TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    Modi government removes GST on health and life insurance

    Health और Life इंश्योरेंस पर GST खत्म कर मोदी सरकार ने ‘दादागीरी’ के खिलाफ बहुत बड़ा दांव चल दिया है, लेकिन कैसे ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    टैरिफ वार और वैश्विक राजनीति: ट्रंप की नीति ने भारत को रूस-चीन के करीब पहुंचाया?

    टैरिफ वार और वैश्विक राजनीति: ट्रंप की नीति ने भारत को रूस-चीन के करीब पहुंचाया?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    Modi government removes GST on health and life insurance

    Health और Life इंश्योरेंस पर GST खत्म कर मोदी सरकार ने ‘दादागीरी’ के खिलाफ बहुत बड़ा दांव चल दिया है, लेकिन कैसे ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    टैरिफ वार और वैश्विक राजनीति: ट्रंप की नीति ने भारत को रूस-चीन के करीब पहुंचाया?

    टैरिफ वार और वैश्विक राजनीति: ट्रंप की नीति ने भारत को रूस-चीन के करीब पहुंचाया?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

खून नहीं इनके रगों में है जुनून, दुश्मन के लिए काफी हैं भारत की ये 5 कमांडो यूनिट

India Special Commando: भारत की सेना और सुरक्षा बलों को मिलाकर कई विशिष्ट बल बनाए गए हैं। इसमें 5 कमांडो ऐसे हैं तो पांडवों की तरह पूरे युद्ध के लिए काफी हैं।

Shyamdatt Chaturvedi द्वारा Shyamdatt Chaturvedi
1 May 2025
in आयुध, भारत, रक्षा, रणनीति
India 5 Special Commando

India 5 Special Commando

Share on FacebookShare on X

India Special Commando: भारत की सरहदों की हिफाजत चाहे जमीन पर हो या आसमान में या फिर समंदर की अथाह गहराई ही क्यों न हो हमारे जांबाज हमेशा जान हथेली पर लेकर खड़े रहते हैं। फौलादी जिगर वाले इन लड़ाकों के जिगर में खून नहीं जुनून दौड़ता है। हमारे जांबाजों की शौर्य गाथाएं रोम-रोम में रोमांच भर देती हैं। वहीं दुश्मन के दिल को सदमे के कगार तक ले जाती हैं। भारत के सीमाओं की सुरक्षा के लिए आपने थल सेना, जल सेना और वायुसेना का नाम सुना ही होगा। इसके अलावा सीमाओं के भीतर और सीमायी क्षेत्र में देश की रक्षा, सुरक्षा और कानून के लिए कई तरह की फोर्स और पुलिस काम करती है। इनका एक-एक जवान वो तीर है जो निशाने पर ही लगता है। इन्हीं में से कई तरह के विशिष्ट काम और मिशन के लिए खास कमांडो कुछ विशेष बल तैयार किए जाते हैं। हालांकि, आज हम पांच पांडवों तरह देश की रक्षा करने वाले गरुड़ कमांडो, पैरा कमांडो, कोबरा कमांडो, एनएसजी कमांडो, मार्कोस कमांडो की बात करेंगे।

जब बात मुल्क की हिफाजत की आती है देश में हर तरह की फोर्स को अलर्ट पर रखा जाता है। इसी कारण पहलगाम हमले के बाद गरुड़ कमांडो, पैरा कमांडो, कोबरा कमांडो, एनएसजी कमांडो, मार्कोस कमांडो के सतर्कता और शौर्य की चर्चा हो रही है। आइये जानें इन कमांडो की खासियत जो देश को आवाम को गर्व से सिर उठाने का मौका देते हैं और हर मुश्किल घड़ी में ढाल बनकर खड़े रहते हैं। इनके हौसले और ट्रेनिंग के आगे दुश्मन की एक न चलती।

संबंधितपोस्ट

टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

और लोड करें

ये भी पढ़ें: रक्षा के क्षेत्र में इबारत लिख रहा आत्मनिर्भर भारत, आकड़ों और हालातों से जानें ये क्यों जरूरी?

