नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बार फिर सियासी सरगर्मी तेज़ होने जा रही है, क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने इस केस में 2 जुलाई से 8 जुलाई तक रोज़ाना सुनवाई का फैसला लिया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी को कथित रूप से शामिल बताया है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने शिकायत की प्रति बीजेपी नेता और इस मामले के शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को सौंपने की अनुमति दी। वहीं, जब आरोपित पक्ष ने दस्तावेज़ों की बड़ी मात्रा को देखते हुए सुनवाई टालने की मांग की, तो ईडी ने इसका सख्त विरोध किया। अदालत के इस कदम के बाद यह मामला एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर सुर्खियों में है।
नेशनल हेराल्ड केस में बताई गई तीनों संस्थाओं की संलिप्तता
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शुरुआती दलीलें सुनीं और कहा, “उपरोक्त दलीलों के बीच मध्यस्थता करते हुए, अदालत इसे उपयुक्त मानती है कि आज ईडी द्वारा प्रारंभिक प्रस्तुतियाँ दी जाएं। माननीय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने ईडी की ओर से प्रारंभिक दलीलें रखी हैं। अब यह मामला 2 जुलाई से 8 जुलाई तक प्रतिदिन की आधार पर ईडी की शेष दलीलों और संभावित आरोपियों की ओर से प्रस्तुतियों के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।”
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने ईडी की ओर से अपना पक्ष रखा, जबकि वकील ज़ोहेब हुसैन ने भी ईडी का प्रतिनिधित्व करते हुए अदालत को बताया कि यह मामला कथित आपराधिक साज़िश से जुड़ा है जिसमें तीन संस्थाओं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), यंग इंडियन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की संलिप्तता बताई गई है।
हुसैन ने तारीखों की पूरी श्रृंखला अदालत के सामने रखी और बताया कि वर्ष 2010 में AJL के पास 1057 इक्विटी शेयरधारक थे। इसके बाद एक असाधारण आम बैठक (extraordinary general meeting) आयोजित की गई, जिसमें यंग इंडियन के पक्ष में अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया। इसके बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के शेयरधारक बने।
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से पूछा, “मुख्य आरोप यह है कि स्वामित्व अप्रत्यक्ष रूप से पहले दो आरोपियों को स्थानांतरित कर दिया गया, तो वर्तमान में संपत्तियों का मालिक कौन है यंग इंडियन या एजेएल? सरल शब्दों में कहें तो यदि ‘ए’ की संपत्ति ‘बी’ द्वारा हड़प ली जाती है, तो क्या वह ‘बी’ के हाथों में अपराध की आय (proceeds of crime) बन जाती है?”
इस पर ज़ोहेब हुसैन ने जवाब दिया कि वह अदालत के इन सवालों के उत्तर के साथ अगली सुनवाई में वापस आएंगे। उन्होंने जोड़ा, “जब भी धोखाधड़ी होती है, तो अदालत यह जांचती है कि असली लाभार्थी मालिक कौन है, और यही जांच करने की शक्ति PMLA कानून अदालत को देता है।”
नया शिकायत पत्र
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 44 और 45 के तहत एक नया अभियोजन शिकायत पत्र (prosecution complaint) दाखिल किया है। यह शिकायत धारा 3 के तहत परिभाषित अपराध और धारा 70 के साथ पढ़ी गई धारा 4 के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग अपराध से संबंधित है।
इस पूरे विवाद का केंद्र वर्ष 2010 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण से जुड़ा है, जो कभी ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार प्रकाशित करता था। उसी वर्ष एक नई कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) का गठन किया गया, जिसने इंडियन नेशनल कांग्रेस से AJL का ₹50 लाख का कर्ज खरीद लिया। इसके बाद YIL ने AJL की संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया, जिनकी अनुमानित मूल्य ₹2000 करोड़ से अधिक थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन में बहुलांश हिस्सेदारी रखते थे, जिसके कारण यह आरोप लगा कि पार्टी फंड का दुरुपयोग कर AJL की बहुमूल्य संपत्तियों पर निजी नियंत्रण हासिल किया गया।
ED की जांच वर्ष 2014 में शुरू हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी, AJL और YIL के बीच हुए वित्तीय लेन-देन को खंगाला गया। एजेंसी का आरोप है कि गांधी परिवार समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने मिलकर एक योजनाबद्ध तरीके से AJL की संपत्तियों का दुरुपयोग निजी लाभ के लिए किया। हाल ही में ED ने AJL से जुड़ी लगभग ₹661 करोड़ मूल्य की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो PMLA कानून के अंतर्गत आती है।