी जिस एक बड़ी वजह के लिए राहुल बिहार गए, उसी यात्रा को निकाल रहे कन्हैया की जाति के विरोध में राहुल अन्य जातियों को खड़ा करना चाहते हैं। इन सबके अलावा राहुल का यह बयान कांग्रेस की उस पुरानी छवि को भी चुनौती देता है जो सभी जातियों को साथ लेकर चलने की बात करती थी। आज़ादी के बाद से कांग्रेस ने ‘सर्वसमावेशी’ होने का दावा किया है लेकिन अब ‘अपर कास्ट’ के खिलाफ खुलकर बोलकर वह एक ध्रुवीकरण की राह पर चल पड़ी है। यह रणनीति शायद दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट कर सकती है, लेकिन अपर कास्ट को बीजेपी की गोद में और मजबूती से धकेलने का खतरा भी पैदा करती है। बिहार में जहां हर वोट की कीमत है, जाहिर है राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस के लिए नई राह खोलने की जगह उसे और गहरे संकट में डाल सकता है।

हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर कांग्रेस का कन्फ्यूज़न

आज़ादी से पहले एक समय था जब देश में माना जाता था कि मुस्लिमों की पार्टी मुस्लिम लीग है और हिंदुओं की पार्टी कांग्रेस है। आज़ादी के दौरान देश का विभाजन हुआ और मुस्लिम लीग को उसके मन के मुताबिक पाकिस्तान मिल गया। भारत एक सेक्युलर राष्ट्र के रूप में सामने आया और आज़ादी के बाद यहां बचे मुस्लिमों ने कांग्रेस को ही वोट देना जारी रखा। मुस्लिम आबादी आज़ादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस का एकमुश्त वोट बनी हुई थी और यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कांग्रेस ने भी मुस्लिम वोट बैंक के तुष्टिकरण ने लिए वो सब किया जो शायद ही एक सेक्युलर राष्ट्र में कोई दूसरी पार्टी कर पाती।

वक्फ बोर्ड से लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिमों के पर्सनल कानून के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने तक कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए हर हथकंडा अपनाया। लेकिन इनके सबके बीच भी कांग्रेस हमेशा कन्फ्यूज़न की स्थिति में ही रही। 1986 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने शाह बानो मामले में मुस्लिम महिला को गुज़ारा भत्ता दिए जाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया तो कांग्रेस को लगा कि वो मुस्लिम पार्टी के रूप में प्रतिस्थापित हो रही है और इसलिए कांग्रेस ने राम मंदिर का ताला खुलवा दिया। यह भी कांग्रेस के कन्फ्यूज़न की ही बानगी थी।

1986 से 2025 में आते-आते कांग्रेस में हज़ारों बदलाव आ गए लेकिन उसका कन्फ्यूज़न जस का तस रहा। कुछ दिनों पहले जब संसद में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बहस हुई तो गांधी परिवार के तीनों नेता (सोनिया, राहुल और प्रियंका) इस बिल के खिलाफ संसद में कुछ नहीं बोले, हालांकि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस बिल का विरोध किया लेकिन संसद में गांधी परिवार ने चुप्पी साधे रखी। मुस्लिम संगठनों ने तो इसे लेकर आक्रोश भी जताया। मुस्लिम संगठनों का तर्क है कि जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने के लिए मुस्लिम बहुल वायनाड जाते हैं तो उन्हें मुस्लिमों के पक्ष में बोलना भी चाहिए। कांग्रेस का मुस्लिम वोट छिटक गया है और ज़्यादातर छोटे क्षेत्रीय दलों के पास चला गया है ऐसे में कांग्रेस को उस वोट को वापस पाने के लिए भी मुसलमानों के पक्ष में दिखाना होगा। कांग्रेस की दुविधा यही है कि वो असल में वोट चाहती है लेकिन पूरी तरह मुस्लिमों के साथ खड़े होने से बचना भी चाहती है।

कांग्रेस पर लंबे वक्त तक मुस्लिम तुष्टिकरण करने का भी आरोप है। दूसरी तरफ पार्टी के नेताओं को सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि पर भी चलना है। खरगे या कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने कुंभ को लेकर या गंगा स्नान को लेकर जो कहा उसके पीछे की मंशा मुस्लिम तुष्टीकरण के अलावा और क्या ही हो सकती है? जबकि कुछ वर्षों पहले की ही बात है जब राहुल गांधी, मंदिर-मंदिर जाते नज़र आते थे। लेकिन वो अब नहीं दिखाई पड़ता है। यानी बीजेपी के आक्रामक हिंदुत्व के आगे कांग्रेस अब भी असमंजस में है कि वो खुद को कहां खड़ा करे। ऐसे में गुजरात के इस अधिवेशन से कोई राह निकलेगी, इसकी उम्मीद भी कम ही है।

