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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात स्थित भुज एयर फोर्स स्टेशन का दौरा किया और वहां वायुसेना के जवानों से मुलाकात की है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर वायु योद्धाओं को बधाई देते हुए उनकी वीरता की सराहना की। इस अभियान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के अड्डों को पाकिस्तानी धरती पर नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय वायुसेना को केवल 23 मिनट ही लगे। उन्होंने कहा, “जितनी देर में आम लोग नाश्ता करते हैं, उतने समय में आपने दुश्मन को समाप्त कर दिया।” साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है।
सिंह ने वहां मौजूद सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “एक और बात मैं यहां साफ कहना चाहूंगा। ‘Operation Sindoor’ अभी खत्म नहीं हुआ है। जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ एक ट्रेलर मात्र था। जब सही समय आएगा, तो हम पूरी पिक्चर भी दिखाएंगे।” उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में सचमुच आप लोगों ने करिश्माई काम किया है, भारत का मस्तक आपने सारी दुनिया में ऊंचा किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो हमारे सैनिक अथवा हमारे नागरिक शहीद हुए हैं, मैं सबको नमन करता हूं और जो हमारे बहादुर जवान घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मैं ईश्वर से कामना करता हूं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयर बेस पर कहा, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर का नाम प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो कुछ भी आपने किया, उस पर सभी भारतीयों को गर्व है। पाकिस्तानी धरती पर आतंक के अजगर को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए 23 मिनट काफी थे। वह आपने करके दिखाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों को निपटा दिया। आपने दुश्मन की धरती पर मिसाइलें गिराईं, उन मिसाइलों की गूंज सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी, पूरी दुनिया ने सुनी। वास्तव में वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की ही नहीं थी, वह गूंज थी आपके शौर्य और सेना के जवानों के पराक्रम की।
उन्होंने कहा, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और वहां की सरकार का चोली-दामन का संबंध है। इस परिस्थिति में यदि वहां परमाणु अस्त्र और अटॉमिक वेपन रहते हैं, तो इस बात की संभावना को भविष्य में कभी नकारा नहीं जा सकता है कि वह आतंकवादी तत्वों के हाथों में चले जाएं। यह सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए और पाकिस्तान की आम जनता के लिए भी एक गंभीर खतरे की बात होगी। सारे विश्व और खासकर पाकिस्तान की आवाम को यह समझना होगा कि वह कितने बड़े खतरे के मुकाम पर बैठे हैं। इस हालात के लिए पाकिस्तान की फौज को यह संदेश देना चाहूंगा, ‘कागज का है लिबाज, चिरागों का शहर है, चलना संभल-संभल कर क्योंकि तुम नशे में हो’।”




























