भारत ने वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बात दोहराई है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित अड्डा रहा है। लेकिन कभी चीन के वीटो ने रास्ता रोका, तो कभी कुछ अन्य देशों के कूटनीतिक हितों ने हर बार पाकिस्तान किसी न किसी तरह बच निकलता रहा। मगर अब हालात बदलते नज़र आ रहे हैं। जंग की आशंका से बौखलाई पाकिस्तानी हुकूमत अब खुद ही अपने डर्टी वर्क्स का पर्दाफाश कर रही है। दरअसल हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह स्वीकार किया कि उनका देश अमेरिका और वेस्ट के लिए आतंकवाद को पालने जैसा ‘डर्टी वर्क’ करता रहा है। अभी यह बयान थमा भी नहीं था कि बिलावल भुट्टो ने भी अपने बयान में पाकिस्तान के अतीत को आतंकवाद से भरा हुआ मान लिया।
क्या बोले बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा अमेरिका के लिए ‘डर्टी वर्क’ करने की स्वीकारोक्ति पर मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी उसी सुर में बोलते हुए पाकिस्तान के अतीत पर एक और परदा हटा दिया। स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में भुट्टो ने साफ-साफ कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ख्वाजा आसिफ का बयान कोई राज़ है पाकिस्तान का इतिहास ऐसा ही रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस रास्ते ने पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुंचाया है। देश ने बार-बार कट्टरपंथ और चरमपंथ का सामना किया है, और इसी से सबक लेते हुए उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने आंतरिक रूप से कई सुधार किए हैं।
इतना ही नहीं, इससे एक दिन पहले मीरपुर खास की एक रैली में भी भुट्टो ने अपना रुख स्पष्ट किया था। भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है और इस्लाम एक शांति का धर्म है। हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर हमारे सिंधु पर कोई आँख उठाएगा, तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। भुट्टो ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान युद्ध के नगाड़े नहीं बजाता, मगर अगर उकसाया गया, तो उसकी दहाड़ इतनी ज़ोरदार होगी कि दुश्मन बहरे हो जाएंगे।
रक्षा मंत्री का कबूलनामा
ब्रिटिश मीडिया स्काई न्यूज की एक इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ऐसा कबूलनामा किया है, जिससे पाकिस्तान की दशकों पुरानी पोल खुल गई है। पत्रकार यलदा हकीम के साथ बातचीत में जब उनसे यह सीधा सवाल पूछा गया कि, “क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक आतंकी संगठनों को ट्रेनिंग, समर्थन और फंडिंग दी है?” तो ख्वाजा आसिफ का जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, “हां, हम पिछले तीस सालों से अमेरिका और पश्चिमी देशों जिनमें ब्रिटेन भी शामिल है के लिए यह गंदा काम करते आए हैं।”