पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव अपने चर्म पर है। इसी माहौल के बीच 38 साल बाद अंगोला के राष्ट्रपति भारत दौरे पर पहुंचे। दिल्ली में हुई एक अहम उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार हिंदी नहीं, अंग्रेज़ी में पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। बैठक में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने आतंकवाद को ‘मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन’ बताते हुए कहा कि भारत आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ ‘दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई’ के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही उन्होंने पहलगाम हमले पर संवेदना जताने के लिए राष्ट्रपति लौरेंको और अंगोला का आभार भी प्रकट किया।
4 दिवसीय दौरे पर भारत आये अंगोला के राष्ट्रपति
दरअसल भारत और अंगोला इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसी अवसर पर अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको चार दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने हिंदी में बयान देते हुए दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करने की बात कही।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “हम एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति लौरेंको और अंगोला के प्रति आभार भी जताया।
हम एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति राष्ट्रपति लोरेंसू और अंगोला की संवेदनाओं के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/EkJmOipYuH
— BJP (@BJP4India) May 3, 2025
इसके बाद पीएम मोदी ने हिन्दी छोड़ अंग्रेजी में बोलते हुए एक स्पष्ट और सख्त संदेश दिया, ताकि अंतरराष्ट्रीय मेहमान उनकी चेतावनी को सीधे समझ सकें। उन्होंने कहा, “We are of the same opinion that terrorism is the biggest threat to humanity.” यानी “हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।” हालांकि पीएम मोदी ने अपने बयान में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों और लहजे से साफ था कि यह चेतावनी पाकिस्तान और उसके सरपरस्त आतंकियों के लिए थी।