गरुड़ कमांडो । Garud Commando

गरुड़ कमांडो आसमान में चील की तरह उड़ते हैं। इसके जवानों ने हवा की रफ्तार में गहराई का गुरुर समेटे हुए हैं। हवा की फुसफुसाहट भी इनके शौर्य की गवाही देती है। दुश्मन के हवाई क्षेत्र में हमला करने, रडार व अन्य उपकरणों को ध्वस्त करने, स्पेशल काम्बैट (लड़ाई) और रेस्क्यू (बचाव) ऑपरेशन के लिए इन्हें खासतौर पर तैयार किया जाता है। इनका नाम सुनकर ही विरोधी कांप उठते हैं।

  • गरुड़ कमांडो आसमान के शिकारी हैं।
  • गठन 2004 हुआ था।
  • भारतीय वायुसेना का विशेष बल है।
  • ये एयरबेस सुरक्षा, खोज-बचाव, हवाई अभियानों में हिस्सा लेते हैं।
  • ये हेलिकॉप्टर से तेजी से उतरकर दुश्मन पर हमला कर सकते हैं।
  • 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक में एयरबेस सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

चयन के लिए होते हैं कई पड़ाव

गरुड़ कमांडो बनने के लिए तीन साल की कठिन ट्रेनिंग (Garud Commando Selection Process) होती है। इनकी सबसे ज्यादा तैनाती जम्मू और कश्मीर में होती है और ये सेना, एयर फोर्स कमांडो के साथ मिलकर अपने ज्वाइंट एक्शन तेज करते हैं। एयरबोर्न ऑपरेशन, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररिज्म का जिम्मा उठाने के लिए इन्हें ट्रेंड किया जाता है।

  • मेडिकल पास होने के बाद लिखित परीक्षा होती है।
  • इंग्लिश, गणित, फिजिक्स, रीजनिंग और जनरल अवेयरनेस की परीक्षा पास करना होता है।
  • अडाप्टेबिलिटी (Adaptability) टेस्ट 1 और टेस्ट 2 होते हैं।
  • अडाप्टेबिलिटी टेस्ट 1 में ऑब्जेक्टिव सवाल होते हैं।
  • अडाप्टेबिलिटी टेस्ट 2 में ग्रुप डिस्कशन होता है।
  • लास्ट में डायनामिक फैक्टर टेस्ट पास करना होगा।
  • इसके बाद ट्रेनिंग दी जाती है।

कठिन ट्रेनिंग होती है

ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ये कमांडो किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम होते हैं। खतरनाक हथियारों से लैस गरुड़ कमांडो दुश्मन को तुरंत खत्म कर देते हैं। जानें कैसे होती है ट्रेनिंग (Garud Commando Training)

  • नदियों और आग से गुजरना
  • बिना सहारे पहाड़ पर चढ़ना
  • कई किलो बोझ के साथ कई किलोमीटर दौड़ाना
  • सुनसान-घने जंगलों में रातें बिताना

पैरा कमांडो । Para Commando

पैरा कमांडो जमीन पर दुश्मन को धूल चटाते हैं। इसके जवाब न थके, न रुके का जीवंत रूप है। उनकी एक ही हुंकार दुश्मन के दिल की धड़कन रोकने के लिए काफी है। पैरा कमांडो, जिसे पैरा स्पेशल फोर्स या पैरा एसएफ के रूप में भी जाना जाता है। यह भारतीय सेना (Indian Army) की एक यूनिट है। इसे विशेष अभियानों के लिए तैयार किया जाता है। यह पैराशूट रेजिमेंट का एक हिस्सा है। मैरून रंग का बेरेट, शोल्डर टाइटल और बलिदान बैज पैरा एसएफ यूनिफॉर्म को आसानी से अलग पहचान देता है।

