Operation Sindoor: 8 मई को विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आगे की जानकारी दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को जानकारी दी है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने खुलासा किया कि 7 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के कई स्थानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की गई है। इन्हें भारतीय बलों ने विफल कर दिया। इन हमलों का मलबा कई जगहों से बरामद हुआ। आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कुछ सवाल भी लिए और उसने जवाब दिए। मिसरी ने बताया कि भारत ने किस तरह से ऑपरेशन किया। उन्होंने इसके पीछे के कारण बताते हुए पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है।
मुनीर के बयान से है कनेक्शन
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि शायद 16 अप्रैल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख के भाषण और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बीच धार्मिक भेदभाव को लेकर कोई संबंध है। भारत में इन नापाक इरादों को अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत में सभी धर्मों के लोगों ने आतंकी हमले की निंदा की है।
विक्रम मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल का हमला ही वास्तविक तनाव बढ़ाने वाली घटना थी। इसके बाद ही सब शुरू हुआ है। इन तमान चीजों का जवाब भारतीय फौज ने दे दिया है। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। ये लश्कर का ग्रुप है। इसे लेकर भारत ने पहले ही यूएन को भी इसकी जानकारी दी थी। हम दोबारा मीटिंग करेंगे और अपडेट देंगे। दिलचस्प बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति ने जब कॉन्फ्रेंस की बात चल रही थी, तब पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम लिए जाने का विरोध किया।
खोल दी पाकिस्तान की पोल
पाकिस्तान अपनी संलिप्तता से इनकार कर रहा है और उसके मंत्री दावा कर रहे हैं कि उनके देश में कोई आतंकी नहीं हैं। हालांकि, वैश्विक एजेंसियां और सरकारें पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र मानती हैं। कई अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका सामने आई है। भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए भी वे जिम्मेदार हैं। ओसामा बिन लादेन को वहां शहीद का दर्जा दिया गया। साजिद मीर की मौत की खबरें आईं, लेकिन बाद में उसे जिंदा बताया गया। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने भी आतंकी संगठनों से संबंध स्वीकार किए हैं।
मिसरी ने कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए संयुक्त जांच दल बनाया गया था। पाकिस्तानी टीम को हमले की जगह का दौरा करने और डीएनए, अन्य सबूतों के साथ जैश-ए-मोहम्मद के नेताओं के पते की जानकारी दी गई थी। लेकिन जांच से कोई नतीजा नहीं निकला। मिसरी ने कहा कि ऐसे संयुक्त जांचों पर अब भरोसा नहीं रहा, क्योंकि पाकिस्तान ने सबूतों का दुरुपयोग आतंकियों को बचाने और घटना को दबाने के लिए किया।
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उन्होंने पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी ढांचे निशाने पर थे, न कि नागरिक। फिर भी, पाकिस्तान में आतंकियों का अंतिम संस्कार हुआ और लश्कर-ए-तैयबा कमांडर हाफिज रउफ की तस्वीरें अधिकारियों के साथ सामने आईं। आतंकियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया, जो उनके दावों की पोल खोलता है।
मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा कि पीओके में डैम को निशाना बनाया गया, पूरी तरह प्रोपेगैंडा है। भारत ने केवल आतंकी ढांचों को टारगेट किया। यह दावा भारत के बुनियादी ढांचे पर हमले का बहाना बनाने की साजिश है। अगर ऐसा हुआ, तो भारत इसका करारा जवाब देगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 65 वर्षों से सिंधु जल समझौते का पालन कर रहा है, भले ही पाकिस्तान ने कई बार युद्ध छेड़ा। पिछले दो वर्षों से भारत ने पाकिस्तान को नोटिस भेजकर समझौते में संशोधन की बात उठाई, लेकिन पाकिस्तान ने इसे नजरअंदाज किया। आतंकी हमलों और तकनीकी-जनसांख्यिकीय बदलावों के कारण यह समझौता अब व्यवहारिक नहीं रहा। इसलिए, भारत ने इसे रद्द करने का फैसला लिया।
मिसरी ने मीडिया से अनुरोध किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सवाल न पूछें, क्योंकि रक्षा मंत्रालय जरूरी जानकारी देगा। दोनों देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बातचीत की जानकारी उनके पास नहीं है।
पाकिस्तान के दावे कि उसने भारतीय फाइटर जेट्स गिराए, पर मिसरी ने कहा कि सही समय पर आधिकारिक जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का झूठ 1947 से शुरू हुआ, जब उसने कश्मीर पर हमले को कबायलियों का काम बताया, जबकि वहां उसकी सेना मौजूद थी। यह झूठ की यात्रा 75 वर्षों से जारी है।
कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दी जानकारी
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित बताया था। हमने कोशिश की थी की सैन्य ठिकाने को निशाना न बनाया जाए। हमने ये भी बताया था कि अगर भारत के सैन्य ठिकाने पर हमला होता है तो जवाब दिया जाएगा। 7 से 8 मई को पाकिस्तान ने पश्चिमी और उत्तरी भारत के सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, चंदीगड़, फलौदीस, उत्तरलाई नाल, भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश हुई। इसमें इंटीग्रेटिड काउंटर और वायु रक्षा प्रणालियों से नाकाम कर दिया गया। कई जगहों से मिला मलवा इसका प्रमाण है।
8 मई के एक्शन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आज सुबह भारतीय बलों ने पाकिस्तान के कई स्थानों पर रडार और वायु रक्षा प्रणाली को निशाना बनाया। भारत की प्रतिक्रिया समान क्षेत्र में समान तीव्रता के साथ की गई। लाहौर के एक वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान ने एलओसी पर आक्रमण की तीव्रता बढ़ा दी है। कूकवाडा, राजौरी, उरी, पुंछ में भारी तोपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें 16 लोगों की जान चली गई है। जिसमें 3 महिलाएं 5 बच्चे शामिल हैं।
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