TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    उत्तराखंड में भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोबारा मौका दिए जाने की चर्चा जोरों पर है (FILE PHOTO)

    उत्तराखंड-पश्चिम बंगाल में BJP नहीं बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, रवींद्र चव्हाण हो सकते हैं महाराष्ट्र के BJP चीफ

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    इन 10 राज्यों और UT में अगले एक हफ्ते में BJP को मिल जाएंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित, कल से नामांकन शुरू

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    उत्तराखंड में भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोबारा मौका दिए जाने की चर्चा जोरों पर है (FILE PHOTO)

    उत्तराखंड-पश्चिम बंगाल में BJP नहीं बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष, रवींद्र चव्हाण हो सकते हैं महाराष्ट्र के BJP चीफ

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पोखरण-I के 51 साल: जब भारत ने दुनिया को दिखाया अपना परमाणु आत्मबल

ऑपरेशन 'स्माइलिंग बुद्धा' की कहानी

himanshumishra द्वारा himanshumishra
18 May 2025
in चर्चित
पोखरण-I के 51 साल

पोखरण-I के 51 साल

Share on FacebookShare on X

आज ही के दिन, 1974 में भारत ने राजस्थान के पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण कर वैश्विक शक्ति संतुलन को चुनौती दी थी। ‘स्माइलिंग बुद्धा’ ऑपरेशन के तहत किए गए इस ऐतिहासिक परीक्षण ने भारत को उन देशों की कतार में ला खड़ा किया, जो स्वयं की रणनीतिक संप्रभुता और सुरक्षा के लिए परमाणु क्षमता हासिल कर चुके थे।

यह परीक्षण पूरी दुनिया की निगाहों से छिपाकर अंजाम दिया गया था, क्योंकि उस दौर में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जैसे शक्तिशाली राष्ट्र जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य (P-5) के रूप में परमाणु ताकत हासिल थी अन्य देशों को इस तकनीक तक पहुंचने से रोकना चाहते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस परीक्षण को “शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट” बताया, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे आक्रामक शक्ति प्रदर्शन के रूप में नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और आत्मरक्षा के अधिकार के रूप में देखा जाए।

संबंधितपोस्ट

ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

और लोड करें

लेकिन असल सवाल यह है क्यों था P-5 देशों को भारत के परमाणु कार्यक्रम से डर? भारत ने इस परीक्षण के जरिए दुनिया को क्या संदेश दिया? और क्या यह सिर्फ एक परीक्षण था, या एक राजनीतिक और भू-सुरक्षा संकल्प? आइए, इस ऐतिहासिक निर्णय की पृष्ठभूमि, वैश्विक दबावों और भारत के आत्मनिर्भर सुरक्षा दृष्टिकोण को समझते हैं।

भारत के परमाणु परीक्षण की पृष्ठभूमि क्या थी?

1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के साथ ही जब लाखों लोग मारे गए और अभूतपूर्व तबाही हुई, तब दुनिया ने शक्ति संतुलन और वैश्विक गठबंधनों का एक नया दौर देखा। अमेरिका और सोवियत संघ (यूएसएसआर) ने वैचारिक और आर्थिक वर्चस्व की होड़ में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में परोक्ष युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) शुरू कर दिए, जिसे आगे चलकर शीत युद्ध (Cold War) के नाम से जाना गया।

युद्ध के अंतिम चरण में, अगस्त 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने के बाद पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों के उपयोग से होने वाली तबाही का भय गहराने लगा। इसके चार वर्ष बाद, 1949 में जब सोवियत संघ ने भी अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह एहसास हुआ कि परमाणु विनाश को रोकने के लिए ठोस नियमों की आवश्यकता है।

इसी दिशा में एक कदम था 1968 में हस्ताक्षरित परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty – NPT)। इस संधि के तहत केवल उन्हीं देशों को “परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र” माना गया, जिन्होंने 1 जनवरी 1967 से पहले परमाणु हथियार विकसित और परीक्षण किए थे, यानी अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जिन्हें आज हम P-5 कहते हैं।

इस संधि के तीन मुख्य स्तंभ थे:
पहला, परमाणु हथियार संपन्न देश किसी अन्य देश को न तो परमाणु हथियार देंगे, न ही इसकी तकनीक स्थानांतरित करेंगे।
दूसरा, गैर-परमाणु देशों ने यह स्वीकार किया कि वे न तो परमाणु हथियार प्राप्त करेंगे, न उसका विकास करेंगे और न ही उसे किसी भी रूप में हासिल करने की कोशिश करेंगे।
तीसरा, सभी सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा निर्धारित अप्रसार उपायों के अंतर्गत कार्य करेंगे, और वैश्विक स्तर पर हथियारों की दौड़ को रोकने और इस तकनीक के प्रसार पर नियंत्रण के लिए सहयोग करेंगे।

हालांकि, यह संधि अपने भीतर गहरी असमानता और पक्षपात को समेटे हुए थी क्योंकि यह कुछ गिने-चुने देशों को ही परमाणु शक्ति का अधिकार देती थी और बाकी राष्ट्रों को उससे वंचित रखती थी। यही वह ऐतिहासिक, कूटनीतिक और रणनीतिक पृष्ठभूमि थी, जिसने भारत को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए स्वतंत्र परमाणु नीति अपनाने की ओर प्रेरित किया।

 

भारत ने परमाणु परीक्षण करने का निर्णय क्यों लिया?

भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) को एकतरफा और भेदभावपूर्ण करार देते हुए इसे खारिज कर दिया। भारत का स्पष्ट मानना था कि यह संधि केवल P-5 देशों को परमाणु शक्ति बनाए रखने की अनुमति देती है, जबकि अन्य देशों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे परमाणु हथियारों के विकास से दूर रहें। विदेश नीति विशेषज्ञ सुमित गांगुली के शब्दों में, “भारत सरकार ने इस संधि की शर्तों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि यह भारत की आपत्तियों को संबोधित करने में पूरी तरह असफल रही,” खासतौर पर इस कारण से कि गैर-परमाणु देशों पर हथियार न बनाने की बाध्यता थी, लेकिन परमाणु हथियार संपन्न देशों पर कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं थी कि वे अपने हथियारों को खत्म करेंगे या विकास रोकेंगे।

भारत के भीतर भी परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान की नींव पहले ही रखी जा चुकी थी। वैज्ञानिक होमी जे. भाभा और विक्रम साराभाई ने देश में वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता के आधार पर परमाणु शक्ति की दिशा में मजबूत नींव तैयार की थी। 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की स्थापना की गई और भाभा इसके पहले निदेशक बने। परमाणु ऊर्जा के शुरुआती समर्थक होमी भाभा ने लिखा था, “जब परमाणु ऊर्जा को अगले कुछ दशकों में विद्युत उत्पादन के लिए सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा, तो भारत को विशेषज्ञों के लिए विदेश नहीं देखना पड़ेगा, वे यहीं मौजूद होंगे।” हालांकि उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू परमाणु हथियारों और सैन्य आधुनिकीकरण को लेकर संकोच में रहते थे।

लेकिन 1960 के दशक में परिस्थितियां तेजी से बदलीं। नेहरू की मृत्यु, मोरारजी देसाई का उत्तराधिकार, और भारत-चीन युद्ध (1962) में हुई हार ने भारत की रणनीतिक सोच को झकझोर दिया। इसके बाद 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ दो युद्ध हुए, जिनमें भारत विजयी रहा इसने भारत की सैन्य और परमाणु नीति को नया मार्ग देने का काम किया। इस दौरान चीन ने भी 1964 में अपना परमाणु परीक्षण किया, जिसने भारत के लिए खतरे की नई परिभाषा खड़ी कर दी। इन सभी घटनाओं ने भारत को यह एहसास दिलाया कि अगर उसे अपनी संप्रभुता की रक्षा करनी है, तो वह दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकता। भारत को आत्मनिर्भर परमाणु शक्ति बनना ही होगा न सिर्फ ऊर्जा के लिए, बल्कि अपने रणनीतिक अस्तित्व की रक्षा के लिए भी।

पोखरण-I परीक्षण का नाम क्यों पड़ा स्माइलिंग बुद्धा

जहाँ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू परमाणु परीक्षणों को लेकर संकोच में थे, वहीं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रुख कहीं अधिक स्पष्ट और दृढ़ था। उन्होंने परमाणु शक्ति को एक रणनीतिक आवश्यकता के रूप में देखा, न कि केवल वैज्ञानिक उपलब्धि के तौर पर। लेकिन चूंकि उस समय P-5 देशों द्वारा बनाई गई संधियाँ और दबाव पूरी दुनिया पर हावी थे, भारत ने तय किया कि यह परीक्षण पूरी तरह गोपनीय तरीके से किया जाएगा — बिना किसी अंतरराष्ट्रीय पूर्व सूचना के। 18 मई 1974 को राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में स्थित पोखरण सेना परीक्षण क्षेत्र में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जिसकी शक्ति लगभग 12-13 किलोटन TNT के बराबर थी। इस मिशन में करीब 75 वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की टीम शामिल थी, जिन्होंने कई महीनों तक गुप्त तैयारी के बाद इसे अंजाम दिया।

इस मिशन को “स्माइलिंग बुद्धा” नाम दिया गया, क्योंकि यह परीक्षण गौतम बुद्ध की जयंती के दिन किया गया था — एक शांतिपूर्ण प्रतीक के दिन भारत ने अपनी रणनीतिक संप्रभुता की घोषणा की। पोखरण-I न केवल एक तकनीकी सफलता थी, बल्कि यह भारत का विश्व मंच पर आत्मनिर्भरता और सुरक्षा नीति का ऐलान भी था एक ऐसा फैसला, जिसने आने वाले दशकों की भू-राजनीतिक दिशा को बदल दिया।

