भारत ने शुक्रवार (2 मई) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का आधिकारिक यूट्यूब चैनल ब्लॉक कर दिया है और साथ ही कुछ मंत्रियों के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी प्रतिबंध लगाया दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने कई बडे़ कदम उठाए हैं जिनमें ‘डिजिटल स्ट्राइक’ भी शामिल है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के 16 प्रमुख यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, कई फिल्म स्टार, क्रिकेटर्स और अन्य प्रमुख हस्तियों के इंस्टाग्राम और X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। जिन लोगों पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाया है उनमें बाबर आजम, शाहीन अफरीदी, हानिया आमिर, फवाद खान, माहिरा खान, आतिफ असलम और अरशद नदीम जैसे लोग शामिल हैं। आइए जानते हैं इस कार्रवाई के पीछे के 5 प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
भारत विरोधी दुष्प्रचार को रोकना
भारत सरकार ने पाया था कि पाकिस्तान से संचालित कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत के खिलाफ झूठी और भ्रामक खबरें फैला रहे हैं। जब सरकार ने यूट्यूब चैनल्स पर प्रतिबंध लगाया था तो यह दावा किया गया था कि ये चैनल्स सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक बयान और गलत सूचना प्रसारित कर रहे थे। इन खबरों को रोकने के लिए ज़रूरी था कि ऐसे चैनल्स के खिलाफ कार्रवाई की जाए तो सरकार ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पाकिस्तान पर दबाव बनाना
इन हैंडल्स और चैनल्स को बैन करने के पीछे की रणनीति पाकिस्तान पर दबाव बनाना भी हो सकती है। इसके ज़रिए पाकिस्तान, दुनिया और इन हस्तियों को यह संदेश दिया जा सकता है कि पाकिस्तान की आतंकवाद से निपटने की नीतियों से भारत में भारी नाराज़गी है। इससे जिन लोगों पर प्रतिबंध लगा है वे भी पाकिस्तान की नीतियों को लेकर सोचने पर मजबूर ज़रूर होंगे कि किस तरह पाक को अपनी नीति को बदलने की ज़रूरत है।
राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करना
जब देश में आतंकी हमले जैसी दुखद घटना होती है तो लोगों में दुख के साथ-साथ गुस्से की भावना भी प्रबल होती है। भारत में भी लोग पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं लेकिन तुरंत सीधे जाकर पाकिस्तान पर युद्ध नहीं किया जा सकता है। ऐसे में लोगों की भावनाओं के साथ खड़े होने के लिए सरकार द्वारा कुछ कड़े कदम उठाती है जिनमें डिजिटल स्ट्राइक जैसी चीज़ें शामिल हैं। इसका मकसद लोगों के गुस्से को शांत करना और यह दिखाना होता है कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। सेलेब्रिटीज़ को निशाना बनाना इसलिए असरदार होता है क्योंकि उनकी उपस्थिति का प्रभाव अधिक होता है।
सामाजिक सौहार्द को बनाए रखना
भारत द्वारा जिन चैनल्स या लोगों पर प्रतिबंध लगा है उनमें से कई ऐसी फर्ज़ी खबरें फैला रहे थे जिससे समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने का खतरा था। इसलिए ऐसे विचारों तक लोगों की पहुंच कम रहे इसलिए इन चैनल्स पर प्रतिबंध लगना ज़रूरी था। इनमें से कई चैनल्स के कंटेंट के ज़रिए घृणा और दुश्मनी को बढ़ावा दिया जा रहा था। इस तरह की सामग्री से भारत में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी। साथ ही, इन चैनलों ने कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को भारत सरकार की साजिश बताने की कोशिश की जिससे जनता में भ्रम और असंतोष फैलाया गया। इस तरह के दुष्प्रचार से भारत की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा था।
भविष्य के लिए सावधानी रखना
जब भारत-पाकिस्तान जैसे देशों के बीच तनाव बढ़ता है तो सरकारें सूचनाओं को नियंत्रित करने और जनता के बीच अपनी बात को मजबूत करने के लिए कदम उठाती हैं। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाए हैं वे कदम किसी खास पोस्ट के खिलाफ नहीं बल्कि इस वजह से भी उठाए जाते हैं कि कुछ लोगों के प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे अकाउंट्स को ब्लॉक करके सरकारें सूचनाओं पर कड़ा नियंत्रण रखती है जिससे कोई भी ऐसी बात ना फैले जो राष्ट्रीय सुरक्षा या देश की नीति के खिलाफ जाए।
भारत सरकार की यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सौहार्द और देश की अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक थी। पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया चैनलों और अकाउंट्स द्वारा फैलाए जा रहे झूठे और भ्रामक दुष्प्रचार से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे किसी भी प्रयास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिससे देश की सुरक्षा और एकता को खतरा बनता हो।