  • पैरा कमांडो को आप जमीन का शेर कह सकते हैं।
  • इसका गठन साल 1966 में हुआ था।
  • ये भारतीय थल सेना का सबसे पुराना विशेष बल है।
  • ये सर्जिकल स्ट्राइक, गुप्त अभियान, गहरी घुसपैठ में माहिर होते हैं।
  • इन्हें पैराशूट से सीमा पार जाकर दुश्मन पर हमला करने की ट्रेनिंग भी मिलती है।
  • साल 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक में इन्होंने LOC पार आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।

पैरा कमांडो भारतीय सेना की इलीट रेजिमेंट है। सैनिकों को उच्च मानसिक मजबूती के साथ-साथ शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है। पैरा कमांडो बनने के लिए भारतीय सेना से शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग (Para Commando Selection Process) से गुजरना पड़ता है। प्रोबेशन पीरियड को पूरा करने के बाद सैनिक अपनी योग्यता के आधार पर स्पेशलिटी का चयन कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: UPA बनाम NDA: आतंक के खिलाफ असली एक्शन किसने लिया?

कोबरा कमांडो । Cobra Commando

कोबरा कमांडो जंगलों में सांप की तरह चुपके से वार करते हैं। घाटियों के अंधेरों में सांप से फुर्तीले होते हैं। इनसे पूछने पर ये आसानी से बता देंगे की जंगल की हर पत्ती क्या कहती है। देश की आजादी से पहले ही 27 जुलाई 1939 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की स्थापना की गई था। तब इसे क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में जाना जाता था। हालांकि, आजादी के बाद 28 दिसंबर 1949 को संसद के एक अधिनियम के जरिए इसका नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिया गया। साल 2008 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ने कोबरा बटालियन का गठन किया था। नक्सलवाद जैसी गंभीर समस्या के लिए इसका इस्तेमाल होता है।

  • कोबरा कमांडो जंगल के योद्धा होते हैं।
  • इसका गठन साल 2009 में हुआ था।
  • यह CRPF की विशेष इकाई है।
  • कोबरा कमांडो नक्सल विरोधी अभियान, जंगल युद्ध में विशेषज्ञ होते हैं।
  • इनके पास गुरिल्ला युद्ध, लंबे समय तक जंगल में टिकने की क्षमता होती है।
  • 2021 में सुकमा ऑपरेशन में इन्होंने 15 नक्सलियों को मार गिराया था।

कैसे बनते हैं कोबरा कमांडो?

इसके जवाब दो से सात दिनों तक चलने वाले ऑपरेशन में पूरी तरह से सक्षम होते हैं। इसके लिए आपको मेंटली और फिजिकली फिट होना चाहिए और अंदर कोबरा कमांडो बनने का जज्बा हो। आइये जानें कोबरा कमांडो बनने की शुरुआत कैसे होती है? (Cobra Commando Selection Process)

  • सबसे पहले UPSC की CAPF एग्जाम क्रैक करना होता है।
  • एग्जाम में रैंक ऐसी हो कि आपको CRPF फोर्स मिले।
  • CRPF की बेसिक ट्रेनिंग कंप्लीट करने के बाद जवान कोबरा कमांडो बनने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बेहद कठिन होती है ट्रेनिंग

CRPF के जवान को कोबरा कमांडो बनने के लिए आंतरिक टेस्ट देना होता है। अगर इस परीक्षा को पास कर लिया तो 90 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग (Cobra Commando Training) दी जाती है। हालांकि, अभी जवान कोबरा नहीं बना होता। इसके लिए जरूरी है कि वो 90 दिन में सभी बाधाओं का पार करे तब उसे उसे अगले पड़ाव के लिए भेजा जाता है। नहीं सामान्य रूप से फोर्स में सेवा देता रहता है।