गठबंधन को लेकर असमंजस में कांग्रेस

इन दिनों कांग्रेस का सबसे बड़ा असमंजस INDI गठबंधन को लेकर ही है। इस गठबंधन का मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देना था और अब यह कांग्रेस के लिए एक दोधारी तलवार बन गया है। इस गठबंधन में शामिल कई दलों, जैसे समाजवादी पार्टी (SP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) का वोट बैंक वही है जो कभी कांग्रेस का मजबूत आधार हुआ करता था। यह ओवरलैप कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है क्योंकि वह न तो अपने सहयोगियों को नाराज करना चाहती है और न ही अपनी पहले से कमजोर होती ज़मीन को पूरी तरह खोना चाहती है।

दिल्ली में कुछ दिनों पहले हुए विधानसभा चुनावों में तो ये मतभेद खुलकर ही सामने आ गए और AAP व कांग्रेस ने अलग-अलग ही चुनाव लड़ा था। जिस वोट बैंक पर कांग्रेस का दावा है उन्हीं पर इन क्षेत्रीय दलों का भी है। उत्तर भारत के जिन राज्यों में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है वहां अगर वह इन दलों के खिलाफ लड़ती है तो उससे फायदा बीजेपी को मिलता है और अगर इनका साथ लड़ती है तो राज्यों में वो दल बीजेपी के और मज़बूत विकल्प के तौर पर सामने आते हैं जिससे कांग्रेस के वोट बैंक के उन दलों में शिफ्ट होने का खतरा बनता है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस बडे़ असमंजस में फंस जाती है कि क्या वह इन दलों को साथ रखे या इनसे अलग होकर खुद ही चुनाव लड़े।

इस असमंजस का असर कांग्रेस की रणनीति पर भी दिखता है। वह न तो अपने सहयोगियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर सकती है क्योंकि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई के लिए गठबंधन जरूरी है और न ही अपनी पुरानी ज़मीन को वापस हासिल करने के लिए आक्रामक हो सकती है क्योंकि इससे गठबंधन टूटने का खतरा है। बिहार की ही बात करें तो अगर वहां कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग करती है तो RJD नाराज हो सकती है और अगर कम सीटों पर मान जाती है तो उसकी अपनी मौजूदगी घटने का डर है। कुल मिलाकर INDI गठबंधन कांग्रेस के लिए एक पहेली बन गया है। यह गठबंधन उसे बीजेपी के खिलाफ एक मंच तो देता है लेकिन उसी वोट बैंक को बांटता भी है जो कभी उसकी ताकत था।

आरक्षण और आंबेडकर पर क्लियर नहीं कांग्रेस!

डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की विरासत और उसके सहारे दलित वोट बैंक पर कांग्रेस की पकड़ भी अब कमज़ोर हो रही है। उत्तर भारत में कांशीराम और मायावती ने कभी कांग्रेस के कोर वोटर रहे दलितों को कांग्रेस से अपने पाले में कर लिया है। आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में दलित वोटर कांग्रेस के साथ मजबूती से जुड़े रहे लेकिन 1980 के दशक में कांशीराम ने बहुजन आंदोलन शुरू कर इस वोट बैंक को BSP की ओर मोड़ दिया। मायावती ने इसे और मजबूत किया विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में जहां BSP ने दलितों को एकजुट कर सत्ता तक पहुंचने का रास्ता खोल दिया। कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरी और क्षेत्रीय दलों के उभार ने इस वोट बैंक को उसके हाथ से छीन लिया। मुश्किल हालातों के बावजूद एक बड़ा दलित वोट बैंक अभी भी मायावती और BSP के साथ है। ऐसे में कांग्रेस के सामने इस वोट बैंक को वापस अपने पाले में लाने की चुनौती भी है।

