भारत द्वारा 22 अप्रैल को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ दुश्मनों को करारा जवाब दिया बल्कि देश की सैन्य शक्ति और रणनीतिक सोच का लोहा पूरे विश्व ने माना। इस ऑपरेशन के ज़रिए भारत ने यह संदेश दिया कि वह अब किसी भी आतंकी चुनौती का जवाब देने में संकोच नहीं करेगा, चाहे वह दुश्मन सीमा पार ही क्यों न हो। यह सैन्य अभियान भारत की बढ़ती सामरिक क्षमताओं और वैश्विक मंच पर उसकी मजबूत होती छवि का प्रतीक बन गया। साथ ही, इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को भी मज़बूती मिली है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद देशभर में चर्चा का विषय बना कि क्या इस ऑपरेशन से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बल मिला है? इसी सवाल को लेकर ‘आईएएनएस मैटराइज’ ने एक विस्तृत सर्वेक्षण किया जिसमें 7,463 लोगों की राय ली गई। इसमें 4,702 पुरुष और 2,761 महिलाएं शामिल थीं। सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वजह से भारत की वैश्विक छवि और मजबूत हुई है?
इस पर 73 प्रतिशत लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि हां, इस ऑपरेशन ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और मज़बूती दी है। वहीं, 16 प्रतिशत ने कहा कि इसका असर कुछ हद तक सकारात्मक रहा है, जबकि 9 प्रतिशत लोगों को लगा कि इससे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा। वहीं, 2 प्रतिशत लोग इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट नहीं कर सके।
इस सर्वे से यह भी साफ हुआ कि इस कार्रवाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक छवि को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। 69 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी एक और भी मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में उभरे हैं। वहीं, 26 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनकी छवि में कोई विशेष बदलाव नहीं आया, जबकि 5 प्रतिशत लोग इस पर राय नहीं दे सके।
पीएम मोदी की लोकप्रियता पर इस ऑपरेशन का असर भी सर्वे में उजागर हुआ। 74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस ऑपरेशन के बाद मोदी की लोकप्रियता और बढ़ी है। 11 प्रतिशत लोगों ने माना कि इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि उनकी लोकप्रियता में कमी आई है। 5 प्रतिशत लोग इस पर कोई राय नहीं दे सके।
सर्वे में एक और बेहद अहम सवाल था- क्या भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान के ‘न्यूक्लियर कवच’ को भेदने में सफलता पाई है? यानी क्या भारत अब उस डर से मुक्त हो गया है, जो परमाणु ताकत के नाम पर पाकिस्तान समय-समय पर दिखाता रहा है?
इस सवाल का जवाब 78 प्रतिशत लोगों ने ‘हां’ में दिया। उनका मानना था कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु भय को दरकिनार कर निर्णायक कार्रवाई कर यह साबित कर दिया है कि वह अब दबाव में नहीं आएगा। 18 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भारत ने इस दिशा में आंशिक सफलता पाई है, जबकि 4 प्रतिशत का मानना था कि भारत इस लक्ष्य को अभी पूरी तरह हासिल नहीं कर सका है।
कुल मिलाकर, ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि भारत की आत्मविश्वास से भरी विदेश और सुरक्षा नीति का प्रदर्शन था। सर्वे के मुताबिक भी इससे भारत की छवि एक सशक्त राष्ट्र के रूप में और भी पुख्ता हुई है और प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली को जनता ने फिर से एक बार निर्णायक और प्रभावशाली करार दिया है। इस ऑपरेशन ने यह जता दिया है कि भारत अब न केवल अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है बल्कि वैश्विक राजनीति में भी अपनी जगह मजबूती से बना रहा है।