पोखरण परमाणु परिक्षण के बाद क्या हुआ

भारत ने पोखरण परीक्षण के माध्यम से दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि यदि कोई चरम परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो वह अपनी सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करने में सक्षम है। लेकिन यह भी उल्लेखनीय है कि 1974 में किए गए इस परीक्षण के बावजूद भारत ने तत्क्षण परमाणु हथियारों का निर्माण या तैनाती नहीं की। यह अगला कदम भारत ने 1998 के पोखरण-II परीक्षण के समय उठाया। हालांकि, इस परीक्षण के तुरंत बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ा। वर्ष 1978 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने “न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन एक्ट” पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका ने भारत को परमाणु सहायता देना बंद कर दिया।

अमेरिका का नजरिया भारत के प्रति लंबे समय तक सख्त बना रहा और इसमें बदलाव 18 जुलाई 2005 को देखने को मिला, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वाशिंगटन में पहली बार भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की मंशा सार्वजनिक की। इसी दौरान अमेरिका ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी पहल की कि परमाणु उपकरण और विखंडनीय सामग्री का प्रसार नियंत्रित किया जाए। इसी सोच से 48 देशों का “न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप” (NSG) बना, जिसने परमाणु सामग्री के निर्यात के लिए साझा नियम लागू किए। इस समूह में नया सदस्य केवल सर्वसम्मति से ही शामिल हो सकता है, जिससे भारत की राह चुनौतीपूर्ण बन गई।

भारत 2008 से लगातार NSG में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसे वैश्विक परमाणु व्यापार के “हाई टेबल” में स्थान मिल सके, जहां परमाणु उपकरणों की बिक्री, नियमन और सहयोग पर निर्णय लिए जाते हैं। प्रारंभ में जिन देशों ने विरोध किया था, जैसे ऑस्ट्रेलिया, उन्होंने बाद में अपना रुख बदला। मैक्सिको और स्विट्ज़रलैंड जैसे राष्ट्र भी अब भारत के पक्ष में समर्थन जाहिर कर चुके हैं। भारत ने चीन को छोड़कर लगभग सभी विरोधी देशों को धीरे-धीरे सहमत कर लिया है, लेकिन चीन आज भी एकमात्र ऐसा देश है जो भारत की सदस्यता का विरोध करता रहा है।

यही कारण था कि भारत ने 1974 के बाद तुरंत अगला परीक्षण नहीं किया, और पूरी रणनीतिक समझदारी और अंतरराष्ट्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही 1998 में पोखरण-II परीक्षण को अंजाम दिया। उस समय भी वैश्विक प्रतिक्रियाएं नकारात्मक थीं, लेकिन वर्षों में भारत ने स्वयं को एक “जिम्मेदार परमाणु शक्ति” के रूप में स्थापित किया है, जो केवल सुरक्षा और संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से परमाणु हथियार रखता है। भारत की यही संयमित, रणनीतिक और राष्ट्रहित-प्रधान नीति है, जिसने उसे आज NSG जैसे मंचों पर वैध दावेदार बना दिया है और वैश्विक समुदाय में एक परिपक्व परमाणु राष्ट्र के रूप में मान्यता दिलाई है।

स्रोत: पोखरण-I के 51 साल, पोखरण, इंदिरा गाँधी, स्माइलिंग बुद्धा, अमेरिका, 51 Years of Pokhran-I, Pokhran, Indira Gandhi, Smiling Buddha, USA
Tags: 51 Years of Pokhran-IIndira GandhiPokhranSmiling BuddhaUSAअमेरिकाइंदिरा गाँधीपोखरणपोखरण-I के 51 सालस्माइलिंग बुद्धा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, यूट्यूबर समेत 6 गिरफ्तार; देखें भारत के गद्दारों की कुंडली

अगली पोस्ट

जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

संबंधित पोस्ट

हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी
अर्थव्यवस्था

हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

27 June 2025

हरियाणा सरकार ने राज्य के करीब 1.18 लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है।...

मंदिर से बाहर आते भगवान जगन्नाथ
चर्चित

भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा हुई शुरू, 1.5 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान

27 June 2025

श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत पुरी में एक बार फिर जगन्नाथ रथ यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई है। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र...

राजा रघुवंशी
क्राइम

राजा रघुवंशी हत्याकांड में दो आरोपियों ने बदले बयान, कोर्ट में रहे खामोश

27 June 2025

मेघालय हनीमून मर्डर केस में एक नाटकीय मोड़ आया है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस मामले में सोनम रघुवंशी द्वारा अपने...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

00:22:51

1975 emergency: India's 21 month dictatorship.

00:10:29

poverty crushed! Modi delivers india's biggest upliftment ever.

00:06:19

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited