एक ओर जहां कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों खुले तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा के मुरीद नजर आ रहे हैं, वहीं अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने INDIA गठबंधन की एकता और स्थायित्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बयान ने न सिर्फ विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि गठबंधन भीतर से दरक रहा है। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और मृत्युंजय सिंह यादव की किताब ‘Contesting Democratic Deficit’ के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए चिदंबरम ने साफ शब्दों में कहा, “INDIA गठबंधन का भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता।” उन्होंने इसे एक “सीम से फटा हुआ गठबंधन” करार दिया, जो अंदर से बिखरता नज़र आता है।
इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने चिदंबरम के बयान को लपकते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“भाजपा एक मजबूत पार्टी है क्योंकि वह ‘इंडिया फर्स्ट’ के सिद्धांतों पर विश्वास करती है और हर भारतीय की परवाह करती है। इंडी गठबंधन केवल भ्रष्टाचार, सत्ता की लालसा और मोदी से घृणा के कारण एकजुट हुआ है इसी कारण इसकी नींव कमजोर है।” पी. चिदंबरम की यह टिप्पणी मात्र व्यक्तिगत राय नहीं मानी जा सकती, बल्कि यह उस अंदरूनी असहमति और सियासी बेचैनी की झलक है, जो धीरे-धीरे INDIA गठबंधन के भीतर उभर रही है। क्या शशि थरूर के बाद अब चिदंबरम भी उन नेताओं की कतार में शामिल हो रहे हैं, जो गठबंधन की व्यवहारिकता और भविष्य पर सवाल उठा रहे हैं?
क्या बोले चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘भविष्य (इंडिया ब्लॉक का) उतना उज्ज्वल नहीं है, जैसा मृत्युंजय सिंह यादव ने कहा, उन्हें लगता है कि गठबंधन अब भी बरकरार है, लेकिन इसको लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूं। इसका जवाब केवल सलमान खुर्शीद दे सकते हैं क्योंकि वह ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए बातचीत करने वाली टीम का अंग थे। अगर गठबंधन पूरी तरह से बरकरार है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। लेकिन पता चलता है कि यह कमजोर पड़ गया है।’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को “दुर्जेय मशीनरी” करार दिया। उन्होंने माना कि भाजपा सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि “एक मशीन के पीछे लगी एक और मशीन” है, जो भारत की सभी संस्थाओं को नियंत्रित करने की ताकत रखती है। चिदंबरम ने माना, ‘मेरे अनुभव और मेरे इतिहास के अध्ययन के अनुसार, भाजपा जितना सशक्त रूप से संगठित कोई राजनीतिक दल नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि यह एक मशीन के पीछे दूसरी मशीन है और दो मशीनें भारत में सभी मशीनरी को नियंत्रित करती हैं।’