जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने बीती रात लगातार 9वें दिन LoC पर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है जिसके भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। वहीं, भारत ने इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर कई कड़े कदम उठाए हैं जिनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द करना भी शामिल है। इस समझौते के निलंबित होने के बाद से पाकिस्तान का प्यासा मरना तय है इसलिए अब उसके मंत्री खोखली धमकियों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर हमला करने की गीदड़ भभकी दी है।
ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को जियो न्यूज के कार्यक्रम में बातचीत के दौरान भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि यदि भारत सिंधु नदी पर कोई भी ढांचा बनाने का प्रयास करता है, तो पाकिस्तान उसे नष्ट कर देगा। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर कोई भी निर्माण भारत की आक्रामकता के रूप में देखा जाएगा। आसिफ ने कहा, “आक्रामकता केवल तोप या गोली चलाने तक सीमित नहीं है, इसके कई रूप होते हैं। उनमें से एक है (पानी को रोकना या मोड़ना), जिससे भूख और प्यास से मौतें हो सकती हैं।” पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ने इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आगे ले जाने की बात भी कही है।
गौरतलब है कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। पाकिस्तान ने इसे बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता बताते हुए कहा था, “यह 24 करोड़ लोगों के लिए एक जीवन रेखा है और इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा।” 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस समझौते को दुनिया के सबसे सफल जल समझौता माना जाता रहा है। इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलुज) का नियंत्रण दिया गया, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिक अधिकार मिला था।