चीन के हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम के दम पर पाकिस्तान, भारत से मुकाबला करने चला था लेकिन जैसा चीन के माल के साथ होता है वो एक बार फिर फुस्स निकला है। चीन के बहुचर्चित एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 को तबाह करने के लिए फाइटर जेट्स तक की ज़रूरत नहीं पड़ी है यह काम सिर्फ ड्रोन्स के सहारे ही कर दिया गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (8 मई) को जारी एक बयान में कहा, “आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई स्थानों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। भारत की प्रतिक्रिया भी पाकिस्तान की ही तरह उसी तीव्रता से रही है। विश्वसनीय जानकारी के अनुसार लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया है।”
क्या है HQ-9 सिस्टम?
HQ-9 एक उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे चाइना प्रिसिजन मशीनरी इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (CPMIEC) ने विकसित किया है। यह रूस के S-300 और अमेरिका के पैट्रियट सिस्टम से प्रेरित है। इसकी मारक क्षमता 125-200 किमी (HQ-9P) से लेकर (HQ-9B) में 250-300 किमी तक है और यह 30 किमी (HQ-9B में 50 किमी) की ऊंचाई तक के लक्ष्य को भेद सकती है। यह प्रणाली विमान, क्रूज मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। पाकिस्तान ने 2021 में इस प्रणाली को अपनी सेना में शामिल किया, ताकि भारत के राफेल, सुखोई और ब्रह्मोस मिसाइल जैसे हवाई खतरों का सामना किया जा सके।
क्यों फेल हुआ HQ-9 सिस्टम?
पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ बेशक इस प्रणाली को भारत की S-400 के स्तर की प्रणाली मानते हों लेकिन असल में यह फुस्स प्रणाली है और मौके पड़ने पर पाकिस्तान की मदद करने में नाकाम साबित हुई है। HQ-9 प्रणाली की बैलिस्टिक मिसाइलों को अवरोधित करने की क्षमता सीमित है। साथ ही, इसका स्टील्थ तकनीक से लैस लक्ष्यों जैसे राफेल विमान के खिलाफ प्रभावशीलता का परीक्षण नहीं हुआ है। पाकिस्तानी सैन्य बलों में HQ-9 प्रणाली के संचालन और रखरखाव के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधनों की भी कमी है।