  • बेसिक ट्रेनिंग के बाद 90 दिनों की ट्रेनिंग होती है।
  • यह ट्रेनिंग इतनी टफ होती है कि ज्यादातर लोग फेल हो जाते हैं।
  • बीमार होने पर भी बाहर कर दिया जाता है।
  • अंतिम सात दिनों की ट्रेनिंग बहुत ज्यादा मुश्किल होती है।
  • बहुत से जवान इन सात दिनों में ही बाहर हो जाते हैं।
  • फिजिकल ट्रेनिंग कोबरा स्कूल ऑफ जंगल वारफेयर एंड स्टैटिक्स में होती है।
  • मैप रीडिंग, जीपीएस, इंटेलिजेंस और हेलीकॉप्टर से कूदना सिखाया जाता है।
  • कोंबो फ्लाइंग यानी जमीन के रंग और पत्तियों की तरह ढलना सिखाया जाता है।

घने जंगलों में नक्सली और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए इस विशिष्ट फोर्स को खास तरह की ट्रेनिंग मिली होती है। सबसे पहले उन्हें यह सिखाया जाता है कि जंगल में कैसे सरवाइव कैसे करना है। अगर ऑपरेशन के दौरान कोई रुकावट आए तो उससे लड़ने के लिए उन्हें सक्षम बनाया जाता है। इस बटालियन को इंस्‍पेक्‍टर जनरल रैंक का ऑफिसर हेड करता है।

एनएसजी कमांडो । NSG Commando

एनएसजी कमांडो सीमा के भीतर आतंक और किसी भी बड़े खतरे का खात्मा करते हैं। काले कपड़ों में इसके जवान हर मोर्चे पर दुश्मन के काल बन जाते हैं। बम की सुई पर किसके हाथों में है। इनके आंख और कान इसकी गवाही देते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी NSG को देश में सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है। ये पलक झपकते दुश्मन की कमर तोड़ देते हैं। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सरकार ने देश और खासतौर पर कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने के लिए इसका गठन किया गया था। इन्हें VIP सुरक्षा में भी लगाया जाता है।

  • एनएसजी कमांडो मल्टी परपस खिलाड़ी है।
  • NSG के लड़कों को ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है।
  • इसका गठन 1984 में हुआ था।
  • नेशनल सिक्योरिटी गार्ड में विभिन्न बलों और सेना से जवान चुने जाते हैं।
  • ये आतंकवाद-रोधी अभियान, बंधक संकट, हाईजैकिंग के खिलाफ काम कर सकते हैं।
  • ये उच्च स्तरीय मार्शल आर्ट और शार्प शूटिंग में महारथी होते हैं।
  • 2008 मुंबई हमला के दौरान इन्होंने ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो चलाकर आतंकियों को खत्म किया था।

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की ट्रेनिंग

NSG कमांडो अपनी बहादुरी और कठिन ट्रेनिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी ट्रेनिंग (NSG Commando Training) का मकसद अधिक से अधिक योग्य जवानों का चयन करना होता है। इसके लिए कई चरणों में जवानों का चयन किया जाता है। ये अपनी-अपनी फोर्स के सर्वश्रेष्ट सैनिक होते हैं। इन्हें मानेसर एनएसजी के ट्रेनिंग सेन्टर में 90 दिन में ट्रेंड किया जाता है। हालांकि, NSG कमांडो बनने के लिए यहां के हर पड़ाव को पार करना होता है। आंकड़े बताते हैं कि 15-20 फीसदी जवान यहां से बाहर हो जाते हैं। (NSG Commando Selection Process)

  • फिजिकल ट्रेनिंग: दौड़ना, कसरत करना, मार्शल आर्ट्स जैसी एक्टिविटी
  • कई तरह के हथियार चलाना सीखना
  • लंबी दूरी तक चलना, दौड़ना और भारी वजन उठाना और खराब मौसम में भी फिजिकल एक्टिविटी
  • मेंटल ट्रेनिंग: तनावपूर्ण स्थितियों में शांत रहना
  • निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना
  • टीम वर्क करना और मानसिक रूप से मजबूत बनाना आदि
  • स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग: बम निरोधक दस्ते का प्रशिक्षण
  • हवाई हमलों से निपटने का प्रशिक्षण
  • उग्रवादियों से लड़ने का प्रशिक्षण
  • रात और जंगल की लड़ने और रहने की हर तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।

