पहलवानों का अखाड़ा हो या सियासी मैदान, बात का बतंगड़ बनने में देर नहीं लगती है। जब बात जुबान से निकल जाए तो कई बार माफी मांगने की नौबत आ ही जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ है ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया के साथ जिन्होंने अपने बातों को लेकर चुपचाप माफी मांग ली है। पूनिया ने पिछले साल जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ पूर्व चीफ बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने कोच नरेश दहिया के खिलाफ ऐसा तंज मारा था कि मामला कोर्ट में पहुंच गया था। खैर अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मानहानि का केस खत्म कर दिया है।
10 मई 2023 को जंतर-मंतर पर बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। धरने में बृज भूषण पर जूनियर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजरंग ने कोच नरेश दहिया पर निशाना साधते हुए कहा कि दहिया खुद बलात्कार के आरोपी हैं। उनको प्रदर्शन पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं। बजरंग का ये बयान पर दहिया ने कहा था कि 2019 में ही बरी हो चुके थे।
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2023 में ही कोर्ट पहुंच गया मामला
नाराज दहिया ने बजरंग के खिलाफ मानहानि का केस लगा दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अगस्त 2023 को समन जारी किया था। कोर्ट ने माना कि बजरंग का बयान दुर्भावनापूर्ण है। मामला बढ़ता देख बजरंग को चौथी सुनवाई में जमानत लेनी पड़ी। आखिरकार, उन्होंने 17 मई 2025 को लिखित माफीनामा देकर कोच नरेश दहिया से माफी मांगी ली। अपने माफीनामे में बजरंग ने कहा-
“मैंने जंतर-मंतर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच नरेश दहिया के खिलाफ गलत और असंवेदनशील बयान दिया, जिसके लिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं। उनके सम्मान को ठेस पहुंची और उनके परिवार को दुख हुआ, इसके लिए मुझे गहरा खेद है।”
केस हुआ कंपाउंड
दहिया ने बताया कि अचानक मेरे खिलाफ अनजान शख्स ने आरोप लगाया और बजरंग ने इसे अपने बयान में उछाला दिया। मैंने आपत्ति जताई और कोर्ट का रुख किया। बजरंग के वकील तुषार गिरी ने बताया कि माफी के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई और कोर्ट ने केस को कंपाउंड कर दिया। दूसरी ओर दहिया के वकील राजेश कुमार रेक्सवाल ने कहा कि बजरंग की लिखित माफी के बाद मामला सुलझ गया। कोर्ट ने भी इस सुलह को मंजूरी दे दी है।