जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। CBI ने गुरुवार (22 मई) को भ्रष्टाचार के मामले में सत्यपाल मलिक और 6 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह मामला 2,200 करोड़ रुपये के किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (Kiru HEP) में भारी भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। यह ठेका सिविल वर्क्स से जुड़ा था, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर गड़बड़ी की गई। जांच एजेंसी ने अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार की सिफारिश पर केस दर्ज किया था।
सत्यपाल मलिक, जो अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक राज्यपाल थे, खुद यह दावा कर चुके हैं कि उन्हें इस प्रोजेक्ट की फाइल मंजूर करने के बदले 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी। CBI की चार्जशीट में चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के कुछ पूर्व अधिकारी और पैटल इंजीनियरिंग लिमिटेड भी नामजद हैं।
इस बीच CBI की चार्जशीट फाइल होने की खबर सामने आने के बाद सत्यपाल मलिका का एक ट्वीट सामने आया है जिसमें वह अस्पताल में भर्ती दिख रहे हैं। इस ट्वीट में कह गया है, “नमस्कार साथियों। मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में भर्ती हूं ओर किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं।”
क्या है किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट?
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 624 मेगावाट क्षमता वाला किरु हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। यह एक बड़ी और महत्वाकांक्षी ‘रन-ऑफ-रिवर’ परियोजना है, जिसे चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) विकसित कर रहा है। यह एक संयुक्त प्रोजेक्ट है जिसमें केंद्र सरकार की कंपनी NHPC (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) की हिस्सेदारी 51% है, जबकि जम्मू-कश्मीर सरकार की JKSPDC (जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के पास 49% हिस्सेदारी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 4,287 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें से 2,200 करोड़ रुपये सिर्फ सिविल निर्माण कार्यों के ठेकों पर खर्च किए जा रहे हैं।