एनएसजी का गठन भारत की विभिन्न फोर्सेज से विशिष्ट जवानों को छांटकर किया जाता है। इसमें 53 फीसदी सेना के जवान होते हैं। बाकी के 47 प्रतिशत पैरामिलिट्री फोर्सेज (CRPF, ITBP, RFA और BSF) से होते हैं। इनकी अधिकतम कार्य सेवा 5 साल तक होती है। हालांकि, ये पूरे 5 साल महज 15-20 फीसदी ही रह पाते हैं। सेवा के बाद उनके मूल फोर्स में भेज दिया जाता है। मुंबई आतंकी हमला, पठानकोट एयरबेस हमला, अक्षरधाम मंदिर जैसे आतंकी हमलों में कमांडो ने खुद की जान पर खेलकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई है।

मार्कोस कमांडो । Marcos Commando

मार्कोस समंदर के शहंशाह हैं जो पानी में दुश्मन को डुबो देते हैं। समंदर के सन्नाटे में गरजती इनकी हुंकार पानी में आग लगाने के लिए काफी है। मार्कोस बता सकते हैं कि समंदर की तह में क्या लिखा है? मार्कोस या मरीन कमांडो फोर्स भारत के सबसे खतरनाक और घातक कमांडो होते हैं। यह इंडियन नेवी की स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स यूनिट है, लेकिन इनकी ट्रेनिंग इस तरह से दी जाती है कि यह आसानी से जमीनी स्तर से लेकर आसमान तक दुश्मनों का खात्मा कर सकते हैं। भारतीय नौसेना की यह स्पेशल यूनिट फरवरी 1987 में बनाई गई थी। इन्हें दुनिया के सभी आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।

  • मार्कोस कमांडो को समंदर का शहंशाह कहा जा सकता है।
  • इसका गठन साल 1987 में हुआ था।
  • ये भारतीय नौसेना का समुद्री विशेष बल है।
  • ये समुद्री में किसी हलचल और जहाजी अभियान में कुशल होते हैं।
  • पानी के नीचे और सतह के साथ मरीन युद्ध में निपुण होते हैं।
  • साल 2016 में अरब सागर में हाईजैक जहाज से 23 बंधकों को मुक्त कराया था।

कौन होते हैं मार्कोस कमांडो?

1987 में मार्कोस कमांडो की स्पेशल यूनिट (Marcos Commando Selection Process) इसलिए बनाई गई थी, क्योंकि उस वक्त आतंकवादी हमले और समुद्री लुटेरों का आतंक काफी तेजी से बढ़ने लगा था। उस पर काबू पाने और सबक सिखाने के लिए एक स्पेशल फोर्स की जरूरत थी। मार्कोस की ट्रेनिंग अमेरिकी नेवी सील्स की तरह कराई जाती है। फिलहाल, हमारे पास इसके करीब 1200 कमांडो हैं। इनका चयन बहुत ही कठिन ट्रेनिंग के बाद किया जाता है।

कैसे होती है ट्रेनिंग?

मार्कोस को भारत के सबसे खतरनाक कमांडो में गिना जाता है। इसकी ट्रेनिंग (Marcos Commando Training) भी बहुत ही खतरनाक होती है। हर किसी के लिए इसको क्वालीफाई कर पाना संभव नहीं होता है। मार्कोस के लिए चुने गए सैनिकों की ट्रेनिंग तीन साल की होता है। इसमें हजारों सैनिकों में से कुछ ही सैनिकों को ट्रेनिंग के लिए आगे भेजा जाता है। ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को 24 घंटे में से मात्र 4-5 घंटे तक ही सोने दिया जाता है। तड़के सुबह से शुरू हुई ट्रेनिंग देर शाम या रात तक भी चलती रहती है।

  • मार्कोस की ट्रेनिंग सिर्फ समुद्र के साथ अलग-अलग जगह पर प्रशिक्षित किया जाता है।
  • राजस्थान, तवांग, सोनमर्ग और मिजोरम भेजा जाता है।
  • पीठ पर 20-25 किलो का वजन रखकर उन्हें दौड़ाया जाता है।
  • भारी वजन लेकर कीचड़ के अंदर 800 मीटर की दौड़ होती है।
  • सैनिकों को 8-10 हजार मीटर की ऊंचाई से पैराशूट से कूदना होता है।
  • सैनिकों को आगे की ट्रेनिंग अमेरिका में नेवी सील के साथ ट्रेनिंग दी जाती है।

मार्कोस 1987 से अब तक कई ऑपरेशन में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। पहली बार मार्कोस की तैनाती 1990 के दशक में वुलर झील में की गई थी। साल 1987 में हुए पवन ऑपरेशन, साल 1988 में कैक्टस ऑपरेशन , 1991 में ताशा ऑपरेशन, साल 1992 में जबरदस्त ऑपरेशन ,1999 में कारगिल वार , 2008 में  ब्लैक टॉरनेडो ऑपरेशन और 2015 में हुए राहत ऑपरेशन में इनका प्रदर्शन देखने लायक है।

ये भी पढ़ें: आतंक के जवाब में भारत का शौर्य, पाकिस्तान की खोखली हेकड़ी; जानें तीनों मोर्चों में कौन कहां?

भारत की रक्षा व्यवस्था में विशेष बलों की भूमिका किसी मजबूत किले की तरह है। हमारी अदृश्य पराक्रम के प्रहरी ये सभी विशेष बल भारत की सुरक्षा-व्यवस्था की रीढ़ हैं। मौका और माहौल कैसा भी हो आसमान, जमीन, जंगल, शहर, से लेकर समुद्र तक हमारे ये वीर सतर्क हैं। पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के समय इनका महत्व और खास हो जाता है। पांच पांडवों की तरह काम करने वाले गरुड़, पैरा, कोबरा, एनएसजी व मार्कोस कमांडो मात्र सैनिक नहीं है। ये अपराजेय संकल्प की मूर्ति हैं। क्योंकि, इनकी शपथ ही है जहां नजर न पहुंचे, वहां भी तिरंगा सुरक्षित रहे। इनका शौर्य देश की सुरक्षा की नींव को और मजबूत करता है।

Tags: Cobra CommandoGarud CommandoIndiaIndia Special CommandoIndia Special Forcesmarcos commandoNSG CommandoPara CommandoSpecial Forces
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बाबा वेंगा की भविष्यवाणी फिर चर्चा में: 2025 में ‘विश्व युद्ध’ और यूरोप पर इस्लामी शासन का दावा

अगली पोस्ट

भारत के वार से बचने के लिए अमेरिका की शरण में पाकिस्तान, नई रिपोर्ट से मची हलचल

संबंधित पोस्ट

भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम
भारत

भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

6 September 2025

भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने हाल ही में कहा कि “भविष्य के युद्ध केवल सेना नहीं, बल्कि पूरी राष्ट्र-शक्ति के सम्मिलित प्रयास...

टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में
AMERIKA

टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

6 September 2025

इसी महीने न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना अब न के...

भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें
AMERIKA

भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

6 September 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हालिया बयान - “अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है” - इस समय के बदलते...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55

IAF’s Arabian Sea Drill: Is it A Routine exercise or Future Warfare Preparation?

00:05:26

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16

The Truth Behind Infiltration, Political Appeasement, and the Battle for Identity.

00:06:28
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited