मणिपुर में केंद्र के तमाम कोशिश के बाद शांति लौटते ही एक बार फिर से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विधायक एक नई सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस पर कोई रुख साफ नहीं किया है पर माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाया जा सकता है। इसी के साथ सरकार के नए मुखिया के नाम को लेकर भी कयास और चर्चाएं होने लगी हैं।
बता दें मणिपुर में 2022 के चुनावों के बाद एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने थे। उनकी सरकार में ही दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद केंद्र की सहायता से प्रदेश में शांति बहाल की गई। 13 फरवरी 2025 को एन बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
क्यों शुरू हुई चर्चा?
मणिपुर बीजेपी नेता थोकचोम राधेश्याम सिंह ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात करने पहुंचे थे। उन्होंने दावा किया कि 44 विधायकों के समर्थन के साथ वो सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। मुलाकात के वक्त उनके साथ 9 अन्य विधायक भी मौजूद थे। राधेश्याम सिंह ने कहा कि यह जनता की इच्छा है। हमने राज्यपाल को अवगत कराया है कि 44 विधायक सरकार बनाने के लिए एक मत हैं।
तीन नामों की हो रही चर्चा
मणिपुर में नए मुख्यमंत्री के लिए अभी तीन चेहरे आगे चल रहे हैं। इसमें गोविंददास कैथोजम, थोकचोम राधेश्याम, सत्यब्रत सिंह की चर्चा हो रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री संघ-बीरेन सिंह की पसंत से मैतेई हिंदू समुदाय से होगा।
क्या है विधानसभा का गणित?
वर्तमान में 60 सदस्यीय विधानसभा में 59 विधायक मौजूद हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में 32 मैतेई विधायक, तीन मणिपुरी मुस्लिम विधायक और नौ नागा विधायक हैं। कुल मिलाकर 44 विधायक हैं। वहीं विपक्षी कांग्रेस के पास पांच विधायक हैं। ये सभी मैतेई हैं। इसके अलावा बचे हुए 10 विधायक कुकी समुदाय से आते हैं। इसमें से 7 ने पिछला चुनाव भाजपा की टिकट पर जीता था। दो कुकी पीपुल्स अलायंस के हैं और एक निर्दलीय है।