अब बिहार का राहुल गांधी की बयान एक बार फिर पढ़िए, जिन्हें वो सेकेंड क्लास सिटीज़न बता रहे हैं उन्हीं के हक के लिए लड़ते हुए डॉक्टर आंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान का निर्माण किया था। भारत का हर नागरिक बराबर है यह अधिकारी अंबेडकर का संविधान देता है लेकिन राहुल गांधी उसी संविधान की अवधारणा को अपने बयान से खारिज करने पर तुले हुए हैं। आंबेडकर के साथ कांग्रेस का रिश्ता कैसा था? उन्हें हराने के लिए कांग्रेस ने क्या कुछ नहीं किया?  यह अब किसी से छिपा नहीं है। वहीं आंबेडकर को सम्मान दिलाने के लिए बीजेपी ने अनेकों काम किए हैं- पंच तीर्थ उसका ही एक उदाहरण है। ऐसे में कांग्रेस का बीजेपी को आंबेडकर विरोधी बताकर उनके वोट हथिया लेना आसान काम नहीं होने वाला है। कांग्रेस ने दशकों तक डॉक्टर आंबेडकर को भारत रत्न तक नहीं दिया था और वीपी सिंह के नेतृत्व वाली जिस सरकार में उन्हें भारत रत्न मिला। उस सरकार को बीजेपी भी बाहर से समर्थन दे रही थी।

आरक्षण को लेकर कांग्रेस के रवैये पर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी ने बिहार में आरक्षण की 50% सीमा तोड़ने की वकालत की है। आरक्षण के लिए 50% की सीमा 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने तय की थी। बिहार में जब आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई तो जुलाई 2024 में पटना हाई कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का रुख 50% सीमा को लेकर लगभग अडिग जैसा है तो राहुल गांधी इस सीमा को किस तरह बढ़ाएंगे उसे लेकर उन्होंने अब तक कोई रोडमैप नहीं दिया है। उन्हें इसे लागू करने के लिए सत्ता की ज़रूरत है लेकिन सवाल तो यह भी बनता है कि जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने इस सीमा को तोड़ने के लिए क्या किया और कुछ नहीं किया तो लोग उनकी मंशा पर भरोसा कैसे करेंगे?

कांग्रेस के कई धड़ों में मुस्लिम आरक्षण को लेकर भी बातचीत होती है और कर्नाटक सरकार ने मुस्लिमों के लिए सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण देकर इसकी शुरुआत भी कर दी है। क्या यह आरक्षण उन्हीं OBC और SC के कोटे से दिया जाएगा जिनके लिए लड़ाई की वकालत राहुल गांधी कर रहे हैं। कांग्रेस के सामने कई बड़ी दुविधाएं हैं जिससे उसे पार पाना है। गुजरात के इस अधिवेशन में कांग्रेस के भविष्य के लिए क्या रास्ता मिलेगा और अगर मिलेगा तो यह कितना कारगर होगा यह देखने वाली बात होगी।

स्रोत: कांग्रेस, गुजरात अधिवेशन, राहुल गांधी, बिहार, Congress, Gujarat session, Rahul Gandhi, Bihar,
Tags: BiharCongressGujarat sessionRahul Gandhiकांग्रेसगुजरात अधिवेशनबिहारराहुल गाँधी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जयपुर को दहलाने वाले आतंकियों को कोर्ट से उम्रकैद, लेकिन चेहरे पर अफ़सोस नहीं – हंसते रहे शहबाज, सरवर, सैफ और सैफुर

अगली पोस्ट

बदल रहे हैं केरल के सियासी आंकड़े: लेफ्ट-कांग्रेस के बीच फंसे ईसाइयों को BJP में दिखा विकल्प

संबंधित पोस्ट

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर
इतिहास

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

26 July 2025

देशभक्ति को बढ़ावा देने और स्थानीय नायकों की स्मृति को संजोने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूलों का नाम कारगिल युद्ध में शहीद...

कथित तौर पर यह झड़प 22 जुलाई को राजधानी स्थित कर्नाटक भवन के प्रशासनिक कार्यालय में हुई थी।
राजनीति

दिल्ली की ज़मीन पर कर्नाटक की लड़ाई: सीएम और डिप्टी सीएम खेमों में आर-पार की जंग

26 July 2025

नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में नौकरशाही का झगड़ा एक राजनीतिक तूफान में बदल गया है, जिससे कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार में दरारें...

दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader
भारत

दुनिया का भरोसा मोदी पर! 75% Approval के साथ बने No.1 Leader

26 July 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया के सबसे विश्वसनीय नेताओं की सूची में शीर्ष पर हैं। मॉर्निंग कंसल्ट की नवीनतम वैश्विक नेता अनुमोदन रेटिंग...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

Will India Buy F-35s from US or Build Su-57s with Russia? IAF’s Big Push Explained

00:08:32

PM Modi’s Blueprint for Tamil Nadu Begins at Rajendra Chola’s Capital Gangaikonda Cholapuram

00:07:57

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32

Lashkar-e-Taiba on the Run from Muridke: Is Bahawalpur Becoming Pakistan’s New Terror Capital?

00:07:26

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited